Smruti ✨

Horror

2  

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द लास्ट हग

द लास्ट हग

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50


जल्दी आ हमे कॉलेज के लिए देर हो रही है रिद्धि ने कहा रुक आई रिद्धि के पीछे आती हुई लड़की ने कहा , आ गई अब जल्दी चल देर हो रही है , रिद्धि ने कहा तो उस लड़की ने स्कूटी निकल कर कॉलेज की और चली गई । बो लोग बोहोत जल्दी में थे क्यू की बो आज बोहोत ही जायदा लेट हो चुके थे , जल्दी जल्दी में उस लड़की ने रास्ते में एक गाड़ी को ठोक दी । यार जान्हवी ये तूने क्या किया रिद्धि ने कहा , यार ये तो बोहोत बोहोत महंगी कार है , इसका तो मैंने बोहोत गहरी तरह ठोक दिया अब क्या करे , इसकी तो बोहोत ही लंबी चौड़ी बिल आएगी , बता ना अब क्या करे जान्हवी ने कहा क्या ,,, करे भाग जानू रिद्धि ने ऐसा कहा ही था की उस गाड़ी से एक सुंदर हटा कटा शक्स निकला उसने एक व्हाइट शर्ट एंड ब्लैक पैंट पहना हुआ था , हाथो में घड़ी , पैर में शूज , बोहोत इस सिंपल लुक में बोहोत ही ज्यादा क्लासी लग रहा था।

बो लड़के ने इन दोनो को देख लिया था , पर जान्हवी ने उस लड़के तो देखा नही था क्यू की उस लड़के का पर गाड़ी से निकलते ही जान्हवी ने अपने हाथो से अपनी आंखें बंद कर लिया था । उस लड़के को अपनी ओर आता देख रिद्धि ने जोर से चिला कर जान्हवी से कहा आंखे खोल और जल्दी चल बो पैसे मांगने आ रहा , क्या कर रही जल्दी चला जानू , रिद्धि की बात सुन जान्हवी ने इधर देखा न उधर बो सीधा कॉलेज की ओर गाड़ी बढ़ा दी । बो दोनो को वहां से जाने के बाद वो लड़का भी वहां से अपनी गाड़ी की बढ़ा , गाड़ी में बैठने के बाद उसने डोर और विंडो लॉक किया और गाड़ी चलाने लगा , पर गाड़ी चलाते वक्त उसके दिमाग में बस जान्हवी का ही चेहरा आ रहा था , क्यू बो नही जानता था , उसने अपने सारे भावनाओ का दूर फेका और गाड़ी चलाने लगा ।

                       रिद्धि और जान्हवी भी अपने कॉलेज पोहोच गए , उन्होंने स्कूटी को पार्क किया और क्लास रूम की और बढ़ गए , आज तो हम बार बचे रिद्धि ने क्लास रूम की ओर बढ़ते हुए कहा , हां जान्हवी ने कहा , तू अब से गाड़ी नही चलाएगी , अब में गाड़ी चलाऊंगी रिद्धि ने कहा क्यू जान्हवी ने कहा क्यू ,,, का क्या मतलब जानू तूने आज को मिला लगभग १२ बार किसीना किसीको ठोक चुकी है रिद्धि ने कहा तो क्या हुआ , जानू ने कहा कुछ नहीं हुआ बस तू कल से गाड़ी नही चलाएगी , कल से क्या आज से अभी से नही चलाएगी रिद्धि ने कहा अच्छा बाबा ठीक है पर एक दिन में जरूर चलाऊंगी एक दम ठीक से तुम देख लेना जान्हवी ने कहा । बो दोनो क्लास में गए , कुछ ही देर में उनके क्लास में उनकी टीचर शिवानी मैडम आ गई , गुड मॉर्निंग मैम क्लास के सारे स्टूडेंट्स ने खड़े होकर कहा गुड मॉर्निंग गुड मॉर्निंग शिवानी मैम ने कहा और चेयर पर बैठ गई , उनके बैठते ही सब स्टूडेंट्स भी अपने अपने सीट पर बैठ गए । स्टूडेंट्स आप सब के लिए एक गुड न्यूज़ है , आज से लगभग २ महीने बाद हमारे कॉलेज में एक नेशनल आर्ट एगिवेशन होगा , और इंडिया के सारे आर्ट कॉलेज के स्टूडेंट्स इसमें पार्टिसिपेट करेंगे शिवानी मैम ने कहा ये बात सुनते ही सारे स्टूडेंट्स खुशी चिलाने लगे और जोर जोर से हूटिंग करने लगे ।

१२ बजे ,,,

कॉलेज खतम हुआ , सब स्टूडेंट्स अपने अपने घर के लिए निकल गए , रिद्धि और जानू भी घर की ओर निकल गए , रिद्धि स्कूटी चला रही थी , और जानू उसके पीछे बैठी थी , यार मैं कंपीटिशन में जरूर पतिसिपेंट करूंगी जानू ने कहा करना करना जरूर , तू तो हमारे आर्ट कालेज की टॉप ५ स्टूडेंट्स मे से भी है रिद्धि ने कहा थैंक्यू , पर इतना मशका भी मत मार जानू ने कहा पर तू बनाने क्या वाली है रिद्धि ने कहा पता नहीं अभी कुछ सोचा नही है जानू ने कहा पर तू जो बना जीतेगी तो तू ही और हमारे कालेज में बड़े अक्षर में तेरा नाम लिखा जायेगा जान्हवी गुप्ता द विनर ऑफ नेशनल आर्ट एगेजिवेशन रिद्धि ने कहा तो दोनों जोर से दांत दिखा कर हसने लगी ।

दूसरी तरफ ,,,

बो लड़का भी अपने काम के लिए पोहोंच जाता है । डॉक्टर आप आ गए स्टाफ ने कहा जी आप को काम था क्या उस लड़के ने कहा जी बो एक कॉन्प्लिकेटेड कैसे है , जो आपको स्लोव करना है स्टाफ ने कहा ओके आई विल हेंडल ईट उस लड़के ने कहा और ओटी की ओर चले गए । उन्होंने ऑपरेशन किया और बाहर आए । ऐसे ही कुछ दिन बीत गया ।

कुछ दिनों के बाद ,,,

आज में गाड़ी चलाती हूं ना प्लीज , कितने दिनों से नही चलाया है , प्लीज चलाने दो ना जानू ने कहा नही नही नही तू फिर से किसीको ठोक देगी रिद्धि ने कहा ऐसा नहीं है जानू ने कहा ऐसा ही है रिद्धि ने कहा इस बार पक्का किसीको नही ठोकूंगी जानू ने गिड़गिड़ा कर कहा तो रिद्धि मान गई और उसे गाड़ी चलाने को दे दिया । उसने स्कूटी स्टार्ट किया और मार्केट की ओर बढ़ा दिया । गाड़ी चलने लगी , कुछ देर के बाद यार गाड़ी रोक आगे सिग्नल रेड है रिद्धि ने कहा हां हां रोकती हूं जानू ने कहा और गाड़ी बस रोक ने ही वाली थी की तभी किसी बड़ी गाड़ी ने उसे पीछे से ठोक दिया , रिद्धि धीरे से गिरी पर जानू गाड़ी के समित नीचे गिर गई उसे बोहोत ज्यादा चोट लग गई , उसका सर में गहरी चोट आई थी , लगातार उसके सर , हाथ से खून बेहिसाब निकल रहा था , गाड़ी भी लगभग टूट चुकी थी जानू की हालत देख रिद्धि जोर से चिलाई और किसकी मदत मांगने के लिए चली गई , और वहीं जानू खून से लतपत होकर पड़ी थी , रिद्धि को कोई भी मदत नही मिल रही थी , मिलेगी भी कैसे रात के ९ जो बज रह थे , उस वक्त वहां से कोई गाड़ी भी नही गुजर रही थी , बो मदत मांगने थोड़ा आगे गई , कुछ ही देर में उसे किसने मदत करने के लिए कोई मिला तो बो उसको अपने साथ लेकर चली आई , पर जब बो उस जगह पर आकर पोहोंची वहां पर जानू नही थी , सिर्फ उस खाली सड़क पर उनकी स्कूटी ही पड़ी थी , रिद्धि जानू को वहां ना देख कर बोहोत परिशान थी , रिद्धि उसे ढूंढने के बोहोत कोसीस की पर जानू उसे कहीं पर भी नही मिली , उसने उस आदमी के साथ पुलिस स्टेशन की ओर निकल गई , पुलिस स्टेशन पोहंच कर उसने जानू के गुम होने की बात और एसिडेंट की सारी बात पुलिस को बताई और उसने जानू के लिए मिसिंग अफेयर दर्ज किया और फिर पुलिस के कहने पर अपने घर के लिए चली आई , घर पोहोचकर उसने भगवान के सामने जानू के सलामती के लिए एक दिया जलाया और फुट फुट कर रोने लगी ।

और वहीं दूसरी तरफ ,,,

जानू किसी बेड में सो रही थी , उसके शरीर का आधा हिशा बैंडेड था , बो लगभग दो दिनों तक बेड से नही उठी और आंखें भी नही खुली थी , इससे ये पता चलता है की जानू को कितनी गहरी चोट लगी थी । लगभग दो दिनों के बाद उसने आंखे खोली , तो उसने देखा उसके सामने एक हट्टा कट्टा सा नौजवान बैठा था , बो दिखने बोहोत सुंदर था , सकल से बोहोत ही स्मार्ट लग रहा था , उसने जानू के हाथ को पकड़ा हुआ था , जानू ने घूर कर देखा और बोली हु आर यू , तुम सो जाओ आई विल तेल यू लेटर उस शक्स ने कहा नही मुझे अभी जानना है जानू ने जिद किया तो बो शक्स अपना नाम बताने के लिए तैयार हो गेया । माय सेल्फ कबीर , कबीर रावत और तुम कबीर ने कहा , माय सेल्फ जान्हवी गुप्ता जानू ने कहा और बो दोनो एक दूसरे से हाथ मिलाया । कुछ दिनों में बो ठीक हो गई , बो अब अपने घर जाना चाहती थी , उसने कबीर को अपने घर जाने की बात कह कर टैक्सी मे अपने घर की ओर चली गई । उसने घर पोहिंच कर सीधा रिद्धि को गले लगा लिया , रिद्धि तो जानू को देख खुश थी , पर कुछ समझना पा कर बुत बन कर खड़ी थी । क्या हुआ रिद्धि तू ऐसे बुत बने क्यू खड़ी है जानू ने कहा बुत बन कर नही में हैरान हूं रिद्धि ने कहा कहां थी तू इतने दिनो से तुझे पता है मैंने तुम्हे कितना ढुंडा , शहर का छपा छपा छान किया , पुलिस स्टेशन में भी कंप्लेन किया था , पर बो भी तुम्हे ढूंढ नही पाए , आखिर कहां थी तू रिद्धि ने कहा बताती हूं बताती हूं तू सबर तो कर जानू ने कहा अच्छा बाबा ठीक है , अब बोल रिद्धि ने कहा में उस दिन में वहां रास्ते में पड़ी थी , तभी मैंने किसीको वहां मुझे कोई दिखा तो मैंने उसे मेरी हेल्प करने के लिए कहा तो बो मुझे उसके साथ ले गया , दो दिन बाद जब होश आया तो मैंने देखा में उसके घर में ही थी , एक हफ्ते के बाद में। घर आई । अच्छा बो आखिर था कोन , उसका नाम क्या है रिद्धि ने कहा बो ,, उसका नाम कबीर था , कबीर रावत जानू ने कहा ठीक है , जो भी हुआ हो तू अब ठीक है मुझे इतने में ही खुशी हुई रिद्धि ने कहा ।

