Smruti ✨

Drama

3  

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प्रेमा भाग - ३

प्रेमा भाग - ३

3 mins
180


तुम मेरी बात समझ ने की कोशिश तो करो सुमित्रा ... नरेश जी ने बड़ी ही परिशानी भरी लहजे से कहा , क्या समझू क्या बोल रहे है आप आपको मालूम है भी या नहीं आप हमारी बेटी की शादी एक ऐसे घर में करना चाहते हो जिसमे बो कभी ख़ुशी से नहीं रह पायेगी प्रभा की शादी भी में उसी घर में कभी नहीं होने देती अच्छा हुआ उसकी शादी किसी और घर में हो गयी प्रभा ज़िन्दगी तो बरबाद होने से बच गयी पर में मेरी प्रेमा की ज़िन्दगी मैं यूँ बरबाद होने नहीं दूंगी सुमित्रा जी ने कहा। तुम गलत सोच रही हो सुमित्र नरेश जी ने कहा , में नेही आप गलत सोच रहे है सुमित्रा जी ने कहा तुम पहले मेरी बात तो सुनो फिर जो बोलना है बोलो और जो सोचना है सोचो नरेश जी ने कहा और बो बोलने लगे देखो सुमित्र पवन एक अच्छा लड़का है और बो हमारी प्रेमा को खुश भी रखेगा तो में कान्हा कह रही हूँ कि पवन एक बुरा लड़का है मुझे पवन पसंद है पर उसका परिबार नही और उसकी सौतेली माँ तो बिलकुल नहीं पसंद नही है मुझे उसकी अकड़ देखि है क्या तुमने पता नही खुद को क्या समझती है और उसका मुँह तो एक दम भेष की तरह है और आयी है मेरी बेटी को बहू बनाने सुमित्रा जी ने बड़ी ही रॉब से कहा , ऐसे नही बोलते किसी और के बारे में और बो तो अभी हमारे मेहमान है नरेश जी ने कहा। ऐसे नही बोलू तो कैसे बोलूँ बेटे की शादी की उम्र हो गयी है और माँ बचे पडे करने में लगी है अभी तो उसकी दो बेटियां है पता नहीं आगे चल कर और कितने होंगे सुमित्रा जी ने गुस्से से कहा , और बच्चे नहीं होंगे उनके नरेश जी ने झिझकते हुए कहा आप को कैसे पता सुमित्रा जी ने कहा तुम्हे शायद याद नहीं होगा पर जब बो प्रभा को देखने आये थे तब बोला था कि बो ऑपरेशन कर चुकी है नरेश जी ने कहा।

मुझे उसकी बात पर भरोसा नहीं है सुमित्रा जी ने कहा तुम्हे भरोसा हो या न हो मुझे उन पर पूरा भरोसा है कि बो मेरा भरोसा कभी नहीं तोड़ेंगे नरेश जी ने कहा। आप उन पर यूँ आंख बंद कर बोहोरोसा नही कर शकते है आप जो भी कहिए मुझे उस घर में प्रेमा की शादी नही करवानी है आप उन्हें मना कर दीजिए बो चाहे तो आज यंहा पर रह सकते है पर इस रिश्ते के लिए आप उन्हें मना कर दीजिए सुमित जी ने कहा , तुम क्या बोल रही हो सुमित्र तुम्हे मालूम भी है या नहीं मुझे लड़का और उसका परिबार पसंद है और ये रिश्ता भी मंजूर है आधा घंटा भी हो चूका है तो में बहार जा कर इस रिश्ते के लिए हाँ करके आता हूँ नरेश जी ने कहा और कमरे से बाहर चल पड़े और सुमित्रा वंहा पर परिसान हो कर चेयर पर धड़ाम से बैठ गए ।


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