जन्नत
जन्नत
दिल में आरज़ू जगा कर आदत बन गए।
ख़ुदा की कसम दिल की इबादत बन गए।
रुह में इस तरह आहिस्ता से समा गए।
जिंदगी के सफर का प्यारा फरिश्ता बन गए।
समंदर सी गहरी मेरी ख़्वाहिश बन गए।
बेशकीमती पलों की अमानत बन गए।
अंजुमन के मेरे चमकते अंजुम बन गए।
फलक से आए जमीं पे करिश्मा बन गए।
जिंदगी में कर जादूगरी करामात बन गए।
हर लम्हा लम्हा तुम मेरी इनायत बन गए।
मुकद्दर से पाया नायाब तोहफ़ा बन गए।
मुकम्मल जहाँ मिले वो जन्नत बन गए।
मुकम्मल जहाँ मिले वो जन्नत बन गए।