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सीमा शर्मा सृजिता

Abstract Inspirational

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सीमा शर्मा सृजिता

Abstract Inspirational

राम तुम फिर आओ

राम तुम फिर आओ

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हर घर में एक रावण बैठा 

व्यथित हो रही नारियाँ 

सीता की तरह ही बचाओ 

राम तुम फिर आओ .....

 

वो सौम्यता वो सरलता 

पुरुषों में कहीं खो गई 

सच्चे पुरुष के गुण बताओ 

राम तुम फिर आओ .....


वो धैर्यता, वो समर्पण 

मात पिता को सब अर्पण

रिश्तों की प्रीत समझाओ 

राम तुम फिर आओ.... 


अगर राम मिलें तो हर नारी 

सीता की तरह ही बलिहारी 

प्रेम का पाठ सबको पढ़ाओ

राम तुम फिर आओ.... 


अमानवता और क्रूरता ने 

घेर लिया है पृथ्वी मां को 

कलयुग में सतयुग लाओ 

राम तुम फिर आओ... 



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