आंखों में क्यों नमी है
आंखों में क्यों नमी है
रब का दिया है सब कुछ,
मुझको क्या कमी है।
एक तू नहीं तो क्या गम,
आंखों में क्यों नमी है।
होती न एक दिन भी,
तुम से यो बात मेरी।
क्यों बेचैन दिल की धड़कन,
क्यों चैन मुझको नहीं है।
मेरी रूह में तुम बसे हो,
सांसों की गहराइयों तक।
क्यों तड़पती हूं फिर तुम बिन,
क्यों पास मेरे तू नहीं है।
तोरी यादें तो पास हर वक़्त,
इन में तो न कमी है।
बस एक बार तुम आ जाओ,
ज्यादा की आस नहीं है।
होती नहीं तुम बिन,
कभी जो सहर मेरी।
तुम से ही तो रोशन,
जिंदगी यह मेरी है।
पूछते हैं सब मुझको,
क्यों उदास मेरा चेहरा।
क्यों तन्हा मैं इतनी,
तुम को एहसास नहीं है।