Meena Singh "Meen"

Romance

4.3  

Meena Singh "Meen"

Romance

वो तुम हो (भाग-5)

वो तुम हो (भाग-5)

19 mins
1.8K


प्यारे रीडर्स,

अभी तक आपने पढ़ा कि अंजलि का एक अतीत या उसकी ज़िन्दगी का एक दर्दनाक पहलू आज मयंक के सामने आया था। मयंक ने आज अंजलि को पहले बेहद गुस्से में , फिर बेहद दर्द में और उसके बाद बेहद उदास देखा था। वो अंजलि से बात करना चाहता था। इसकी वजह शायद उसका दिल अंजलि को इस हालत में देखकर परेशान था। मयंक ने राघव की मदद से अंजलि का फ़ोन नंबर लिया और अब वो इस कशमकश में है कि उसे अंजलि को फ़ोन करना चाहिए या नहीं। आइये अब आगे पढ़ते हैं:-


मयंक अपने कमरे में बेचैनी से टहलते हुए बार-बार यही सोच रहा था कि मुझे उसे फ़ोन करना चाहिए या नहीं? उसका दिल और दिमाग दोनों ही अलग दिशा में जा रहे थे। दिल उसे फ़ोन करने की सलाह दे रहा था लेकिन दिमाग फ़ोन ना करने की। आखिरकार मयंक ने अपने दिल की बात सुनी और उसने अंजलि को फ़ोन मिला दिया। लेकिन जैसे ही एक रिंग गयी उसने घबराकर फ़ोन काट दिया। मयंक खुद से ही बात करने लगा और कह रहा था कि तुझे उससे बात करने में इतना डर लग रहा है तो प्यार क्या खाक करेगा। मयंक तुझे तो इतना डर कभी किसी से नहीं लगा तो अंजलि से क्यों डर रहा है? हाँ उसने कहा था कि वो अपने पापा की शेरनी है लेकिन तुझे खा थोड़ी न जाएगी। ये सोचकर मयंक खुद ही मुस्कुरा दिया था। तभी उसकी माँ हाथ में दो कप कॉफ़ी लिए उसके पास आई और उसे ऐसे मुस्कुराते देख कहने लगी लगता है आज “वो तुम हो” से बात हो गयी तुम्हारी?


मयंक ने कहा मॉम आप क्लीनिक से कब आई? जब तू अकेला बैठा मुस्कुरा रहा था, मयंक की माँ ने उसे कॉफ़ी थमाते हुए कहा। मयंक फीका सा मुस्कुरा कर कॉफ़ी पीने लगा। मयंक की मॉम अनुराधा जी ने कहा बेटा सब ठीक है तू कुछ परेशान लग रहा है? मयंक ने कहा हाँ मॉम..............................नहीं मॉम बस क्या बताऊँ कहकर उसने आज कॉलेज में घटी घटना और अंजलि के बारे में सब बता दिया। अनुराधा जी ने कहा बेटा वो तो बहुत परेशान होगी, तुमने बात की उससे, आई मीन उसे समझाया? मयंक ने कहा मॉम मेरी उससे कहाँ बात होती है अभी कल ही तो पहली बार मिला था और आज दूसरी बार। अनुराधा जी ने कहा बेटा कुछ भी कहो बहुत बहादुर लड़की है। मयंक ने कहा जी मॉम लेकिन आज बहुत रो रही थी। मैंने उसका फ़ोन नंबर लिया है उसकी एक फ्रेंड से लेकिन बात करने की हिम्मत नहीं हुई। अनुराधा जी ने थोड़ी देर सोचकर कहा ला फ़ोन मिला कर मुझे दे मैं बात करती हूँ। मयंक ने हैरान होकर मॉम आप क्या बात करेंगी? तू फ़ोन तो मिला कर दे फिर देख अपनी मॉम का कमाल।


