Smruti ✨

Romance

3  

Smruti ✨

Romance

उफ्फ! ये इश्क भी ना भाग ३

उफ्फ! ये इश्क भी ना भाग ३

6 mins
217


जोशी इंडरस्टी....

सेकेंड फ्लोर, रूम नंबर ३....

इंटरव्यू रूम के बाहर कई लड़के लड़कियां बैठे थे, आरुषि आकर वेटिंग सीट पर बैठ गई। एक एक करके सभी लड़के और लड़कियां अंदर इंटरव्यू के लिए बुलाया जा रहा था। कुछ देर के बाद उसका नाम बुलाने पर बो अंदर चली गई, आरुषि ने सब सवाल का जवाब ठीक ठीक दिया और उसके मार्क भी बहुत अच्छे थे। उन लोगों ने इंटरव्यू लेने के बाद आरूषि बाहर बैठने के लिए कह कर बाकिओ का इंटरव्यू लेने लगे, सबका इंटरव्यू लेने के बाद तकरीबन आधे घंटे के उस रूम में से एक आदमी आकार कहता है रितेश लोखंडे, गीता राने, विवान शिंदे, आरूषि चवान और हर्षिता पाटिल आप लोग सेलेक्ट हो चुके हो आप सब कल से ऑफिस ज्वाइन कर सकते हो। और बाकी सब आप अगली बार ट्राय करना अभी आप लोग यहां से जा सकते है।

                     उन पांचों को छोड़ कर सभी वहां से चले गए, उन्होंने एक दूसरे से इंटरड्यूस हुए फिर बो भी चले गए।

में आज बहुत खुश हूं, आई को बता दूं क्या मेरी नौकरी मिलने के बारे में.... नहीं नहीं मैं घर जाकर सबको सरप्राइज़ दूंगी सब कितने खुश हो जायेंगे, हां ये ठीक रहेगा और में कुछ मिठाई भी ले जाती हूं आरूषि ने कहा और मिठाई दुकान की और चली गई।

मिठाई दुकान के अंदर,

कौन सी मिठाई लूं, यहां तो मिठाई का भंडार है, क्या तुम भी आरू मिठाई का दुकान है तो हर तरफ मिठाई ही होंगे ना आरुषि ने अपने आप से कहा, कुछ टाइम देखने के बाद.... दादा मुझे आप बर्फी, गुलापजामुन और मोदक दे दीजिए आरूषी ने कहा, कितनी के दूं दुकान वाले भैया ने कहा हर मिठाई में से आधा किलो दे दीजिए आरूषी ने कहा, ठीक है में पैक करके देता हूं आप काउंटर के पास चलिए दुकान वाले भैया ने कहा, कितने रुपय हुए दादा आरूषी ने कहा ३०० रुपय ही हुए है दुकान वाले ने कहा इतने ज्यादा क्या आप मिठाई सोने से बनाते हो क्या, में २५० से ज्यादा नहीं दूंगी आरूषी ने कहा, कुछ समय मोल भाव करने के बाद आरूषि २५० रुपय दे कर मिठाई ले कर बस में चढ़ गई।

चबान हाउस....

मैं घर आ गई आरूषी ने कहा हमें पता है तुम घर आ चुकी हो क्यों तुम ही इकलौती हो जो घर में इतना सौर करती हो आरूषी की आजी ( दादी ) यानी सुजाता जी ने कहा, क्या आप भी आजी आरूषी ने कहा, पर तुम इतनी मिठाई लेकर क्यों आई हो अन्दर रूम से आते हुए आरूषी की मां यानी मिथिला जी ने कहा, बताऊंगी बताऊंगी सब को आ जाने दो आरूषी ने कहा, तो बुलाओ सबको सुजाता जी ने कहा ओके आजबा , बाबा , बड़े काका, बड़ी काकू, छोटे काका, छोटी काकू, आरियन भैया, विशाल, मेहर, सरू ताई, रोहन आरूषी जोर जोर से चिला कर सबको बाहर बुलाया तो सब बाहर आ गए।

