आँगन
आँगन
खुश थे, हमारे छोटे से उस आँगन में,
आज फिर उस आँगन को पाने का
मन करता हे !
बचपन के कितने सुहाने वह दिन थे
आज फिर उसे पाने का मन करता है !
खुश थे, हमारे छोटे से उस आँगन में,
आज फिर उस आँगन को पाने का
मन करता हे !
बचपन के कितने सुहाने वह दिन थे
आज फिर उसे पाने का मन करता है !