मयंक ने काफी ना-नुकुर के बाद आखिरकार अनुराधा जी को फ़ोन मिलकर दिया। दो-तीन रिंग के बाद अंजलि ने फ़ोन उठाया और कहा हेलो! अनुराधा जी इधर से हेलो बेटा अंजलि बात कर रही हो? अंजलि ने कहा जी मैं अंजलि बात कर रही हूँ , लेकिन आप कौन? अनुराधा जी ने कहा बेटा मैं मयंक की मॉम बात कर रही हूँ। अंजलि ने कहा कौन मयंक? बेटा वो आपके कॉलेज में ही पढ़ता है सेकंड इयर में। अंजलि ने कहा ओह्ह जी कहिये आपने मुझे फ़ोन क्यों किया और आपको मेरा नंबर कहाँ से मिला? अनुराधा जी ने कहा बेटा नंबर तो मयंक ने आपकी किसी फ्रेंड से ले लिया लेकिन आपको फ़ोन करने की हिम्मत नहीं कर पाया। दरअसल आज कॉलेज में जो कुछ हुआ और तुम्हारी हालत देखकर वो थोड़ा परेशान हो गया था। बस तुम अब ठीक हो ये पूछने के लिए नंबर लिया लेकिन तुम्हें कहीं बुरा ना लग जाये इसीलिए फ़ोन नहीं कर रहा था। बेटा आप ठीक हो? बस यही जानने के लिए उसने मुझसे फ़ोन करने को कहा है? अंजलि सुनकर थोड़ा हैरान हुई लेकिन उसने कहा जी आंटी मैं बिलकुल ठीक हूँ, आप परेशान ना हो। अनुराधा जी ने मयंक से कहा ले बात कर और फ़ोन पकड़ा कर खुद बालकनी में जाकर खड़ी हो गयी।


मयंक ने लगभग घबराते हुए कहा हेलो! हेलो अंजलि क्या तुम अब ठीक हो? अंजलि ने कहा जी मैं बिलकुल ठीक हूँ आप परेशान मत हो। मयंक ने कहा नहीं बस वो तुम इतनी ज्यादा परेशान थी तो बस मुझे बेचैनी हो गयी थी। सॉरी अगर मेरा या मॉम का फ़ोन करना तुम्हें बुरा लगा हो? अंजलि क्या कहे उसे कुछ समझ नहीं आया तो उसने कहा मैं फ़ोन रखती हूँ बाय! अंजलि ने फ़ोन रख दिया था और अब मयंक के दिल को थोड़ा सुकून आ गया था। वो अपनी कॉफ़ी लेकर बालकनी में आया और अपनी मॉम को गले लगते हुए कहने लगा थैंक यू मॉम! अनुराधा जी ने कहा बेटा वो लड़की बहुत अच्छी है। अपने दिल की बात उसे जल्दी बता देना, मुझे अपनी बहू ऐसी ही चाहिए। मयंक ने कहा अरे वाह एक बार बात कर के ही आप तो उस पर फ़िदा हो गई? अनुराधा जी ने कहा बेटा इंसान को जानने के लिए एक सेकंड ही काफी होता है। बेटा उसका दिल सोने का है। मयंक ने कहा वाह मॉम यू आर ग्रेट। अभी मुझे नहीं पता लगा कि वो कैसी है और आपने बस एक बार बात करके इतना कुछ जान लिया। अनुराधा जी ने कहा माँ हूँ तुम्हारी तुमसे ज्यादा इंटेलीजेंट हूँ। मयंक ने कह नो डाउट मॉम, यू आर सुपर्ब मॉम!


