जाने क्यों लोग मुहब्बत करते है
जाने क्यों लोग मुहब्बत करते है
इस कोरोना ने
कितने घर तोड़े कितने शव फूँके
फिर भी जाने क्यों लोग बिना मास्क के घूमते है २
जिंदगी के बदले दर्द लिया करते हैं
जाने क्यों लोग बिना मास्क के घूमते हैं
तन्हाई मिलती है, महफ़िल नहीं मिलती
राहें बेफिकरी में कभी मंज़िल नहीं मिलती
सांसे रूठ जाती है, नाकाम होती है
मस्ती में लोगों का यही अन्जाम होता है
कोई क्या जाने, क्यों ये बेगाने
क्यों मचलते हैं, घर से बाहर निकलते ही
आहें भर भर के ये जिया करते हैं - २
जाने क्यों लोग बिना मास्क के निकलते हैं
देख दर्द दुनिया का कितना रुलाती है
फ़ुरक़त में जब दिल को किसी की याद आती है
ये ज़िन्दगी यूँ ही बरबाद होती है
हर वक़्त होंठों पे ये ही फ़रियाद होती है
ना दवाओं का नाम चलता है
ना दुआओं से काम चलता है
ज़हर ये फिर भी सभी क्यों पिया करतें हैं - २
जाने क्यों लोग बिना मास्क के घर से निकलते हैं
अस्पतालों में ग़मों का सैलाब होता है
दिन रात न्यूज में तमाशा खूब होता है
रातों से भी लम्बे ये कोरोना के किस्से
पुलिस सुनाती हैं इनकार के क़िस्से
बेमुरव्वत है, बेवफ़ा है वो,
उस कोरोना को अपने दवाई का,
नाम ले ले के दुहाई दिया करते हैं - २
जाने क्यों लोग फिर भी बिना मास्क के घर से निकलते हैं।