ऐसे ही दिन बीतता गया ,,, इतने दिनो मे कबीर और जानू की दोस्ती और भी ज्यादा गहरी होती जा रही थी ,, इतने दिनो जानू अब कुछ दिनों के लिए कबीर के घर रहने आई थी क्यू की रिद्धि कुछ काम के वजह से अपने गांव गई थी । ऐसे ही कुछ दिनों कालेज का आर्ट एगिवेशन दिन नजदीक आ गया । यार प्लीज तुम मेरी एक हेल्प करोगे जानू ने कहा क्या करना है बताओ कबीर ने कहा कल मेरे कोलेज में आर्ट एक्जिवेशन है , जितने वालो बोहोत बड़ा इनाम मिलेगा , पर ये समझ नही पा रही हूं की कौनसी पेंटिंग बनाऊं जानू ने कहा तुम्हारी मर्जी कुछ भी बनालो तुम कुछ सोची होगी ना बनाने के लिए कबीर ने कहा हां जानु ने कहा क्या कबीर ने पूछा तुम जानु ने जवाब दिया में मतलब कबीर ने कहा मतलब में तुम्हारी तस्वीर बनाऊंगी जानू ने कहा मेरी तस्वीर पर क्यू कबीर ने कहा क्यू की मुझे तुम्हारी ही तशबीर बनानी है जानु ने जिद कर के कहा तो कबीर मान गया । कबीर के हां करते ही जानू अपनी ड्राइंग सीट , पेनसील , कलर्स , एरेजर्स सब लेकर चली आई उसने कबीर को सामने रखे चेयर पर उसे बैठने को कहा और उसकी पेंटिंग बनाने लगी , उसने लगभग ४ घंटे तक तश्बीर बनाई और ४ घंटे के बाद तस्वीर बन कर तैयार हो गई , तस्वीर बोहोत ही खूबसूरत थी , कोई अगर तस्वीर को देखगा उसे तस्वीर में बना सक्स जिंदा लगने लगेगा इतनी असली थी बो तसबीर । कबीर भी ये देख बोहोत खुश हो गया ।

अगले दिन ,,,

आर्ट एगिवेशन का दिन ,,,

जानू सुभे सूभे ही अपनी तसबीर लेकर कोलेज को ओर निकल गई , सब कंटेस्टेंट भी आ चुके थे , कुछ ही देर मे कंपीटेशन सुरु हो गया , सब अपनी अपनी तसबीर दिखाने लगी , जब जानू की बारी आई तब उसने अपनी तसबीर दिखाई , उसकी तसबीर सबके तसबीर से अच्छी थी , बो तसबीर सिलेक्ट हो कर जजेस के पास गई , कुछ ही देर जानू को जजेस के पास बुलाया । मिस जान्हवी आपने अच्छी तस्वीर बनाई है , और ये तो डॉक्टर कबीर रावत , ही इस द फेमस सर्जन , पर गम इस बात का है की बो अब हमारे बीच नहीं रहे ये बस १ महीने पहले ही बो हमे छोड़ कर गए है मिस्टर बासु ने कहा पर जानू की हालत उनकी बात सुन खराप थी , बो बस उनकी बात सुन हैरान थी उसके मुंह से एक भी शब्द नही निकल रहा था । बो कंपीटेशन में जीत चुकी थी पर उसे इस बात से कुछ फर्क नही पड़ रहा था , बो बस जल्द से जल्द अपने घर जाना चाहती थी , एक्जिवेशन खतम होने के बाद बो सीधा कबीर के घर गई , बो बस अपना सामान लेकर जल्द से जल्द वहां से भागना चाहती थी । बो कबीर घर के सामने आई और डरते डरते दरवाजा खोला पर कबीर पूरे घर मे कहीं भी नही था , कबीर को घर मे ना देख कर बो जल्दी अपना बैग पैक किया और जाने के लिए जैसे ही दरवाजे के पास आई दरवाजा धड़ाम से बंद हो गया और उसे पिछे एक आवाज आई बो आवाज सुन बोहोत ही ज्यादा डर गई थी , आवाज और भी जोर से आई आवाज बोहोत ही ज्यादा डराबानी बो आवाज कुछ इस तरह की थी " जानू "