उधर अंजलि मयंक को याद कर रही थी कि उसे मेरी इतनी फिक्र क्यों हुई? अभी तो वो मुझे ढंग से जानता भी नहीं फिर उसने ऐसा क्यों कहा कि उसे बेचैनी हो रही थी? अंजलि सोच रही थी रिया, रागिनी, नाज़िया किसी का फ़ोन नहीं आया? किसी ने ये भी नहीं पूछा कि मैं ठीक हूँ या नहीं लेकिन ये लड़का...................................तभी अंजलि के डैड वहाँ आये और उन्होंने कहा अंजलि आज कॉलेज में क्या हुआ था? अंजलि ने देखा अमिताभ जी बहुत गुस्से में थे। अंजलि को चुप देखकर उन्होंने चिल्लाकर कहा तुम्हें मना किया है फिर भी वही काम क्यों करती हो? तुम्हें कॉलेज पढ़ने के लिए भेजा है या समाज सुधारक बनने के लिए? अंजलि जानती थी कि अमिताभ जी को उसकी बहुत फिक्र होती है उसने कहा आई एम् सॉरी डैड लेकिन मैंने आज जो कुछ भी किया है वो समाज की नहीं अपनी सुरक्षा के लिए किया है। अमिताभ जी चौंक कर क्या मतलब वो लड़का तुम पर एसिड डालने आया था? अंजलि ने कहा जी पापा! अमिताभ जी अपना सिर पकड़ कर बैठ गए थे, परेशानी उनके चेहरे से साफ़ झलक रही थी। उनके सामने आज से लगभग दो साल पहले हुई घटना और अंजलि का सदमे में चले जाने का मंजर किसी फिल्म की तरह चल रहा था। अंजलि की माँ भी वहीं खड़ी थी। अंजलि ने अपने पापा के पास बैठते हुए कहा पापा आप परेशान न हो मैं बिलकुल ठीक हूँ। अमिताभ जी ने नज़र उठाकर उसे देखा और कहा लेकिन बेटा वो किसी दिन फिर आ गया तो क्या करोगी? अंजलि ने कहा पापा मैं अब वो अंजलि नहीं हूँ। याद करें आपने मुझे अपनी परी से अब अपनी शेरनी बना दिया है।


दरअसल अमृता एसिड अटैक के बाद अमिताभ जी ने अंजलि को जुडो-कराटे की ट्रेनिंग दिलवाई थी ताकि वो अपनी सुरक्षा कर सके। अंजलि अपने बैच की सबसे बेस्ट स्टूडेंट भी रही थी। अंजलि के पापा ने कहा हाँ बेटा लेकिन तुम कल से कॉलेज मत जाना। ऐसा करो पत्राचार से पढाई पूरी कर लो। अंजलि ने सुना तो कहा पापा आप ऐसा करो कि मुझे किसी कमरे में ताला लगाकर बंद कर दो ताकि कोई मुझे किसी भी तरह का नुकसान ना पहुँचा सके। अंजलि ने कहा लड़की हूँ ना आप लोगो को भी बड़ी तकलीफ होती होगी मेरे लड़की होने से? ये चुभता हुआ सवाल सुन अंजलि की माँ नैना ने कहा अंजलि ये कैसे बात कर रही हो? अंजलि ने कहा और कैसे बात करूँ माँ गलती किसी और की, गलत सोच किसी और की लेकिन घर से बाहर मैं नहीं जाऊँगी। यही तो करता है ये समाज लड़कियों को बचाने के लिए। अमिताभ जी चुपचाप सुन रहे रहे थे और वो वहाँ से उठकर चले गए। अंजलि की माँ भी अमिताभ जी के पीछे-पीछे चली गयी थी। अंजलि गुस्से में अपने बिस्तर पर लेट गयी थी। एक बार फिर उसे अमृता याद आ रही थी और याद आ रहा था जब उस पर एसिड गिरा तो लोग कह रहे थे लड़की की ज़िन्दगी तो सच में ही ख़राब होती है।


