दोस्ती
दोस्ती
1 min
305
कागज़ कलम,
और स्याही की वह
दोस्ती क्यों आज कहीं
नज़र नहीं आती ?!
वह स्याही के धब्बे ,
वह कलम की सुंदर
लिखावट क्यो आज
कहीं भी नजर नहीं आती ?
दो उंगलियों के बीच
चिपकी हुई कलम कब
और कहां गिर गई ?
क्यो आज तक किसी को
नज़र नहीं आती !!
तरसते है लोग हाथ
की सुंदर लिखावट
को देखने के लिए ,
क्यो कहीं भी अब
वह नजर नहीं आती ?
सख़्त हो गयी हैं
उंगलियाँ टच सक्रीन
को दबा दबा कर ,
उंगलियों की वह नज़ाकत
क्यों अब कहीं नज़र नहीं आती ?!
एक दास्ताँ बनकर
रह गई है कागज़,
कलम और स्याही की
दोस्ती, क्यों
आज कहीं वह नजर नहीं आती ?!