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Bhawna Kukreti Pandey

Abstract Romance Fantasy

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Bhawna Kukreti Pandey

Abstract Romance Fantasy

वो और मैं - 11

वो और मैं - 11

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वो- आज बहुत बिजी रहा, पर अक्सर तुम्हारा ख्याल 

आता रहा।

मैं- बिज़ी ठीक है पर ख्याल ठीक नहीं।

वो-कोई और होती तो सातवें आसमान में होती।

मैं-तुम्हे समझ नहीं आता क्या..


वैसी ढूंढो जिंदगी में..

यहां ऑनलाइन नहीं मिलेगा कुछ।

वो -कैसे ढूँढू, तुम निकलो दिमाग से तब न।

मैं-पुरुष हो, स्त्री का खालीपन सूंघना गुण है तुम्हारा।


वो-तुम...तुम मुझे क्या समझती हो बी ?

मैं- जो समझ रही हूँ ...सही समझ रही हूँ।

वो-ठीक है... समझ गया..गुड बाय।

मैं-ओके।


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