Tanha Shayar
Tanha Shayar
चले आओ मेरे चाहने वालों,
आज फिर एक ज़ख़्म, गहरा हुआ है,
सुबह से गुम थे, मेरे अरमान सब,
आज फिर किसी चेहरे पे, नज़रो का पहरा हुआ है,
चले आओ मेरे चाहने वालों,
आज फिर तनहा का रास्ता, दोहरा हुआ है,
सुबह से मैं था, जिस चौराहे पे,
आज फिर उस चौराहे पे, एक शख्श मरा हुआ है,
चले आओ मेरे चाहने वालों,
आज फिर पैदा यंहा एक, सबक हुआ है,
कौन महफ़िल से उठा, कौन मेहफ़ूज़ यंहा,
आज फिर दीपक जले, चाँद भी रुस्वा हुआ है,
चले आओ मेरे चाहने वालों,
आज फिर बिखरे पड़े है, पन्ने इधर उधर,
किसी ने खींची साड़ी, कमीज़ से पर्दा हुआ है,
आज फिर बिक गए सब लोग, आँखों में मंज़र ठहरा हुआ है,
चले आओ मेरे चाहने वालों,
तनहा शायर हु