विष्णु नारायण
विष्णु नारायण
भूतलावर अवतरले
विष्णू नारायण
मत्स्य वराह अन
रुपी परशुराम
हाती दिसे धनुष्य
असे कधी सुदर्शन
राम सीते संग
कृष्ण-रुख्मिण
नर्सिंह वामन अन
विठाई पंढरपुरी
वर्षाला निघे वारी
भारावून जाई वारकरी
