STORYMIRROR

V. Aaradhyaa

Romance

4  

V. Aaradhyaa

Romance

तोहरे काज़र वारे नैन रे सजनी

तोहरे काज़र वारे नैन रे सजनी

1 min
386


हाथों में लगौले मेहंदिया काजल भरे नैन रे,

सजनी चलनी से निहारे रे चंदवा धीरे धीरे।

भूख और प्यास का जैसे, असर नहीं कोई,

सजना को देख चमके सजनिया धीरे धीरे।

माटी के करवा संग जले दियरवा धीरे धीरे।।


सज धजकर लागे रामा दुल्हन नई नवेली,

समय बिताए सजनी, सजना संग अकेली।

हो रही है तेजी से चंद्रमा पूजा की तैयारी,

छनक रही है पांव की पैजनिया धीरे धीरे।

माटी के करवा संग जले दियरवा धीरे धीरे।।


आते साजन जाते साजन, बोले मीठे बोल,

गोरिया की नेहा लपके, डोल सजना डोल।

कंचन हार का उपहार मिला, मन बौराया,

सासु घर कैसे मटके दुल्हनिया धीरे धीरे।

माटी के करवा संग जले दियरवा धीरे धीरे।।


प्यारी नारी सजनी करे करवा की तैयारी,

चांद देख व्रत टूटे, आए सजना की बारी।

अपने हाथों से पानी पिलाए साजन राजा, 

चंदा कैसे चमके बीच गगनिया धीरे धीरे।

माटी के करवा संग जले दियरवा धीरे धीरे।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance