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Smruti ✨

Horror

3  

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मैं अब भी वहां हूं

मैं अब भी वहां हूं

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कहानी ये शब्द सुनने में कितना अच्छा लगता है ना, कहानी शब्द जितना अच्छा है कहानी के अंदर के शब्द भी उतने अच्छे होते है चाहे वो प्रेम कहानी हो या पारिवारिक कहानी हो फिर भूत की कहानी हो, भूत से याद आया क्या आप भूत को मानते हो। भूत होते हैं या नहीं, कई लोग भूत पर विश्वास करते हैं, तो कई लोग अंधविश्वास कह कर ताल देते हैं। पर मेरे ख्याल से भूत होते हैं, अगर भगवान है तो भूत भी होंगे ना, तो चलिये पढ़ते हैं एक दिल देहलदेने वाली एक भूत की कहानी, ये जो में नीचे कहानी लिख रही हूं ये सच्ची घटना के ऊपर आधारित हैं।

जाजपुर, सुकिंदा गांव,

आप ये हर वक्त गोशाला में क्या करते रहते हैं इंद्राणी ने पूछा, तुम नहीं समझोगी ये मेरे साधना का एक हिस्सा है अगर मैं इसी साधना में सिद्धि हासिल कर लूं ना तो मुझे गांव में राज करने से कोई नहीं रोक सकता बैजंत ने कहा, पर ये सही नहीं है, आप ऐसे गलत तरीके से किसी से उसका सब कुछ नहीं चिन सकते इंद्राणी ने कहा, अरे मेरी इंडस्ट्री तुम बड़ी ही भोली है अगर में ऐसा नहीं करूंगा तो तुम गांव की रानी कैसे बनोगी बैजंत ने इंद्राणी को डराते हुए कहा।

[ तो यहाँ मैं आपको बता देता हूं की बैजंत पंडित एक नंबर का लालची और बेकर इंसान है और उसे काला जादू भी आता है एक शब्द में कहो तो वो एक तांत्रिक है उसे काला जादू करके काई लोगों को परेशान किया है और इंद्राणी पंडित उस बैजंत की पत्नी थी और वो बैजंत के पूरा द्विपक्षीय थी वो जितना ही क्रूर था वो उतनी ही अच्छी थी। ]

              आज ही वो दिन है जिस दिन में अपनी साधना की सिद्धि कर सकता हूँ, आज ही है वो पूर्णमासी की रात आज हमारे जैसे तांत्रिकों की और बुरी शक्तियों की ताकत बढ़ जाएगी और कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा आज ही में बुलाऊंगा उसे, आज ही उसे आना पड़ेगा बैजंत ने बोला और हवन की तैयारी करने लगा, पूरे हवन की तैयारी के बाद उसने हवन कुंड के सामने एक शैतान की तस्वीर रखी और मंत्र पढ़ना शुरू किया। पर हैरानी की बात ये है कि वो तान्त्रिक उस हवन को गाये के तबेले में कर रहा था और उस तबेले में गाये भी मौजूद थे हवन के दौरान एक काली शक्ति उस तांत्रिक के सामने खड़ा हो जाता है और कहता है मुझे तुमने यहाँ क्यों बुलाया है, मुझे इस गाँव में राज करना है इसके लिए मुझे आपकी मदद चाहिए क्या आप मेरी मदद करेंगे बैजंत ने कहा हाँ करूँगा पर मुझे यहाँ रहने के लिए एक शरीर चाहिए उस शैतान ने कहा, तो आप मेरे गायों के अंदर रह सकते है बैजंत ने कहा, ठीक है कह वो एक गाय के अंदर घुस गया और बाकी गायों के अंदर एक एक बुरी शैतानी आत्मा घुसा दिया।

