आना चाहती हूं तेरी बाहों में
आना चाहती हूं तेरी बाहों में
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आना चाहती हूं तेरी बांहों में
क्या तुम बुलाओगे
आवाज देकर
क्या तुम बुलाओगे
भूलकर सारी दुनिया
तुझमें समाना चाहती हूं
तुम भी क्या मुझे
पनाहों में छुपाओगे
थक चुकी हूं बहुत
अपनी किस्मत से लड़ते लड़ते
बाहर से मुस्कुराती हूं
अब तो आंसू भी नहीं छलकते
क्या तुम भी प्यार से
मेरी ओर हाथ बढ़ाओगे
अब डर सा लगता है
मुझे हर रिश्ते से
हर कोई यहां मतलबी
प्यार से छलता है
तुम, बिना किसी स्वार्थ के
मुझे सीने से लगाओगे
मेरे जीवन साथी
अब थक गई मैं बहुत
क्या तुम प्यार से
मुझे गोद में सुलाओगे?
मौत का पता नही
कब आकर मुझे ले जाए
जब तक है जिंदगी
तुम साथ यूं ही निभाओगे