तुम आ गए हो
तुम आ गए हो
तुम आ गए हो
जो ज़िंदगी में हमारी
तो लगता है ऐसे
खवाबों की हो गई है
ख़त्म फरमाइश सारी।
ये क़दमों की आहट
बढ़ाये मेरी बेकरारी
तो लगता है ऐसे
धड़कनों की सतह पर
तुमने चली क़दमों की पारी।
चलो चले अब कहीं
जहाँ बस बातें हो हमारी
तुम्हें बस लगे ऐसा
की मैं हूँ तुम्हारा और
तुम हो बस हमारी।
ये वादियाँ कह रही है
इन्हे आँखों में भर दो सारी
तो जीकर तुम्हे मैं
ज़िंदगी में बसा लूँ
हो खुशियों बरसात सारी।
तुम आ गए हो
जो ज़िंदगी में हमारी।।