सब सही लगने लगेगा
सब सही लगने लगेगा
एक आदमी बस-स्टॉप की और भाग के आ रहा होता है। बस-स्टॉप पे पहुँचने के बाद, वो आदमी वहाँ पे मौजूद और एक शख्स से पूछता है, “आज मैं थोड़ा लेट हो गया। दस बजे वाली बस आई तो नहीं न?”
वो शख्स (जो उस आदमी से पहले कभी नहीं मिला था): नहीं sir, नहीं आई। लगता है आज आपकी तरह बस भी late है।
आदमी: हा हा हा। तुम भी ऑफिस जाने के लिए खड़े हो क्या?
शख्स : जी sir. इन फॉर्मल कपड़ों में और कहाँ जाऊंगा?
आदमी: हा हा हा। लगता है तुम्हें फॉर्मल पहनना पसंद नहीं है।
शख्स : बिलकुल सही पकड़ा sir। कॉलेज में तो कुछ भी पहन के चले जाते थे, और ऊपर से उन कपड़ों में स्टाइल मारने का मज़ा तो कुछ और ही था। पर इन फॉर्मल कपड़ों ने तो मानो जैसे जकड़ के रखा हो। जब भी यह कपड़े पहन के ऑफिस जाता हूँ, तो ऐसा लगता है जैसे मुझे कोई बेड़ियों से बांध के सज़ा देने ले जा रहा हो। ऑफिस में हर समय किसी न किसी की सुननी पड़ती है, “यह करो, यह मत करो, यहाँ बको, यहाँ मत बको।“
आदमी: लगता है नए-नए recruit हुये हो।
शख्स : sir आपको बिलकुल सही लग रहा है और ऑफिस में मुझे अजीब-अजीब सा लगता है। ऐसा लगता है जैसे बहुत दिनों तक लगातार बारिश हुयी है और आप बारिश की वजह से एक ही जगह पे बंद हो।
आदमी: अरे थोड़ा धैर्य रखो। बस एक साल की ही तो बात है, फिर सब सही लगने लगेगा।
शख्स : sir पक्का न, सब सही लगने लगेगा, क्या सच में एक साल में सब सही हो जाएगा?
आदमी: सही होगा या नहीं होगा यह तो पता नहीं पर सही लगने ज़रूर लगेगा।
शख्स : sir आपके तो बहुत साल हो गए होंगे आपके ऑफिस में, आपका तो sir बहुत सही चल रहा होगा न?
आदमी: हाँ, पहले से सही तो लग रहा है पर पिछली चीजों से आगे बढ़ जाने के बाद नए और अलग झंझटों से निपटना पड़ता है। जैसे हमारे ऑफिस का शर्मा, उसकी मौजूदगी में तो मुझे कोई पूछता ही नहीं है, चाहे वो जूनियर हो या कोई सीनियर। यहाँ तक की जब भी social media site खोलो तो वहाँ भी उनके चर्चे हो रहे होते हैं। कल वो शर्मा अपने नए ब्रांडेड कपड़ों के लिए बड़ी तारीफ़ें बटोर रहा था, पर आज मेरे नए ब्रांडेड घड़ी की बारी है।
शख्स : ज़रा संभाल के sir, कहीं दूसरे को जलाने के चक्कर में आप खुद न जल जाए, बुरा मत मानीएगा मैं तो बस मज़ाक कर रहा था। लीजिये, आपकी bus भी आ गयी, संभल के जाइयेगा।
एक ब्रांडेड घड़ी के showroom पे (उन आदमी और शख्स के वार्तालाप से 11 घंटे पहले)...........
विक्रेता (एक घड़ी दिखते हुये): sir, यह वाली देखिये। यह बिलकुल latest है। जैसा दाम वैसा काम।
शर्मा: अरे वाह, सही है। यह वाली final कर दो।
