Smruti ✨

Drama

3  

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प्रेमा भाग - २

प्रेमा भाग - २

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तभी नरेश जी वंहा पर पहुंच गये, पहुंचते ही नरेश जी मुरलीधर जी को चकित होकर देखने लगे और कहा अरे आप कब आये। हम अभी अभी आये है मुरलीधर जी ने मुस्कुराते हुए कहा फिर नरेश जी बड़ी ही बिनम्रता के साथ पूछने लगे पर आपका हमारे घर यूँ अचानक ? हाँ बात ही इतनी जरूरी थी कि हमें यहां आना पड़ा मुरलीधर जी ने कहा क्या मतलब में कुछ समझा नहीं सब कुछ ठीक तो है ना बड़ी ही असमझ स्थिति से नरेश जी ने कहा फिर मुरलीधर जी ने कहा सब ठीक है हम अभी आपकी सारी नासमझी दूर कर देते है तो बात ये है की हम अपने बेटे का रिश्ता आपकी दूसरी बेटी प्रेमा के लिए लेकर आये है तो बतायी नरेश जी आपको ये रिश्ता मंजूर है नरेश जी थोड़ा झिझकते हुए हमें सोचने के लिए थोड़ा वक़्त चाहिए फिर मुरलीधर जी ने कहा क्या भाईसाहब इसमें सोचने वाली कौन सी बात है देखिये हम प्रेमा को देख चुके है और बो हमें पसंद भी है और बाकि रहा हमारे लड़के की तो हम बता देते है की हमारे लड़के का नाम पवन है पवन चतुर्वेदी बो बहुत पढ़ा लिखा है ग्रैजुएशन किया है मेरे बेटे ने और बो फिलहाल हमारी दुकान संभाल रहा है, और दिखने की बात करे तो उसका रंग सम्भाला है और अच्छा खासा भी है रिश्ता पक्का हो गया तो पवन यहां प्रेमा से जब मिलने आएगा तभी आप उससे मिल लेना बो सब तो ठीक है लेकिन हमें सोचने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए क्यूं की मेरी बेटी का सवाल है हमें सोचने के लिए बस आधा घंटा चाहिए में अपने घर वाले से इस बारे में थोड़ी देर बात करके आप को बताता हूं नरेश जी ने कहा, अच्छा अच्छा है मुरलीधर जी ने मस्कुराते हुए कहा पर रिश्ता हो या ना हो आज आप हमारे घर पर रुकेंगे और खाना खा कर ही जाने जाने की बात सोचेंगे ठीक है न आप को मेरी ये बात रखनी ही मिलेगी नरेश जी ने अधिकार जताते हुए कहा उनकी बात मुरलीधर जी कट नहीं पाए और मुसकुरा दिये । 


        फिर नरेश जी अपनी पत्नी सुमित्रा जी के पास चले आए। सुमित्रा जी थोड़ी ज्यादा सोचने वालों में से थी वो असमझ स्थिति से नरेश जी से बोली वो लोग यहाँ पर क्यों आए हैं उन्हें यहाँ क्या काम है, वो रिश्ता लेकर आया है यहाँ नरेश जी ने कहा रिश्ता...पर पर किसके लिए क्या बो नहीं जाने की प्रभा की शादी तो हो चुकी है फिर किसके लाए हैं रिश्ता सुमित्रा जी ने कहा तो नरेश जी ने कहा तुम मेरी बात तो सुनो फिर जो बोलना है बोलो हां तो बताया ना... सुमित्रा जी ने कहा बो रिश्ता लाए हैं प्रेमा के लिए नरेश जी ने कहा क्या बोल रे हैं आप एक बेटी का रिश्ता नहीं हुआ तो दूसरी के लिए रिश्ता लेकर चले आए और आप ने क्या कहा है कर दिया क्या रिश्ते के लिए सुमित्रा जी ने चिंता जताते हुए कहा अरे नहीं हां नहीं किया कुछ समय सोचने के लिए कह कर आया हूं नरेश जी ने कहा देखो में पहले ही बता देती हूं की में उस घर में अपनी बेटी कभी नहीं दूंगी जिस घर में मेरी बेटी की सास सौतेली हो वो मेरी बेटी को दुख देगी और कभी सुकून से जीने भी नहीं देगी। सौतेली माँ कभी सगी नहीं होती है बेटे के लिए हो या बहू के लिए हो सुमित्रा जी ने बहुत ही गंभीर हो कर कहा। 


   आखिर आगे क्या हुआ प्रेमा की शादी पवन के साथ में हुई की नहीं या जानने के लिए आगे पढ़िए प्रेमा। 


क्रमशः

                  



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