                          बैजंत खुश था क्यू की उसे उसकी साधना की सीधी जो मिल चुकी थी, वो उसी खुशी के साथ अपने घर चला आया और अपनी पत्नी को सारी बात बतायी, ये आपने ठीक नहीं किया जी इंद्राणी ने डरकर कहा ठीक भूल का पाठ मुझे मत पढ़ाओ तो तुम्हारे लिए अच्छा है और चुप चाप सा सो जाओ और मुझे भी सोने दो ऐसा कह कह कर बैजंत सोने के लिए चला गया, पर इंद्राणी का उस रात के बाद सुख चैन सब कुछ उड़ गया गाँव में कुछ दिनों के अंदर कई लोगों की कई जानवरों की मौतें होने लगी खास कर के गायों की उस बैजंत पंडित के पास के सभी तबेले के गाये मरने लगे खास कर के नन्दकिशोर पंडित के गौशाला की सभी गाय और बछड़े एक एक करके मरने लगे, गाँव में सभी घर से गायों कुछ मरने लगे, लेकिन सिर्फ उस बैजंत की गायों को छोड़ कर उसकी गायों की संख्या घटने के बजाये बढ़ते ही जा रही थी।

                                 गांव के लोगों को बैजंत के ऊपर शक होने लगा, उन्होंने तय किया कि वो आज रात उसके तबेले में जायेंगे। शाम होने पर सभी गांव वाले इकट्ठे हुए और रात होने एक एक बड़ी लकड़ी लेकर उस तबेले के पास छिपकर देखने लगे उन्होंने जो देखा उसके बाद सारे गाँव वालों की आँखें फटी की फटी रह गयी वो तान्त्रिक एक हवन कर रहा था और हवन के चारों तरफ काली बुरी आत्मायें मंडरा रहे थे उनकी आंखें एक दम लाल थी वो बैजंत जोर जोर की आवाज में एक शैतान को पुकार रहा था - बासुली।

                           गांव वालों को शक सही निकला, उन्होंने गाँव में जा कर सब कर सबको ये बात बता दी और वो खबर गांव में आग की तरह फ़ैल गयी गाओं में सभी बैजंत से डरने लगे थे। कुछ दिनों के बाद उस गाँव की कोकिला नाम की एक औरत उस बैजंत के तबेले के पास के आम के पेड़ से आम तोड़ने गयी थी, उन्हें ये बात मालूम थी बैजंत के काले जादू के बारे में फिर भी वो आम तोड़ने आयी इसे उनकी लापरवाही कहा जाये या उनकी किस्मत उन्हें यहां खींच लायी यह भगवान ही जाने शाम का वक़्त था और वो आम तोड़े ही रही थी जब उन्होंने देखा की उन्होंने बहुत सारे आम तोड़ लिए है वो जाने के लिए पलटी उन्होंने देखा एक गाय का बछड़ा उन्हें घूर कर देख रहा है उसकी आंखें एक दम लाल थी उसका पैर उलटी दिशा में मुड़ा हुआ था उसकी आँखें ही काफी थी किसी को डराने के लिए।

                कुछ देर कोकिला को घूरने के बाद वो बछड़ा अचानक से उछलने लगा उसे उचलता देख कोकिला आम को छोड़ जोर से अपनी घर की और भागने लगी और वो बछड़ा उनके पीछे भागने लगा वो उनके ऊपर झपटा पर उनको छू भी नहीं पाया किस्मत से कहो या इत्तेफ़ाक़ से कहो या फिर भगवान के आशीर्वाद से कोकिला ने उस वक़्त अपने अपने बालो में एक लोहे की पिन लगायी हुई थी उस बछड़े ने गुस्से से कहा आज तो तुम बच गयी पर में तुम्हें छोड़ने वाला नहीं हूँ [ आप लोग सोच रहे होंगे कि बछड़ा कैसे बोल सकता है पर ये सच है वो बछड़ा बोले था क्यूँ की वो बछड़ा ही नहीं था बछड़े के रूप में एक शैतान था। ]

                           कोकिला ने घर जा कर सबको ये बात बताई और उस दिन के बाद आज तक वो शैतान बांसुली उस गाँव में नहीं दिखा आप को क्या लगता है वो बांसुली उस गाँव ने है या नहीं कमैंट्स में बताना।।



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