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Neha Prasad

Romance

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Neha Prasad

Romance

मेरा अस्तित्व

मेरा अस्तित्व

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सोचा था मैंने एक अश्क मेरी आँखों में न आने दोगे तुम,

पर भूल गयी, मुझे हंसाने का वादा तो तुमने कभी किया ही नहीं।


मेरे तो दिनभर के हर लम्हें में तुम रहते हो,

पर भूल गयी जिस लम्हें में साथ हूँ तेरे मैं,

तूने उस लम्हें को जिया ही नहीं।


मेरी तो हर आस का सार ही हो तुम,

पर भूल गयी तुमने खुद से उम्मीद रखने को कभी कहा ही नहीं।


मैंने तो मान लिया तुमको इश्क़-ए-रब,

पर भूल गयी तुमने तो मुझसे कभी इश्क़ किया ही नहीं।


मेरी तो पूरी दुनिया, जिंदगी हो तुम,

पर भूल गयी मेरा अस्तित्व तुम्हारी जिंदगी में कभी रहा ही नहीं।


 लेकिन अब बस,


याद रखना चाहतीं हूँ मैं सिर्फ खुद को, अपनी खुशियों को, अपने अस्तित्व को,

क्योंकि तुमने तो मुझे याद कभी रखा ही नहीं।

                                  



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