                  जानू डरते हुए पिछे मुड़ी तो उसने पिछे कबीर को देखा पर एक अलग ही रूप में उसका मुंह एकदम काला पड़ चुका था , आंखे लाल , पर मुड़े हुए थे , उसे इस हाल में देख जानू जोर से चिलाई । कबीर उसके पास आया , उसे ऐसे पास देख जानू ने उसे डरते हुए पूछा क्या ,, चाहते तुम क्यों मेरे पिछे पड़े हो मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है , मेरा तुमने कुछ नही बिगाड़ा में तो तुमसे प्यार करता हूं बोहोत प्यार कबीर ने कहा पर कब से तुम से तुम तो मर चुके हो ना जानु ने कहा हां मैं मर चुका हूं पर में तुम्हे तब से प्यार करता हूं जब मे जिंदा था , मैंने तुम्हे पहली बार उस दिन देखा था , जन तुमने मेरी गाड़ी को ठोका था , तब से में तुमसे प्यार करता हूं , उस दिन के बाद तुम मुझे हर जगह दिखाई देने लगी , में तुम्हे उस दिन अपने प्यार का इजहार करने आ ही रहा की मेरे हॉस्पिटल के कुछ लोगो ने मुझ पर हमला कर दिया , उन्होंने मुझे गोली मार दिया और मेरी जान ले ली , पर मरते वक्त मेरी आंखे को सामने सिर्फ तेरा ही चेहरा झलक रहा था शायद इसलिए जब में मेरे कातिलों को मार कर उस सड़क पर खड़ा था , तुम मुझे देख पाई और मुझसे मदत भी मांगी , उस दिन मेरे प्यार पर पूरा भोरौसा हो गया , उस दिन के बाद मे तुम्हें छोड़ कर नही जाना चाहता था , पर मेरी किस्मत मैं ठहरा मुर्दा और तुम जिंदा हो हमारी जोड़ी कभी नहीं बन सकती इसलिए मैं तुम्हे आज छोड़ कर जा रहा कबीर ने कहा तो जानु रोते हुए बोली नही तुम मुझे छोड़ कर मत जाओ जिद मत करो जानू मैं तुमसे कल भी प्यार करता था , आज भी करता हूं और हमेशा करता रहूंगा कबीर ने कहा में भी जानु ने कहा मैं तुम से एक ही बात कहना चाहता हूं की मेरे जाना के बाद तुम मेरे इस घर रहोगी इससे मुझे ये लगेगा की तुम मेरे पास हो कबीर ने कहा जानु बस रोई ही जा रही थी बो धड़ाम से उठी और सीधा जाकर कबीर को गले लगा लिया और फुट फुट कर रोने लगी , अच्छे से रोलो जानू बिकॉज तीस इस द लास्ट हग कबीर ने कहा तो जानु और भी ज्यादा रोने लगी उसने कबीर को छोड़ा और जमीन पर धड़ाम से बैठ गई और रोने लगी । कबीर ऐसे में कहीं गुम हो गया और जानु वहां बैठ कर रो रही थी । जानु ने कबीर की बात किसीको नही बताया था ।

कुछ दिनों बाद ,,,

जानु अब कॉलेज जाने लगी थी , बो अब ज्यादा बात नहीं करती थी । ऐसे में १ साल कब बीत गया पता ही नही चला । एक दिन जानु कोलेज के गार्डेन के सीट पर बैठी थी , इतने में उसे पिछे से किसीने आवाज दी । एक्सक्यूज मि माय सेल्फ आशिस खुराना आप मुझे प्रिंसिपल के ऑफिस का रास्ता बता सकते है उस लड़के ने यानी आशीस ने कहा आगे से सीधा फिर लेफ्ट जानू कहा और पिछे मुड़ी तो उसने जो देखा उसका मुंह खुला का खुला रह गया बो लड़का हुबहू कबीर की तरह था , वहीं आंखे , वहीं होठ , वहीं मुंह सब सेम था , सिर्फ नाम को छोड़ कर उसे देख जानू के आंखो से आसू आ गए और उसके मुंह से निकला " कबीर "

                                  



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