बाल कविता
बाल कविता
बिटिया रानी
बड़ी सयानी
खाए रोटी, पीती पानी
उछल कूद आंगन में करती
दादी के संग बात गुठिलती
धमा चौकड़ी सिर पर आंगन
बाबूजी की पीड़ा हरती
चुन्नी मन्नू कोयल काली
आओ मिट्ठू, तुम भी लाली
बरसे बादल, खेत में पानी
कहो जाएं कह मेरी नानी !
बिटिया रानी
बड़ी सयानी
खाए रोटी, पीती पानी
उछल कूद आंगन में करती
दादी के संग बात गुठिलती
धमा चौकड़ी सिर पर आंगन
बाबूजी की पीड़ा हरती
चुन्नी मन्नू कोयल काली
आओ मिट्ठू, तुम भी लाली
बरसे बादल, खेत में पानी
कहो जाएं कह मेरी नानी !