बिन तेरे कोई कमी सी है
बिन तेरे कोई कमी सी है
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तेरे शहर में बिन तेरे कोई कमी सी है।
मेरी आंखों में इसी वास्ते नमी सी है।
न सितारों की यहां से है रह गुजर कोई।
न चांदनी का दिखा है हम सफर कोई।
सांस आकाश की कुछ थमी थमी सी है
तेरे शहर में बिन तेरे कोई कमी सी है।
न अंजुमन का पता न दरो दीवार कोई।
उजाड़ गुलशन है यहां नहीं बहार कोई।
तेरी यादें हर तरफ बर्फ सी जमी सी है।
तेरे शहर में बिन तेरे कोई कमी सी है।