उधर नैना जी ने अमिताभ जी से कहा ये आप क्या कह रहे हैं। हमारी अंजलि इतनी कमजोर नहीं है कि हम उसे घर में कैद कर कर रखें। अमिताभ जी ने नैना जी की तरफ देखते हुए कहा जानता हूँ वो कमजोर नहीं है लेकिन मैं बहुत कमज़ोर हूँ। उसे कुछ हो गया तो खुद को कभी माफ़ नहीं कर पाऊँगा। तभी अंजलि वहाँ आई और उसने कहा पापा मुझे कुछ नहीं होगा। आप मेरी इतनी फिक्र मत किया करें कि आपकी तबियत ही ख़राब हो जाए। अमिताभ जी की आँखों से आँसू बहने लगे थे तो अंजलि भी उनके सीने से लगकर रो पड़ी और उसने कहा पापा आज मैं अमृता के पास गयी थी। उसने आज भी कोई बात नहीं की। आज भी उसी तरह चुप है बुत बनकर बैठी हुई थी। अमिताभ जी ने कहा बेटा आपको मना किया था आप क्यों अपना दिल दुखाने वहाँ पहुँच जाती हैं। वो अब कभी बात नहीं करेगी, अमिताभ जी ने कहा तो नैना ने कहा नहीं पापा मुझे पूरा यकीन है एक दिन वो मुझसे जरुर बात करेगी। आपको याद है मुझसे बात किये बिना तो वो एक दिन भी नहीं रह पाती थी। नैना जी ने अंजलि के सिर पर हाथ फेरकर कहा बेटा वो जरुर ठीक हो जाएगी। थोड़ी देर बाद सभी ने खाना खाया और अपने-अपने कमरे में चले गए थे।


मयंक अपने कमरे में लेटा हुआ अंजलि के बारे में ही सोच रहा था तभी उसने देखा अंजलि उसके सामने बैठी हुई है। मयंक उसे अपने कमरे में देख चौंक गया। उसने कहा तुम यहाँ कब आई? अंजलि मुस्कुराते हुए उसके करीब आ बैठी थी। उसने कहा तुम मुझे इतना याद कर रहे थे तो सोचा तुमसे मिल लूँ। वो तुमने कहा था ना तुम्हें बेचैनी हो रही है? मयंक ने सुना तो झेंप गया था उसने कहा हाँ, हो तो रही थी मयंक ने अंजलि को एकटक देखते हुए कहा। लेकिन तुम मुझसे मिलने यहाँ आ जाओगी ये तो मैंने सोचा ही नहीं था। अंजलि ने कहा अब कुछ बात भी करो या यूँ ही देखते रहोगे? मयंक ने कहा हाँ तुम कैसी हो अब? अंजलि ने कहा बिलकुल ठीक बैठी हूँ तुम्हारे सामने देख लो अच्छी-भली तो हूँ। मयंक ने देखा अंजलि अब बिलकुल ठीक लग रही थी। तभी अंजलि मयंक के और करीब आई और उसने कहा वैसे तुम्हें इतनी बेचैनी क्यों हो रही थी? मयंक ने अंजलि को खुद के इतने करीब पाया तो थोड़ा पीछे हटते हुए कहा वो तुम्हें रोते देखा था तो....................तभी अंजलि ने कहा तो तुम्हें अच्छा नहीं लगा? मयंक ने कहा नहीं मैं तुम्हें रोते हुए नहीं देख सकता। अंजलि ने कहा लेकिन क्यों “हम आपके हैं कौन”??? मयंक ने कहा “वो तुम हो” मेरी मोहब्बत।

मयंक ने देखा अंजलि की आँखों में इस वक़्त शरारत भरी थी। उसने कहा यार तुम सच में बहुत खतरनाक हो। अंजलि ने कहा अच्छा वो कैसे? मयंक ने कहा तुम्हारी ये आँखें बहुत शरारती हैं किसी का भी दिल चुरा सकती हैं। अंजलि ने सुना तो खिलखिलाकर हँस पड़ी थी और मयंक बस उसे यूँ हँसते हुए देखता ही रह गया था। तभी अंजलि ने कहा तुम्हारा दिल तो नहीं चुरा लिया चेक कर लो। मयंक ने अंजलि को खुद के करीब खींच कर कहा ये तो तुम्हें पहली बार देखते ही चोरी हो गया था। अंजलि ने कहा तो फिर मैं चलती हूँ? कहाँ मयंक ने हैरानी से पूछा? अंजलि ने कहा दिल चुरा लिया अब मैं चली। अंजलि और मयंक हँस पड़े थे। तभी मयंक के कानों में अनुराधा जी की आवाज पड़ी तो वो जल्दी से उठ बैठा। उसने देखा वो वहाँ अकेला है और अंजलि तो वहाँ नहीं है। मयंक ने मुस्कुरा कर कहा ओह्ह माय गॉड ये सपना था। उसने खुद के बालों में हाथ फेरते हुए कहा कितना प्यारा सपना था? अब तक अनुराधा जी आवाज लगाती हुई मयंक के पास आ चुकी थी। मयंक से उन्होंने कहा बेटा जी अपने सपने से बाहर आइये आपके डैड आपको डिनर के लिए बुला रहे हैं। जी मॉम कहकर वो मुस्कुराता हुआ अपने डैड के पास आया और उनसे बात करने लगा। अर्जुन जी ने मयंक से कल के लिए बात की और टाइम से आने को कहा। मयंक ने कहा पापा क्या मैं शाम की पार्टी में अपने कुछ दोस्तों को भी बुला सकता हूँ? अर्जुन जी ने कहा योर चॉइस बेटा जी, बुला लीजिये। मयंक ने खुश होकर कहा थैंक यू डैड।


