Abhisek Nayak

Abstract

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Abhisek Nayak

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उसकी आँखें गुस्से से भरी हुई थी

उसकी आँखें गुस्से से भरी हुई थी

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निम्नलिखित शब्द आयशा के द्वारा कहे जा रहे हैं, तो आयशा कहती है कि:

मैं अपने दोस्तों से बहुत दिनों बाद मिल रही थी। मैं और मेरे दोस्त, हम अपनी बातों में पूरी तरह खो गए थे। हममें से हर कोई एक दूसरे की कहानियों के मज़े ले रहा था। हम लोग इतने समय के बाद एक दूसरे से मिलकर बहुत ही खुश थे।

वहाँ पे बहुत ही भीड़ थी। वहाँ जो कोई भी हमारे नजदीक से गुज़र रहा था हमें 'Hi', 'Hello', 'Good Evening', 'Excuse Me', आदि बोल रहा था। उसी दौरान, अचानक हमारे अगल-बगल से एक लड़का बहुत ही तेज़ी से गुज़रा, अगर हम लोगों ने थोड़ी सावधानी नहीं बरती होती तो वो लड़का हममें से किसी के साथ बुरी तरह टकरा जाता। और उसे देखके ऐसा लग रहा था जैसे उसे इस बात की कोई परवाह ही नहीं थी। मैंने पीछे से उसको आवाज़ लगाई, "Hey mister, excuse me." मेरी आवाज़ सुनके उसने गुस्से से मेरी तरफ देखा और बिना कुछ बोले आगे चल दिया। उसकी आँखें गुस्से और अहंकार से भरी हुई थी। यह देखके मुझे बहुत ही गुस्सा आ गया। मैंने तब सोच लिया की इस लड़के का पता लगागे इसको सबक सीखाना पड़ेगा।

मैंने उस लड़के को library में देखा

एक दिन, मैंने उस लड़के को library में पढ़ते हुए देखा। उसके आस-पास कोई भी नहीं बैठा था। उस समय मैं सोच रही थी कि उसके पास जाके उसको दो-चार सबक सीखा दूँ पर मैंने अपने आप को कंट्रोल किया क्योंकि मैं library में किसी प्रकार की अशांति नहीं फैलाना चाहती थी। तो मैंने सोचा कि क्यों न इसका पीछा किया जाए और यह पता लगाया जाए कि वो असल में स्वभाव में कैसा है, क्योंकि अब तक तो वो बिलकुल शांत स्वभाव का लग रहा था।

वह कैंटीन के अंदर गया

वो library से बाहर निकला और मैं भी उसके पीछे-पीछे चल दी और इस बात कि उसे भनक तक नहीं थी। फिर वो कैंटीन की और चल दिया, और मुझे तो कैंटीन जाना ही था, और यह बताने कि ज़रूरत नहीं है कि क्यों। वहाँ भी वह अकेले अपना lunch कर रहा था, मेरे कहने का मतलब है कि कोई उसके पास नहीं बैठा था, "क्या उसका कोई दोस्त नहीं है?" यह सवाल मेरे दिमाग में घूम रही थी। अपना lunch खतम करने के बाद, वो अपने table से थाली उठाने वाले व्यक्ती से कुछ बातें करने लगा। उन दोनों को बातें करते देख ऐसा लग रहा था कि उनके बीच बहुत ही अच्छी और हसी-मज़ाक वाली बातें चल रही थी। ऐसा लग रहा था कि वो दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं। उस समय मैंने उस लड़के को पहली बार मुसकुराते और हस्ते हुए देखा। कितना प्यारा लग रहा था वो हस्ते-मुसकुराते हुए। उसके इस बर्ताव को देख मेरे मन में उसको जानने की इच्छा और भी बढ़ गई, तो मैं चल पड़ी उसके पीछे-पीछे जहाँ वो चलता गया।

वह अपनी Class के लिए गया

वह canteen से अपनी class के लिए गया। जब मैंने खिड़की के ज़रिए बाहर से classroom के अंदर झाँका, तो मैंने देखा कि वो अपने bench पे अकेले ही बैठा था। वहाँ भी उसे कोई भी कुछ भी नहीं बोल रहा था। उस समय मेरी कोई class नहीं थी, तो मैंने अपने दोस्तों को पास ही के एक खाली classroom पे गप्पे लड़ाने के लिए बुला लिया, और उस लड़के की class खतम होने तक का wait किया।

जब उसकी class खतम हो गई, सभी classroom से बाहर आ गए, पर एक लड़का था जो उस अकेले बैठे लड़के के पास गया और वो दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे, तब फिर मैंने उस लड़के को मुसकुराते हुए देखा। पता नहीं क्यों मैं जब भी उसे मुसकुराते हुए देखती मेरी मुस्कुराहट अपने-आप बाहर आ जाती। फिर वो लड़का जो उससे बात कर रहा था वो classroom से बाहर आ गया पर वो अच्छी मुस्कुराहट वाला लड़का अभी भी classroom में ही था, बिलकुल अकेला।

