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Sangeeta Gupta

Romance Others

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Sangeeta Gupta

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वेलेटाइन डे या प्रेम का दिखावा

वेलेटाइन डे या प्रेम का दिखावा

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अब लोगों को अपने प्यार का इजहार करने के लिए एक विशेष दिन का इंतजार करना पड़ता हैं वो भी " 14 फरवरी वैलेंटाइन डे " का......सोचकर हैरानी होती है नैना जी की कैसा जमाना आ गया है जहां अपने प्यार को जताना पड़ता है और वो भी महंगे महंगे गिफ्ट और फूलों का गुलदस्ता देकर.......!


मैंने तो आज तक आपको एक भी फूलों का गुलदस्ता नहीं दिया फिर तो आप हमसे इतना प्रेम करती है। और ना ही आपने कभी हमें आई लव यू कहा फिर भी हमारा प्यार किसी वेलेंटाइन डे का मोहताज नहीं रहा फिर इन बच्चों को क्यों ये सब जताना पड़ता है एक दूसरे के लिए समझ नहीं आता.....??


एक हमारा जमाना हुआ करता था जहां कोई वेलेंटाइन डे फे नहीं मनाया जाता था क्योंकि हमारे जमाने में लोग प्यार का झूठा दिखावा नहीं करते थे। आजकल का प्यार तो बस इन अंग्रेजों के दिए वेलेंटाइन डे पर ही निर्भर हो गया है। 


अभी अपनी बहू रिया को ही ले लीजिए कल तक तो मुंह पूरा फुला हुआ था ऐसी मायूसी छाई रहती थी चेहरे पर की पूछो ही मत और आज देखिए विक्की ने एक खूबसूरत सा फूलों का गुच्छा और गिफ्ट लाकर क्या दिया चेहरा ही खिला खिला सा हो गया है। हद करते है आजकल के बच्चे भी नैना जी। 


क्या जरूरत थी विक्की को अभी इतने पैसे खर्चने की......?? अभी अभी तो उसकी नई नई जॉब लगी है और सैलरी भी इतनी नहीं है फिर भी महाशय को अपनी पत्नी के मुरझाए चेहरे को खुश करना था...... खिजते हुए लालन जी अपनी पत्नी से कह रहे थे। 


लालन जी आप भी ना बस वही अटक जाइए......। जरूरी है क्या जो आपने नहीं किया हो वही आपका बेटा भी नहीं करें। अरे समय बदल गया है। अब प्यार को जताने के लिए कहना और करना पड़ता है। देखते नहीं है क्या टीवी , फिल्म में हर बात पर अभिनेता अभिनेत्री " आई लव यू " कहते रहते है और फूलों का गुलदस्ता भेंट देते रहते है। बस वही चलन निभा रहे है सब। 


दूसरी बात ये भी है ना लालन जी आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में बच्चे इतने उलझ जाते है कि उन्हें प्यार जताने के लिए एक दूसरे को वक्त ही नहीं मिलता। हमारे समय जैसा थोड़े ना हैं की शाम ढलते ही अपने अपने बसेरे में लौट जाओ और अपना बहुमूल्य समय परिवार के साथ व्यतीत करो। 


हमारे दिन कुछ और ही थे लालन जी। जहां प्रेम महसूस किया जाता था एक दूसरे के जज्बातों में , आंखों में और एहसासों में। तभी तो इतने मजबूत होते थे। पर अब रिश्तों में वो आकर्षण और वो बात कहा रही जी। अब तो छोटी छोटी बातों में रिश्ते टूट कर बिखर जाते है इसलिए तो ये सब चोंचले खास तौर पर करने पड़ते है। 


सही कह रही है आप नैना जी। आजकल के रिश्ते बहुत नाजुक होते है थोड़ा सा खिंचाव हुआ नहीं की टूट जाते है। चलिए ठीक ही है कम से कम हम तो इन सब में नहीं फंसे नहीं तो आपको मानने में मेरी पूरी जिंदगी निकल जाती नैना जी........ छेड़ते हुए लालन जी कहते है। 



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