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Shila Ambhure

Classics

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Shila Ambhure

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नवदुर्गा

नवदुर्गा

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शक्तिस्वरूपा ,शिवांगी

शैलपुत्री, शांतिदूती।।

शूलधारिणी ,शांभवी,

शिवप्रिया शिवदूती।।


बहुलप्रिया, बुद्धिदा,

ब्राह्मी तू ब्रम्हचारिणी।।

बलप्रदा ,बलशाली,

बहुला, ब्रम्हवादिनी।।


चामुंडा तू चिता चित्रा

चंद्रघंटा, चित्तरूपा।।

चंडमुंडविनाशिनी

चिति ,चराचररूपा।।


कालरात्रि ,कात्यायनी

कुष्मांडा, काली, किशोरी।।

कामाक्षी, कांति ,कराली,

कौशिकी ,क्रिया, कुमारी।।


सर्व वाहन वहना

सप्तश्रृंगी ,स्कंदमाता।।

सर्वेशा तू संमोहिनी,

सर्वज्ञानी, सृष्टिमाता।।


महिषासुरमर्दिनी

मुक्तकेशी महागौरी।।

महोदरी

,महातपा

महाबला, माहेश्वरी।।


सिद्धिदात्री, तू सती

सर्वदानवघातिनि।।

सर्वशास्त्रमयी ,सत्या

साध्वी सर्वास्त्रधारिणी।।


अनसूया, आदिमाता,

आद्या ,अक्षया ,अमृता।

अन्नपूर्णा, आदिशक्ति,

अंबिका, अपराजिता।।


रमणी ,रणचंडीका,

रत्नप्रिया, रामेश्वरी।।

रेणुका, रणरागिणी,

रौद्ररूपी, राजेश्वरी।।


वात्सल्य, वरदहस्ती,

वीरपुत्री ,वरदायिनी।।

वंदनीय वीरमाता,

विरक्त विश्वव्यापिणी।।


दैन्य, दुःख दूर दशमीला

दुष्ट दानवास दंड दमन

देई दान देवी दिव्य दृष्टी

दांभिकांचे दारूण दहन


 एक रचना माझी



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