लड़के ने अपनी भावनाओं को लड़की के साथ साझा किया
लड़के ने अपनी भावनाओं को लड़की के साथ साझा किया
कहीं किसी कॉलेज में, एक लड़का था जिसे अपने कॉलेज की एक लड़की से प्यार हो गया था। कई दिनों तक केवल लड़की के सुंदर चेहरे को देखने के बाद, एक दिन, लड़के ने अपनी सारी भावनाओं को लड़की के साथ साझा करने का फैसला किया। उसके प्रति लड़के की भावनाओं को जानने के बाद, लड़की ने कहा, "sorry, मुझे तुमसे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन मुझे अभी इन चीजों में नहीं पड़ना है।"
लड़की का जवाब सुनने के बाद, लड़का अपने दोस्त के पास गया और उससे वो सब बातें बताई जो वो उस लड़की से कर रहा था। दोस्त ने जवाब दिया, “क्या तु पागल है ? यह सब बातें कोई लड़का किसी लड़की से अपनी पहली मुलाक़ात में करता है भला, सबसे पहले आप एक दूसरे के बारे में बात करते हैं, फिर दोस्ती होती है, तब जाके यह सब बातें करते हैं, जो तुम अभी करके आए हो। "
लड़के ने कहा, "लेकिन, मेरे पास इतना धैर्य नहीं था। यह जो भावनाएँ मेरे अंदर थी, मेरी नींदें हराम कर रहीं थी। ”
दोस्त ने कहा, "तो, तू सच में पागल है, पर अभी, तुझे आगे बढ़ना होगा क्योंकि उसकी बातों से ऐसा लग रहा की उसे तुझमें खास दिलचस्पी नहीं है।"
लड़का: नहीं, मुझे लगता है कि कोई तो कारण है जो उसे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से रोक रहा है। मैं वो कारण उससे पूछने जा रहा हूं।
दोस्त: भगवान के लिए ऐसा मत कर। कभी-कभी किसी बात का कोई कारण नहीं होता। वह तुमसे कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती।
लड़के ने अपने दोस्त की नहीं सुनी और कुछ दिनों बाद, वो उस लड़की के पास गया, उससे वो कारण पूछने।
लड़की ने कहा, "इसका कारण यह है कि मैं तुमको उस नज़रिये से नहीं देखती जिस नज़रिये से तुम मुझे देखते हो।"
लड़का: लेकिन क्यों ?
लड़की (गुस्से से): Sorry। क्या तुम पागल हो ? तो क्या मुझे अपने फैसलों की वजह तुम्हें बताना ज़रूरी है ?आइंदा कभी मेरे पास आने की हिम्मत भी मत करना।
लड़की वहां से चली जाती है और लड़का उसे अपने मन में बोलता है कि, “इस लड़की को तो बात करने की तमीज़ ही नहीं है, कितनी बदतमीजी से यहाँ से चली गयी।”
कुछ दिनों के बाद, लड़के के कॉलेज में, एक अन्य लड़की उसके गणित के doubts पूछने के लिए उसके पास आती है।
अन्य लड़की: क्या तुम please मुझे इन गणित के problems में मदद कर सकते हो ?
लड़का: क्यों नहीं ? देखें तो, कैसे problems है।
वह लड़का उस लड़की की गणित में मदद करने में लग जाता है।
अन्य लड़की: Thank you so much, मुझे तो बिलकुल भी समझ नहीं आ रहा था की कहाँ से शुरू करूँ और कहाँ खतम, गणित की इन्न problems को। तुम्हारे बिना यह सब करना मेरे लिए पॉसिबल ही नहीं था, thanks again।
लड़का: You are welcome।
अन्य लड़की: तो इस बात पे मेरी तरफ से तुमकों लंच में treat। Please मुझे मना मत करना, अगर तुमने मना किया तो मैं बुरा मान जाऊँगी और दुखी हो जाऊँगी।
लड़का: हाँ क्यूँ नहीं, इसमें मना करने वाली कोई बात ही नहीं है।
उन दोनों ने lunch पे एक-दूसरे के साथ बहुत ही अच्छा समय बिताया। लड़के ने यह बात अपने दोस्त से साझा की।
दोस्त: ओह, तो तेरी आज lunch-date थी ?
लड़का: क्या बात कर रहा है यार, यह तो सिर्फ lunch ही था।
दोस्त: क्या तु उस लड़की को पहले से जानता था ?
लड़का: नहीं।
दोस्त: अगर वो लड़की तुझसे अगली बार मिले और तुझसे पूछे, “क्या तुम मेरे साथ date पे चलोगे ?” तो तुम्हारा क्या जवाब होगा ?
लड़का: Obviously, मेरा जवाब ना होगा। मुझे ऐसा नहीं लगता। हम तो बस अभी-अभी मिले हैं।
दोस्त: क्यों नहीं ?
लड़का: क्या ? क्या इसका कोई कारण होना ज़रूरी है ?
दोस्त: बिल्कुल। बिलकुल ज़रूरी नहीं है। तो अब पता चला तू कहाँ गलत था ?
लड़का: अरे हाँ यार, मैं सच में पागल हूँ यार,
दोस्त: ह्म्म, मुझे पता था।
यह कहानी एक अँग्रेजी कहानी 'The Boy shared his Feelings with Girl' से अनुवादित किया गया है, जो मेरे ही द्वारा लिखी गयी है।