                    काई जाला आरु, आरूषी की छोटी काकू यानी मनीषा जी ने कहा, आप सब के लिए मेरे और से एक खुस खबरी है आरूषी ने कहा, ताई तुम ऐसे सस्पेंस मत दो बताओ क्या है मेहर ने पूछा ओके तो सुनो मेरी जॉब लग गईं है आरूषी ने कहा तो सब खुशी से चहक उठे, सेलरी कितनी है बेटा आरूषी के दादाजी यानी नारायण जी ने पूछा २०,००० है आजोबा ( दादाजी ) आरूषी ने जवाब दिया। देवा तेरा कोटि कोटि आभार जो तूने ऐसी झाली लड़की को एक नौकरी दे दी आरूषी की बड़ी काकू यानी बिसाखा जी ने कहा क्या काकू आप जब देखो मुझे झली कहती रहती है, में कोई झली नहीं हूं में अब समझदार हो गईं हूं, और ये देखिए में आप सब के लिए क्या लाई हूं आरूषी मिठाई के डिब्बे को दिखाते हुए कहा, सब लोगों ने मिठाई खाई और सब ने आरूषी को आशीर्वाद दिया।

दूसरी तरफ आरूषी अपने कमरे में....

देवा तेरा खूब खूब आभार जो तुमने मेरी जॉब दिलाने में मदर की कल तो में जरूर मंदिर जाऊंगी, आरूषी ने कहा। तेरी पूजा हो गईं क्या सरगम यानी आरूषी की सरू ताई ने कहा हां हां कहिए आरुषी ने कहा, कौन सी कंपनी में जॉब लगी है तेरी सरू ने पूछा जोशी इंडरस्टी क्या कुछ गड़बड़ है ताई आरु ने कहा नहीं पर मैंने सुना है उस कंपनी का बोस बहुत ही सख्त और खडूस है सरू ने कहा क्या ... मुझे तो डर लगने लगा है ताई क्या आपने कभी उसे देखा है आरुषी ने कहा नहीं पर मैंने सुना बो बहुत कम दिखाई देता है ना तो मैंने उसे नहीं देखा, तू संभाल कर काम करना आरू, सरू ने कहा। आरु कल बारे सोचते सोचते डर गईं। कुछ समय में शाम हो गईं, सब लोग यूँ मस्ती कर रहे थे सिर्फ आरुषी को छोड़ कर, बो सरू की बातों से काफी ज्यादा डर चुकी थी। शाम से रात हो गई सब लोगों ने डिनर करके अपने अपने कमरे में सोने के लिए चले गए पर आरुषि की नींद तो उड़ चुकी थी, बो खाने के बाद सीधा गार्डन में आकर टहलने लगी फिर बहा पड़े झूले में बैठ कर कुछ सोचने लगी सोचते सोचते वही उसकी आँखें लग गई और बो वही सो गई, घर में सब सो चुके थे किसी को भी पता नहीं था की आरुषी बाहर गार्डन में है।

                 वहीं दूसरी तरफ किसी ने फोन पर किसी से बात करते हुए कहा सर, मैडम यहां अकेले गार्डन में सो रही है, तुम वहीं रुको में थोड़ी देर में वहां आता हूं फोन के दूसरे तरफ से शख्स ने कहा, कुछ देर के बाद वहां पर एक ब्लाक कलर की मर्सडीज रुकी और उसमें से एक आदमी निकला और बो सीधा आरुषी की घर की तरफ बढ़ गया, उसने सीधा आकार आरुषी की सामने वाली कुश्ती पर आकार बैठ गया, और आरुषी को बड़ी प्यार से देखने लगा बो तब तक बैठ कर आरुषी को देखता रहा जब तक सुभा नहीं हो जाती और कोई उसके घर आ नहीं जाता।

सुभा के ५ बजे जब आरुषी के घर के दरवाजा खोला तो बो शख्स वहां से चला गया। अरे ये पागल लड़की यहां सोई है सुजाता जी ने कहा और आरुषी को उठा कर घर अंदर ले आई अरे उठो आरु सुजाता जी ने आरु को हिलाते हुए कहा तो आरु उठ गईं, में यहां क्या कर रही हूं, आरुषी ने कहा तुम गार्डन में सो रही थी में तुम्हें यहां लेकर आई हूं सुजाता जी ने कहा आजी प्लीज किसी को मत बताना की में गार्डन में सोई थी आरुषी ने कहा, अच्छा ठीक है किसी को कुछ नहीं बताऊंगी अब तुम जाकर तैयार हो जाओ तुम्हें ऑफिस भी तो जाना है ना सुजाता जी ने कहा तो आरू अपने कमरे में तैयार होने के लिए चली गईं।

                         

अगला भाग जल्दी ही आएगा

क्रमशः



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance