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HARSUKH RAIVADERA રાયવડેરા "હસુ"

Others

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HARSUKH RAIVADERA રાયવડેરા "હસુ"

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दोस्ती

दोस्ती

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कागज़ कलम

और स्याही की

दोस्ती आज भी

याद आती है !!


वह स्याही के धब्बे ,

वह कलम की सुंदर

लिखावट क्यो आज

कहीं भी नजर नहीं आती ?


दो उंगलियों के बीच

चिपकी हुई कलम

कब गिर गई,

क्यो किसी को

नज़र नहीं आती !!


तरसते है लोग हाथ

की सुंदर लिखावट

को देखने के लिए ,

क्यो कहीं भी अब

वह नजर नहीं आती ?


सख़्त हो गयी हैं

उंगलियाँ, टच सक्रीन

को दबा दबा कर ,

उंगलियों की नज़ाकत अब

कहीं नज़र नहीं आती !


एक दास्ताँ बनकर

रह गई है कागज़,

कलम और स्याही की

दोस्ती जो

अब कहीं नजर नहीं आती !!



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