Nandini Upadhyay

Horror

4.2  

Nandini Upadhyay

Horror

वह गुड़िया ......

वह गुड़िया ......

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रोशनी चाय बना रही थी तो फिर उसे रोने की अजीब सी आवाज आने लगी । लगातार दो दिन से यह हो रहा था ।जब भी वो किचन में जाती तो साइड वाले बेडरूम से रोने की आवाजें आने लगती । यह क्या हो रहा है । वह बहुत ही डर जाती है । कल तो सोच रही थी की शायद उसका वहम हो मगर आज फिर वही आवाज । उसने जल्दी से चाय छानी और अपने रुम में आयी ।और राकेश को उठाते हुए बोली राकेश जल्दी उठो, उठो ना ये क्या हो रहा है देखो ।

राकेश अलसाया हुआ सा उठता है और जोर से कहता है , क्या हो रहा है रोशनी, क्या हो रहा बोलो । 

एक तो सोने भी नहीं देती ढंग से , तुम्हें पता है कल पूरा घर जमाया है ,मैं थका हुआ हूँ , सब काम करके रात तीन बजे तो सोया था फिर सुबह से तुम्हारी बड़ बड़ चालू हो गयी ।

तो रोशनी घबरा कर कहती है । अरे मैं डर रही हूं और तुम्हे सोने की पड़ी है ।

 

तो राकेश उठकर कहता है ,बताओ क्या हो गया ।


तो नेहा कहती है " राकेश मुझे बहुत डर लग रहा है ,


राकेश कहता है ,मतलब 


रोशनी कहती है ,"

अरे कोई रो रहा है, साइड वाले बेडरूम में कल भी कोई रो रहा था ।


राकेश जाकर देखता है तो उसे कुछ भी नहीं सुनाई देता । तो वह रोशनी को बोलता है ,रोशनी यह सब तुम्हारा वहम है । तुम जो हॉरर सीरियल देखते रहती हो ना । उनकी वजह से हो रहा है ।


सब देखना बंद कर दो तो सुनाई भी देना भी बंद हो जाएगा ।


रोशनी बोलती नहीं राकेश मेरा वहम नहीं था मैंने रोने की आवाज सुनी थी ।


राकेश फिर सोने चला जाता है ।


रोशनी सोचने लग जाती है ,अभी 2 दिन ही हुये है इस नए फ्लैट में आए हुए । और यह क्या मुसीबत आन पड़ी। कितने जतन करके यह फ्लैट खरीदा है । एक एक पाई जोड़ी तब जाकर फ्लैट की फर्स्ट इंस्टॉलमेंट भरी । बाकी तो ई एम आई आएगी ही जो राकेश मैं और अपनी कमाई से भर देंगे ।


रोशनी और राकेश एक कपल है । जिनकी शादी चार साल पहले हुई थी पहले वो रेंट के फ्लैट में रहते थे । उनका एक सपना था कि खुद का अपना फ्लैट हो तो उन्होंने 1 महीने पहले ही रीसेल में यह दो बेडरूम फ्लैट लिया था, अच्छा फर्निश्ड और इंटीरियर के साथ मिल रहा था ।जिससे कीमत भी कम थी और उनके बजट में आ रहा था । उन्होंने वह खरीद लिया और परसों ही तो इसमें आये है । और 2 दिन से रश्मि साथ यह घटना घटने लगी ।

तभी डोरबेल बजती है , तो रोशनी जाकर डोर खोलती है देखती है सामने बाई खड़ी है ।

वह कहती है । मुझे शर्मा मेमसाब ने भेजा है कि आपके घर काम करने के लिये ,आप नये आए हो ना इसलिए ।


 हाँ मैंने उन्हें बोला था काम करने के लिए । अंदर आ जाओ । थोड़ी बातचित करके वह उसको काम पर रख लेती है ।


वह कहती है मुझे पैसों की जरूरत है, गरीब आदमी हूं, इसलिये इस मकान में काम करने के लिए तैयार हो गई । कोई और काम करने वाली बाई नही तैयार नही होती ।

तो रोशनी पूछती है क्यो क्या हो गया ।


तो शांता कहती है ,मैडम इस घर में जो भी आता है ,उसकी बच्ची की मौत हो जाती है ।क्या कह रही हो रोशनी डर जाती है ,क्या बकवास कर रही हो 

तो वह कहती है ,मैडम मैं सही बोल रही हूं ।आपसे पहले खुराना सर् रहते थे है उनकी 8 साल की बेटी थी एक दिन बेहोश हुई और दूसरे दिन अपने कमरे में मरी मिली । उनसे पहले मिश्रा जी थे उनकी 10 साल की बेटी थी उसको भी पता नहीं क्या हो गया बाथरूम में 1 दिन बेहोश होकर गिरी उसके बाद खत्म हो गई ।उससे पहले भी तो ऐसी कितनी बच्चियां मर चुकी है ।आपने शायद इस मकान के बारे में पूछताछ नही करी अगर आपने पता किया होता तो अच्छा रहता ।रोशनी सोचती है हमें सस्ता मिल रहा था, तो हमने पता नही किया ।

इधर चम्पा अपनी धुन में बोलती रहती है वह तो अच्छा है कि आपका कोई बेटी नहीं है , इसलिये आपको कोई नुकसान नहीं होगा ।रोशनी कहती है ये क्या बकवास है , मैं इन बातों को नहीं मानती।पर अंदर के अंदर बहुत डर गई थीशांताबाई काम करके चली जाती है ।और रोशनी में दिमाग में वह बातें घूमती रहती है ।रोशनी फोन देखती है , dr जैन का मेल आया था , उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी , वह प्रेग्नेंट थी, वह खुश हो जाती है , 

रोशनी की तबीयत कुछ दिनों से खराब थी थोड़ा अनईजी सा फील हो रहा था तो उससे dr को दिखाया था ।तो उसने कुछ टेस्ट करवाये थे उसकी रिपोर्ट थी। 

रोशनी बहुत खुश हो जाती हर चलो रिपोर्ट पॉजिटिव है , हम अब एक बच्चा प्लान कर ही रहे थे । राकेश भी खुश हो जायेगा यह सुनकर । 

रोशनी दूसरे बेडरूम में जाके , आईने के सामने खड़े होकर खुद को बहुत खुश से निहारती है । अपने पेट पर हाथ फेरती है । 

इतने में रोशनी को हंसने की आवाज सुनाई देती है । वह चारों तरफ घूम कर देखती कुछ दिखाई नहीं देता ।वह रूम बहुत अच्छा था उसे बच्चों के हिसाब से सजाया गया था । उसका इंटीरियर भी बहुत अच्छे से किया हुआ था । एक दीवाल पर पारदर्शी कांच का कबर्ड बना था उसमें चार पाँच डॉल सजी हुई रखी थी ।


आवाज सुनकर रोशनी बहुत डर जाती है ।फिर वह राकेश के पास जाती है तब तक राकेश उठ जाता है , नाश्ता करके टीवी देख रहा था ।वह उसके पास जाकर बैठ जाती है , वह थर थर कांप रही थी क्यों क्या हुआ राकेश उसे अपने से चिपका कर कहता है ।

तो रोशनी उसे सारी बात बताती है , बाई वाली भी ।तो राकेश कहता है यह क्या बचपना लगा रखा है ,कभी कोई रोता है कभी कोई हंसता है ,तुम्हें समझ में नहीं आता ,क्या बोलती रहती हो ।

रोशनी कहती है राकेश dr की मेल पड़कर मैं बहुत खुश थी पर जब उस रुम में गयी तो , कोई हँसने लगा ।राकेश भी मेल पड़कर बहुत खुश हो जाता है । वह रोशनी का माथा चुम लेता है ।चलो यह खुशखबरी हम सब को सुनाते हैं । पर सुनो राकेश, रोशनी कहती है 

राकेश इस घर में कुछ है ,


राकेश कहता है , डार्लिंग यह हमारे सपनों का घर है कितनी मुश्किल से सारा अरेजमेंट हुआ है । क्या कर रही हो तुम, देखो आते से ही हमको खुशखबरी मिल गई ।देखना हमारी प्यारी सी बेटी ही होगी ।बेटी का नाम सुनकर रोशनी थर थर कांपने लगती है । और बेहोश हो जाती है ।


राकेश उसे डॉक्टर के पास ले जाता है डॉक्टर चेकअप करके बोलती है, एक तो प्रेग्नेंट है और थोडा काम ज्यादा होने की वजह से थकान भी हो गई है ,कमजोरी आ गई है ,इस वजह से यह बेहोश हो गई है । 


 दवाइयों दे रही हूँ , ध्यान से खिल देना , खुश रखना ,टेंशन बिल्कुल भी मत देना ।


फिर राकेश रोशनी को लेकर घर आ जाता है ,वह घर के कामों में उसकी हेल्प करवाने लग जाता है । रश्मि ऑफिस से 1 महीने की छुट्टी ले लेती है । राकेश घर से काम करने लगता है । अब रश्मि ने ध्यान देना चालू किया की वह किचन या उस बेडरूम में होती तब ही आवाजे तेज आती ,और राकेश के आते से ही बंद हो जाती । और आवाजे रूम में जो गुड़ियाएं सजायी गई थी उनसे ही आती है । वह राकेश से भी कहती है कि जो गुड़िया है ना उस रुम में उन्हीं में से आवाज आती है ।तो राकेश उसे समझाता है , रोशनी तुम ऐसी बाते क्यो सोचती हो ,तुम्हारे लिए यह सब गलत बात है तुम तो अपने बच्चे पर ध्यान दो अच्छे धार्मिक सीरियल देखो वही तुम्हारे लिए अच्छा है ।


दूसरे दिन रोशनी देखती है , एक गुड़िया छोटी सी जिसके लंबे बाल है उसी से आवाजें आती है ।तो वह गुड़िया उठाकर डस्टबिन में डाल देती है , सोचती है चलो ठीक है अब वह ना हंसेगी, न हीं रोयेगी ।दूसरे दिन वह रूम में जाती है तो , क्या देखती है , क्या वह गुड़िया तो उसकी उसी जगह पर ही है उसने डस्टबिन में जाकर देखा तो वहां कुछ भी नहीं था ।उसे यकीन हो जाता है कि जो गुड़िया है वह जादू की गुड़िया है ।


रोशनी को बहुत डर लगने लगता है, तभी बाई आती है ,राकेश तो उसकी बात सुनने को तैयार नहीं रहता है , तो वह बाई को सब बाते बातती है ।  और कहती है बाई मैं क्या करूं , वो गुड़िया इतना परेशान कर रही है ।

तो शांता बोलती है कि हमारे इधर एक बाबा है, वह ऊपर की बाधा , भूत , प्रेत के बारे में बहुत जानते हैं ,आपको तो मिलना हो तो मैं बुला लू ।

बुला दो, रोशनी कहती है ।

रोशनी सोचती है , मगर राकेश तो इन बातों को मानता नहीं है फिर क्या करेंगे।


फिर वह बाई से कहती है । देखो राकेश कल टूर पर जा रहा है , तुम कल बाबा को ले आना । वह दूसरे दिन वापस आएगा ।तब तक हम बाबा से सब पूछ लेंगे ।शांता चली जाती है वह शाम को बाबा को लेकर आती बाबा पूरे घर का मुआवना करते हैं । उस बेडरूम में जाते है , वहाँ जाकर थोड़ा घबरा जाते । वे गुड़िया को देखते हैं फिर बाहर आते हैं और कहते है असली भूत यही गुड़िया है जो तुम्हें परेशान कर रही है ।


फिर बताते हैं कि इस मकान में आज से 10 साल पहले एक फैमिली रहने आई थी 7 साल की लड़की थी उनकी , बहुत ही प्यारी थी । उसकी एक गुड़िया थी जिसके साथ ही वह खेला करती थी । गुड़िया को वह हर समय अपने साथ रखती थी ,नहाने जाती तो भी , खाना खाती, सोती उसे अपने साथ ही रखती थी । लड़की इतना प्यार करती थी गुड़िया को ।और वह गुड़िया जो थी वह शापित थी, उसमे जान आ गई थी वह गुड़िया भी लड़की को बहुत प्यार करती थी क्योकि वह लड़की दिन-रात हमेशा उसको साथ में रखती थी ।


