क्या है तू ?
क्या है तू ?
बसंत की
बहार हैं
तू,
बादल की
ओस हैं
तू,
कजरे की
धार हैं
तू,
मोतियों की
हार हैं
तू,
सौदर्य की
पहचान हैं
तू,
मांझी की
पतवार हैं
तू,
हुश्न की
दीदार
हैं
तू,
फूलों की
खुशबू है
तू,
मासूमों की
मासूमियत हैं
तू,
रंगों की
रंगत हैं
तू,
यारों की
संगति हैं
तू,
चेहरे की
मुस्कान है
तू,
मुझमें तेरी
जगह
कहां,
आखिर
क्या हैं
तू ?