Sajida Akram

Abstract

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Sajida Akram

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"यादों के दायरे "

"यादों के दायरे "

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जुगनू की तरह चमक थी, 

तुम्हारा इस दुनिया से जाना, 

हज़ारों ख़्वाहिशें को विराम दे गया, 

बहुत दुआएँ की पर उस रब को भी

ज़रुरत थी तो उसने हमें छोड़ बुला लिया, 

इरफ़ान खान को अपनी जन्नत में, 

बुला कर दी है एक और ऊंचाई पर

उनको कर दिया दुनिया में "अमर"!


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