उधर रागिनी अपने कमरे में पड़ी सोच रही थी कि सबको बस अंजलि ही पसंद है। मयंक को भी राघव को भी और भी ना जाने कितने लडको को। एक मैं हूँ मुझे तो कोई पसंद ही नहीं करता है? राघव के बारे में सोचकर वो और भी उदास हो गयी थी क्योंकि राघव उसे पहली ही नज़र में पसंद आ गया था और उसे लगता था कि शायद राघव भी उसे पसंद करता है। आज राघव ने जब अंजलि का नंबर माँगा तो बेचारी रागिनी का दिल ही टूट गया था।


रिया जो आज रोज से भी ज्यादा उदास थी। वो अपने कमरे में पड़ी बस ये सोच रही थी कि अंजलि जैसी लड़की भी रो सकती है? इतनी तकलीफ है उसके दिल में। कितना प्यार करती है वो अपनी उस दोस्त से। रिया ने कहा दोस्त हो तो ऐसी। लेकिन अगर वो मदन अंजलि पर एसिड फेंक देता तो क्या होता? काफी देर तक यही सब सोचते हुए आखिरकार वो सो गयी थी।

राघव अपने घर में अपने बिस्तर पर लेटा बस यही सोच रहा था कि रागिनी उसे पसंद करती है। अनजाने में या फिर शायद गुस्से में आज रागिनी ने अपने दिल की बात राघव के सामने रख दी थी। राघव ने तो कभी ऐसा सोचा भी नहीं था। हाँ उसे रागिनी एक अच्छी लगती थी लेकिन वो राघव से प्यार करने लगेगी ये तो राघव ने ख्वाब में भी नहीं सोचा था। या फिर यूँ कह सकते हैं कि राघव की ज़िन्दगी में इतनी परेशानियाँ थी कि वो इस तरफ ध्यान ही नहीं दे पाया। उसकी ज़िन्दगी में प्यार के लिए कोई जगह है या नहीं ये भी एक बड़ा सवाल था राघव के लिए? राघव अपने पिता के जैसा नहीं बनना चाहता था या फिर यूँ कह सकते हैं कि वो सोचता था कि प्यार के नाम पर वो अपनी माँ की तरह किसी लड़की की ज़िन्दगी ख़राब ना कर दे। उसने अपनी आँखें बंद की तो उसे रागिनी का वो मासूम चेहरा बंद आँखों में भी दिखाई दे रहा था और वो मुस्कुराने लगा था। ये शायद पहली बार था जब राघव किसी लड़की के बारे में सोच रहा था। आज उसकी आँखों से नींद गायब हो चुकी थी। उसने खुद से ही कहा राघव उसे अभी तेरे बारे में कुछ नहीं पता। क्या पता तेरे हालात जानने के बाद फिर वो तुझे प्यार ना करे! ये सोचकर ही राघव उदास हो गया था।