मैं उस लड़के से मिली जो उससे बात कर रहा था

मैं उस लड़के से मिलने गई जो उससे बात कर रहा था। मैंने कहा "Hi, मैं हूं आयशा"। उसने कहा, "Hello, (मैं हूं) विशाल। " मैंने कहा, "क्या तुम मुझे उस लड़के के बारे में बता सकते हो जिससे तुम कुछ समय पहले classroom में बात कर रहे थे। मैं उस लड़के से बात करना चाहती हूँ। चार दिन पहले, party में उसका मेरे और मेरे दोस्तों के तरफ बर्ताव थोड़ा अजीब था, और वो इतना अकेला क्यों रेहता है? "

उसने कहा, "उसका नाम निशांत है। लगभग हर कोई उससे डरता है और उससे दूर रेहता है। पर पहले ऐसा नहीं था। वह एक मिलनसार लड़का है। वह एक सामान्य लड़का है पर हर कोई उसको इस नजरिए से नहीं देखता, और इसका कारण है जीशान। निशांत को जीशान या किसी और से कोई दिक्कत नहीं थी। जीशान को हर किसी को चिढ़ाने की आदत है और वह उन्हें तब तक चिढ़ाता है जब तक वो पूरी तरह चिढ़ नहीं जाते। एक दिन class में जीशान कुछ लोगों को चिढ़ा रहा था और उनमें से एक था निशांत। उस दिन किन्हीं कारणों से निशांत का mood बहुत खराब था। उसका दिन बहुत ही खराब जा रहा था।

इसी वजह से निशांत का जीशान से झगड़ा हो गया और निशांत ने जीशान के जबड़े को बुरी तरह मुक्का मार दिया जिसकी वजह से जीशान चोटिल हो गया। जब लोगों ने उससे उसके चोटिल जबड़े के बारे में पूछा, तो उसने कहा, "मैं तो बस मज़ाक कर रहा था जैसा हमेशा करता हूँ पता नहीं वो निशांत मेरे पास क्यों आया और मेरे जबड़े पर इतनी ज़ोर से मार दिया। अब मैं ज़्यादा कुछ छिपाना नहीं चाहता, ज्यादा लोगों को नहीं पता पर वो बीच-बीच में ऐसी हरकतें करता रेहता है। दरसल उसकी मानसिक स्थिति इतनी सही नहीं है। मैं तो कहुंगा कि तुम लोगों को अपनी जान प्यारी है तो उससे दूर ही रहो। " चूंकि कॉलेज में ज्यादातर लोग जीशान को जानते हैं इसलिए निशांत के बारे में यह बात ऐसे फैल गई जैसे कि कोई खतरनाक वाइरस। उस दिन के बाद से ज्यादातर लोग निशांत से दूर रहते हैं। क्या तुमने इन सब के बारे में नहीं सुना था? "

मैंने कहा, "हाँ। मैंने इसके बारे में सुना था लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह सब निशांत के बारे में है।"

ज्यादातर लोग सोचते हैं कि निशांत घमंडी और हिंसक है

विशाल ने कहा, 'ज्यादातर लोग सोचते हैं कि निशांत घमंडी और हिंसक है। वे ऐसा इसलिए सोचते हैं क्योंकि ज्यादातर समय निशांत का चेहरा गुस्सैल लगता है। जब उसे ( निशांत ) यह अहसास होता है कि लोग सिर्फ किसी के कहने पर उससे दूरी बना रहे हैं , तब वो गुस्सा हो जाता है और इसलिए ज़्यादातर समय उसके चेहरे पे गुस्सा होता है। "

हमने निशांत से दोस्ती कर ली

विशाल की ये बातें सुनकर मुझे निशांत के लिए बुरा लगा। ये बातें मैंने अपने दोस्तों को भी बताई। विकाश की मदद से हमने निशांत से भी दोस्ती कर ली। चूंकि, मेरा और मेरे दोस्तों का group भी कॉलेज में काफी popular था, जिसकी वजह से निशांत के अब विशाल के अलावा भी दोस्त थे और लोग अब निशांत को उस नज़रिये से नहीं देखते हैं जिस नज़रिये से वे जीशान के कहने पर देख रहे थे।

जब मैंने पहली बार निशांत से बात की , तो मैंने कहा, "Hi, मेरा नाम आएशा है"।

निशांत : Hello, मैं निशांत। मैं अपने उस दिन के बर्ताव के लिए शर्मिंदा हूँ। मेरा यकीन करो , तुमने मुझे जिस हालत में देखा था मैं बिलकुल भी वैसा नहीं हूं। मैं तो बस जीशान और दूसरे लोगों की बातों से परेशान था। मैं उस दिन बहुत ही गुस्से में था। प्लीज मुझे उस दिन के लिए माफ कर दो।

आयशा : नहीं, कोई बात नहीं। मैं समझ सकती हूँ। तुम्हें शर्मिंदा होने की कोई ज़रूरत नहीं। मैं जानती हूँ कि तुम किस परेशानी से जूझ रहे हो और तुम मेरा यकीन मानो अब तुम्हारी परेशानियाँ बहुत कम हो जाने वाली हैं क्योंकि अब हम सब (आएशा और उसके दोस्त) तुम्हारे दोस्त हैं।

निशांत : समझने के लिए शुक्रिया। बहुत-बहुत शुक्रिया और तुम्हें भी विशाल।

विकाश : जी, शुक्रिया के लिए धन्यवाद।

Note: यह कहानी मेरे ही द्वारा लिखी गई अंग्रेज़ी कहानी 'A Guy rushed towards us' से मेरे द्वारा अनुवादित की गई है।


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