अवलिया गाडगेबाबा
अवलिया गाडगेबाबा


अमरावतीत।शेणगाव ग्रामी।
डेबूजी या नामी। जन्म झाला।।
कधी ना रमले।संसारात मन।
समाजाशी तन।वाहियले।।
दृष्टा सुधारक।बहु तत्वज्ञानी।
असे अभिमानी ।कर्मयोगी।।
झिंज्या डोईवरी।खापर त्यावरी
गाडगेही करी। या संताच्या।।
कवडीही छान।असे एका कानी
काच दूजे कानी।बांगडीची।।
जैसा हत्ती रानी ।सिंह राहे वनी।
तैसाचि कीर्तनी। चिंधीबाबा।।
स्वच्छता,चारित्र्य।त्याची शिकवण।
करी प्रबोधन। कीर्तनाने।।
नका मारू प्राणी।चोरी करू नका।&nbs
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कर्ज काढू नका।सांगे लोका।।
घेऊनि खराटा।झाडी गाव सारा।
आजारास थारा।नको म्हणे।।
अन्नछत्र,घाट। रुग्णालये किती।
बांधियेल्या अति।धर्मशाळा।।
गोपाला गोपाला।प्रिय ते भजन।
करावे नमन। 'मानवास'।।
स्पृश्य नि अस्पृश्य।भेद हा नसावा।
ईश्वर शोधावा।माणसांत।।
चले जाव,लढा।महिमा गायिला।
संदेशही दिला।दशसुत्री।।
गाडगेनगरी।अमरावतीत।
स्मारक ते स्थित। डेबूजीचे।।
साद ही अजाण।करिते नमन।
वंदिते चरण।या संताचे।।