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Mahesh V Brahmankar

Inspirational

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Mahesh V Brahmankar

Inspirational

मन

मन

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मन कठीण कठीण!

त्याला नाही कुठे सिमा!!

मन कुशल, चंचल!

त्याला अंकुश हो लावा!!


मन रागीट रागीट!

मन प्रेमळ प्रेमळ!!

मन मोठे ठेवुनी!

आनंदी जगायला शिका!!


मन जोडती मनाला!

मन तोडती तनाला!!

मन शिकवी जगाला!

माणसे जोडायला शिका!!


मन संकुचित असते!

मन विशालही असते!!

मन हसवते, रडवते!

समजुन घ्यायला हो शिका!!


मन वढाय वढाय!

जशी दुधावरची साय!!

मन जिंकवते, हरवते!

मना मनाला हो हाका!!


मन कठीण कठीण!

त्याला नाही कुठे सिमा!!

मन कुशल, चंचल!

त्याला अंकुश हो लावा!!


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