अगले दिन कॉलेज में:-

राघव, शुभम और नितिन मयंक का इंतजार कर रहे थे। तभी वहाँ से रिया और रागिनी निकले तो राघव की नज़र रागिनी पर पड़ी। वो आज नीले रंग का चूड़ीदार पिजामी वाला सूट पहन कर आई थी। राघव को वो आज बहुत प्यारी लग रही थी। लेकिन रागिनी ने राघव की तरफ देखा भी नहीं और आगे बढ़ गयी थी। राघव जानता था कि रागिनी ग़लतफहमी की वजह से उससे नाराज है। नितिन की नज़रें तो अक्सर रिया पर ठहर जाया करती थी। रिया की सादगी पहली ही नज़र में नितिन को भा गयी थी। शुभम ने राघव और नितिन को ऐसे देखा तो वो चिल्लाने लगा यारों मैं तो लुट गया बर्बाद हो गया। उसकी इस बात से राघव और नितिन का ध्यान उस पर गया तो उन्होंने देखा शुभम ड्रामे कर रहा था। दोनों ने शुभम को घूर कर देखा तो शुभम ने कहा यार दिस इस नोट फेयर मयंक को भी मिल गयी, तेरी वाली भी मिल गयी और इसकी वाली भी मिल गई। लेकिन मैं, मुझे भी चाहिए, मैं अकेला नहीं रहूँगा। नितिन और राघव उसकी इस हरकत पर हँस पड़े थे और तभी मयंक वहाँ आ पहुँचा था।


मयंक ने उन तीनों को हँसते देखा तो कहा क्या बात है मित्रों सब ठीक है? ऐसे पागलों की तरह क्यों हँस रहे हो? राघव ने कहा तू सुनेगा तो तू भी हँसेगा। अच्छा तो बताओ ताकि मैं भी थोड़ा हँस लूँ। राघव ने कहा अपने शुभम को गर्लफ्रेंड चाहिए। मयंक ने ये सुना तो शुभम की शक्ल देखने लगा। शुभम ने शरमाते हुए अपना मुँह दूसरी तरफ कर लिया था। उसे ऐसा करते देख मयंक, राघव और नितिन तीनों एक साथ हँस पड़े थे। उन तीनों को ऐसे हँसते देख अब शुभम भी हँस पड़ा था। तभी राघव ने कहा मयंक तेरी कल बात हुई? मयंक कुछ कहता उससे पहले ही शुभम बोल पड़ा हाँ और नहीं तो क्या बात कैसे नहीं होगी? इतना स्मार्ट है हमारा दोस्त, इससे तो कोई भी बात करेगी। बात क्या मुलाकात भी करेगी। मयंक बेचारा उनकी बातें सुन बस शरमा रहा था। मयंक ने राघव की तरफ देखा और पूछा क्या वो कॉलेज आ चुकी है? राघव ने कहा मैंने तो नहीं देखा। मयंक ने कहा यार प्लीज एक बार क्लास में देख कर आना? राघव ने कहा तू भी साथ चल। मयंक ने कहा नहीं तू जा मैं यहीं तेरा इंतजार कर रहा हूँ। राघव मयंक के बार-बार कहने पर अब क्लास के बाहर गया और उसकी नज़र रागिनी पर पड़ी तो उसे रागिनी की कही कल की बात याद आ गयी थी। वो मुस्कुराया और उसने एक बार फिर रागिनी को आवाज दी। रागिनी ने देखा तो दूसरी तरफ मुँह करके नाज़िया से बात करने लगी थी।

राघव उसकी नाराजगी समझ रहा था लेकिन वो इस बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहता था। राघव ने अब रिया को बुलाया और रिया उठकर बाहर आई तो उसने अंजलि के बारे में पूछा। रिया ने कहा वो आज कॉलेज नहीं आई है। राघव ने कहा क्या तुम्हारी कोई बात हुई है जैसे वो आएगी या नहीं? रिया ने कहा नहीं मेरी बात नहीं हुई लेकिन कल अंजलि बिलकुल ठीक नहीं थी तो शायद ही आएगी।


