अजनबी
अजनबी
देखा एक अजनबी को तो अपने से लगे
दिल में प्यार के फूल खिलने लगे
कुछ तो बात है उन निगाहों में
कुछ कहे तो हम उनसे कैसे कहें
देखा एक अजनबी........
दिल में बस गई उसकी छवि
इस प्यार में हम हो गए कवि
मेरी दुनिया है अब सितारों में
क्या रंग खिला है बहारों में
सांसों में उसकी ही खुशबू लिए
मैं चलूं अब हवा में उड़ते हुए
देखा एक अजनबी.........
मेरे ख्वाब थे जो निगाहों में
सच कहूं तो खुशियां है अब बाहों में
मेरी तकदीर की राहों में
तुम ही हो बस मेरी जिंदगी में
चलेंगे सफ़र में साथ हाथों में हाथ लिए
हर वादा निभाएंगे हम प्यार के लिए
देखा एक अजनबी.........
फिल्म- सिलसिला
गाना- देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए