STORYMIRROR

Hemant Patil

Abstract

4  

Hemant Patil

Abstract

ध्यान

ध्यान

1 min
239

चि-त तूझे अस्तिरतेकडे

मन स्वास्थ् नाही स्थिर

बैचेनी ही अस्थिर स्वाथाकडे

मन ऐकाग्रता, मन स्वच्छ स्थिर

मन स्वासत निरोगी,


मन स्वच्छ, सुन्दर, ऐकरूपते कडे ध्यान 

ऐका आध्यात्मिक शक्ती कडे दैवी शक्ती. 

दैवी कृपा, शक्ती मनाला,


शांत,विनम्र,नतंमसतक ठेवूनी

त्या शक्ती पूढे, शरण गेल्यास

दैवयशकती पूढे नम्रता पूवृक शरण

होवूनी ,देव शक्तीपूढे 

मनशांती, मन स्वास्थ्य !


এই বিষয়বস্তু রেট
প্রবেশ করুন

Similar marathi poem from Abstract