उसका हाथ..!
उसका हाथ..!
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(1)
उसका हाथ ही नहीं अपितु
जब उसका साथ होता है ना
मैं एक और जीवन जी लेती हूँ
उसके न होने से ये तन निष्प्राण।
(2)
वो निर्मोही
बार बार
यूँ
हाथ छुड़ा के
चल देता है
उसे कुछ खबर क्या
उसका हाथ
मेरे लिए
सड़क पर
भीड़ मैं है
उसके साथ का अहसास
और
अकेले / एकांत में
उसकी यादों संग
एक ओजपूर्ण वर्तलप्।
चलती हैं भीड़ मैं
उसकी यादें
तो
एकांत में एक लम्बी प्रतिक्षा..!