राघव ने कहा क्या तुम फ़ोन करके कन्फर्म कर सकती हो? रिया ने कहा सब ठीक है ना? आई मीन कोई प्रॉब्लम तो नही है? राघव ने कहा नहीं बस यही जानना था कि वो कॉलेज आएगी या नहीं? रिया ने कहा ओके और वो क्लास में वापिस गयी और अपना फ़ोन लेकर बाहर आई। उसने अंजलि को फ़ोन मिलाया तो अंजलि ने ही फ़ोन उठाया था। अंजलि ने कहा हाँ रिया क्या हुआ सुबह-सुबह फ़ोन सब ठीक है? रिया ने कहा तुम कॉलेज आ रही हो? अंजलि ने कहा नहीं यार कल जो हुआ पापा बहुत डर गए हैं और उन्होंने मुझे कुछ दिन कॉलेज नहीं जाने के लिए बोला है। रिया ने कहा मतलब कितने दिन? अंजलि ने कहा डोंट वरी ज्यादा दिन नहीं बस एक-दो दिन बाद ही आ जाऊँगी। मेरे लिए नोट्स बना लेना प्लीज। रिया ने कहा डोंट वरी मैं तुम्हारे लिए नोट्स बना दूँगी। तुम अपना ख्याल रखना। अंजलि ने कहा ओके बाय, टेक केयर!


राघव को सब समझ आ गया था कि अंजलि आज कॉलेज नहीं आएगी। रिया ने उसे पूरी बात बताई तो उसने कहा ओके थैंक यू रिया! राघव जाने लगा तो रिया ने कहा एक बात पूछनी थी अगर तुम्हें बुरा ना लगे तो? राघव ने कहा नहीं पूछो क्या बात है? रागिनी तुमसे नाराज़ है क्या? राघव ने कहा ये तो आपको रागिनी बेहतर बता पाएगी क्योंकि मुझे भी नहीं पता कि वो मुझसे नाराज है। प्लीज आप पूछ लेना कि क्या नाराजगी है ताकि मैं उसे सॉरी कह सकूँ। रिया ने कहा ओके। रिया अपने क्लास रूम में चली गयी। राघव मयंक के पास पहुँचा और उसे अंजलि के कॉलेज ना आने की खबर सुनाई तो मयंक का चेहरा लटक गया। राघव ने कहा यार इतनी बेचैनी अच्छी नहीं है। मयंक ने कहा जानता हूँ यार लेकिन क्या करूँ उसको एक मिनट के लिए भी भूल नहीं पाता हूँ। राघव ने कहा तू दीवाना हो गया है, चल अब क्लास में। उसने कहा शुभम और नितिन कहाँ हैं? मयंक ने कहा वो पहले ही क्लास में जा चुके हैं। राघव ने कहा तो हम भी चलें थोड़ा-बहुत पढ़ लें। मयंक ने कहा ह्म्म्म चलो, दोनों क्लास में पहुँचे।


क्लास के ख़तम होने के बाद मयंक ने राघव, नितिन और शुभम को शाम की पार्टी में आने के लिए कहा तो सभी ने ख़ुशी-ख़ुशी हाँ कर दी थी। मयंक थोड़ा उदास था क्योंकि आज उसने अंजलि को नहीं देखा था। कॉलेज के बाद मयंक घर पहुँचा तो सभी शाम की तैयारियों में व्यस्त थे। अनुराधा जी ने मयंक से कहा तुम्हारे कपड़े निकाल दिए हैं वही पहनना और जल्दी पहुँचो। मैं और तुम्हारे पापा अभी निकल रहे हैं। मयंक ने कहा ओके मॉम। मयंक अपने कमरे में आया और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चला गया। वो फ्रेश होकर बाहर आया तो उसने देखा अंजलि उसके बिस्तर पर बैठी है। वो मयंक की डायरी में कुछ पढ़कर मुस्कुरा रही है। मयंक झट से उसकी तरफ बढ़कर वो डायरी छीनने लगा लेकिन ये क्या अंजलि तो वहाँ से गायब हो गयी थी। मयंक ने इधर-उधर देखा और उसने कहा मयंक ये लड़की तुझे पागल कर देगी। मयंक ने बसंत काका से एक कप कॉफ़ी लाने को कहा। मयंक ने राघव को फ़ोन करके कहा शुभम और नितिन को अपने साथ ही ले आएगा। राघव ने कहा यार मेरा मन नहीं है वहाँ बहुत बड़े-बड़े लोग होंगे। मयंक समझ गया और उसने राघव से कहा लेकिन वहाँ मैं भी मिलूँगा। मैं भी तुम जैसा ही हूँ, सो जस्ट चिल्ल। राघव ने कहा हम्म ठीक है। मयंक ने फिर कहा टाइम से पहुँच जाना। मयंक ने कहा अच्छा सुन क्या मैं एक बार उसे फ़ोन कर लूँ? राघव ने कहा हम्म कर ले, तभी तुझे सुकून मिलेगा। मयंक ने कहा ओके देखता हूँ।