एक दिन विदेश से लड़की के चाचा आते हैं ,लड़की के लिए विदेशी डॉल लेकर आते हैं , जो इस डॉल से बहुत ज्यादा सुंदर थी लड़की अब उसके साथ खेलने लगती है । उसको अपने साथ दिन रात ,रखती है , और इस गुड़िया को शो पीस में रख दिया ।तो यह जो गुड़िया थी उसको जलन होने लगी थी , एक दिन जलन जलन में, इस गुड़िया ने रूम में जब वह लड़की सो रही थी तो उसका गला दबाकर उसकी हत्या कर दी । कि तुम मेरी नहीं तो किसी की भी नहीं हो सकती ।तब से यह गुड़िया छोटी लड़कियों की जान की दुश्मन बन गई , जब भी कोई लड़की इस रुम आती है , वह उस लड़की को मार कर ही दम लेती है । क्योंकि इसे लड़कियों से नफरत हो गई है ।


रोशनी के सुनकर बहुत डर जाती है , और कहती है पर मेरे पीछे क्यो पड़ी है तो तो बाबा कहते हैं, तुम प्रेग्नेंट हो उसे पता चल गया था और लड़की ही है यह भी , इसलिये।रोशनी घबरा जाती है ।


"पर बेटा अभी तुम डरो मत । यब गुड़िया है तो बहुत पावरफुल पर हम भी कुछ न कुछ तोड़ निकालेंगे ।'


बाबा रोशनी को भभूत देकर चले जाते रोज इसका सेवन करना और हम ताबीज बना कर देंगे । तो तुम उस ताबीज को धारण करना ।रोशनी मान जाती है , वह कहती है बाबा आपकी फीस ।तो बाबा कहते है कुछ भी नही बेटा मैं तो जनकल्याण का काम करता हूं । और वह चले जाते हैं ।

रोशनी अपने काम में लग जाती है रोज वह भभूत लगाती और खाती, एक दिन राकेश देख लेता है और रोशनी को बहुत चिल्लाता है और भभूत फेक देता है ।उसके बाद दिन भर तो उसका अच्छे से निकल जाता है ,पर उस रूम में जाने के नाम पर उसे घबराहट होने लगती ।

पर रात में रोशनी सोती है उसे लगता है कि उसके पेट पर कोई हाथ फेर रहा है तो वह सोचती है राकेश होगा , और एकदम से आंखें खोल के देखती है तो वह गुड़िया होती है । उसके पेट पर हाथ उसी का था ।रोशनी जोर जोर से चिल्लाती राकेश उठ जाता है ,राकेश गुड़िया मेरी बच्ची को मार डालेगी ,


तो राकेश कहता है नहीं नहीं कुछ नहीं होगा रोशनी । राकेश बहुत अच्छे से उसके समझाता है । चलो सो जाओ तुम्हे यह घर अच्छा नही लगता तो हम फिर से रेंट वाले में शिफ्ट हो जाते है मैं तुन्हें इस तरह नही देख सकता , रोशनी खुश हो जाती है ,

दूसरे दिन रोशनी शांता से कहती है कि बाबा से भभूत ले आना मेरी खत्म हो गयी, और ताबीज का भी पूछ लेना । तो शांता जो बताती है उससे रोशनी के होश उड़ जाते है ।


वह कहती है , बाबा को तो उसी रात किसी ने मार दिया । आप डर नही जाओ इसलिए आपको बताया नही ।रोशनी बहुत डर जाती है , वह जल्दी जल्दी समान पैक करती है और , राकेश को फोन करती है ।फिर किचन में जाने लगती है तो पेट के बल गिर जाती है ।

 जब उसकी आंख खुलती है तो खुद को हॉस्पिटल में पाती है 

धीरे धीरे उसे पता चलता है कि, राकेश आ गया था, जो उसे हॉस्पिटल लेकर आया मगर उसका बच्चा नही बच पाया , चार महीने हो गये थे इसलिये पता चल गया कि वह लड़की ही थी ।उसने अपनी बच्ची खो दी थी, । 


वह गुड़िया औरों की तरह उसकी बच्ची को भी खा गयी थी । रोशनी गुमसुम हो जाती है , वह एक हफ्ते हॉस्पिटल में रही ।उसके बाद वो सीधे रेंट के फ्लैट में ही जाते है । और उस अपने फ्लैट को बेचने का सोच लेते है ।इधर उनके फ्लैट में , गुड़िया के रोने की आवाजें लगातार आती रहती है , शायद वो फिर हँसेंगी जब नया शिकार आएगा ।


  



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