मयंक ने देखा बसंत काका कॉफ़ी लेकर खड़े हैं। मयंक ने उनके हाथ से कॉफ़ी लेते हुए कहा काका आपको कभी किसी से प्यार हुआ है? काका ने सुना तो हँस पड़े और कहने लगे बिटवा प्यार तो एक बार सभी को होता है। मयंक ने कहा काका कैसा लगता है जब आपको प्यार होता है? काका ने कहा कुछ लगता ही तो नहीं उस पल बस सब अच्छा लगता है। मयंक ने कहा क्या कुछ बेचैनी होती है क्या? काका ने सुना तो मुस्करा कर कहने लगे बेचैनी, बेकरारी, बेसबब मुस्कराहट और भी बहुत कुछ होता है। मयंक ने कहा अच्छा काका शाम को चलोगे आप पार्टी में। नहीं बिटवा घर जाना होगा तुम्हरी काकी की तबियत थोड़ी ठीक नहीं है। मयंक ने कहा उन्हें डॉक्टर को दिखाया आपने? काका ने कहा हाँ बिटवा दिखा दिया लेकिन वो दवाई ही नहीं खाती टाइम से तो ठीक कहाँ होगी? आप उनका ख्याल रखो काका और कहकर मयंक ने अपनी पॉकेट से कुछ रूपये निकाले और काका को देते हुए कहा ये कुछ पैसे भी रख लो और अच्छी दवाई दिलाओ वो जल्दी ठीक हो जाएँगी।

काका की ऑंखें भर आई और उन्होंने कहा बिटवा आप और मालकिन बिलकुल एक जैसे हैं। भगवान आप दोनों को खुश और स्वस्थ रखे। काका कमरे से चले गए और मयंक तैयार होने लगा तो एक बार फिर उसने देखा अंजलि उसकी बालकनी में खड़ी है। मयंक ने देखा बहुत तेज हवा चली रही है जिसकी वजह से अंजलि के बाल उड़कर-उड़कर उसके चेहरे पर आ रहे हैं। उसके कानों की बाली भी झूम रही है और अपनी ही धुन में उसके गालों को चूम रही है। अंजलि अपनी आँखें बंद किये उस ठंडी हवा को महसूस कर रही है। मयंक अनायास ही उस तरफ बढ़ने लगा लेकिन तभी उसने खुद से ही कहा नहीं मयंक वहाँ मत जा वो फिर गायब हो जाएगी। मयंक अब भी आगे बढ़ता जा रहा था। वो अब अंजलि के बिलकुल सामने खड़ा हो गया था। अंजलि उससे बेखबर ही अब भी आँखें बंद किये खड़ी थी। मयंक ने जैसे ही उसके बाल उसके चेहरे से हटाने के लिए अपना हाथ बढ़ाया वो फिर से गायब हो गयी थी। मयंक मुस्कुराया और थोड़ी देर वो भी आँखें बंद कर बालकनी में खड़ा होकर उस ठंडी हवा को खुद में समाने लगा था। उसने कहा:-

तू मौजूद है मुझमें इस हवा की तरह,

तू ही बता तुझसे दूर मैं रहूँ किस तरह,

ये हवा तेरा एहसास लिए छू रही है मुझे,

कानों में कह रही है सुना रही है मुझे,

मैं जिसके ख्यालों में हर पल हो रहा गुम हूँ,

वो और कोई नहीं है अंजलि “वो तुम हो”।

क्रमश:



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance