तुम सिर्फ मेरी हो........
तुम सिर्फ मेरी हो........


रोशनी का बलात्कार करने का प्रयास करने वाला उसका अपने दोस्त मानव की मौत के बाद रोशनी कई दिन तक सहमी सी रही।मां सुमिता जी और रोशनी ने मानव की मौत का सच नितिन और उसके घरवालों से छुपा लिया।रोशनी जब अपने ससुराल लौटी तो ऐसे व्यवहार करने लगी जैसे कुछ हुआ ही नहीं था।बेटे आरव की शरारतों और पति नितिन के प्यार ने रोशनी को फिर से हंसना मुस्कराना सिखा दिया और मानव जैसे डरावने चेहरे को उसने बुरा स्वप्न समझकर भुला दिया और अपने जीवन के नव रंगो में खुद को रंग लिया।
एक दिन घर में कोई नहीं था।रोशनी अपने कमरे में बैड पर लेटी हुई थी।वह अचानक से एक डरावना दृश्य देखती है- खिड़की में से मानव आ रहा है।वह घबरा जाती है।बैड से उठ खडी़ होती है।चारों तरफ देखती है तो कोई नहीं होता।वह जल्दी से कमरे से बाहर निकलने के लिए दरवाजा खोलती है लेकिन तभी उसे अहसास होता है कि किसी ने उसे पीछे से अपनी बाहों में जकड़ लिया है।वह अपने आप को छुड़ाती है ,बहुत छटपटाती है लेकिन नाकामयाब होती है।वह मुड़कर देखती है तो वह मानव होता है।
मानव रोशनी की गरदन पर हाथ फेरता है और कहता है " रोशनी तुम सिर्फ मेरी हो।तुम्हें मुझसे कोई दूर नहीं कर सकता।तुमने और तुम्हारी मां ने तो मुझे मार दिया था लेकिन देखो मैं लौट आया हूं।अब हमेशा तुम्हारे साथ ही रहूंगा।तुम्हारे सिवा मुझे कोई देख भी नहीं सकता।मैं तुम्हारा हूं और तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और अबसे तुम्हारे ही शरीर में रहूंगा।मेरी आत्मा भटकती रहेगी अगर तुम मुझे दुत्कारती रहोगी और डरावना भूत बनकर मैं तुम्हारे आसपास मंडराता रहूंगा।तुम्हारी जिन्दगी को एक डरावनी कहानी बना दूंगा।तुमने मुझे जेल भिजवाया, तुम्हारी मां ने मेरा खून कर दिया।अब मैं तुम दोनों मां बेटी की ज़िन्दगी बरबाद कर दूंगा।तुम्हें चैन से एक भी पल जीने नहीं दूंगा।"
मानव जोर जोर से हंसता है।उसके सिर से खून बह रहा था और वह बहुत ही डरावना दिख रहा था।मानव की भयानक हंसी और भयानक शक्ल देखकर रोशनी बहुत ही बुरी तरह से डर जाती है। वह वहां से छूटकर भागती है और घर के हर कोने में जा जाकर छुप जाती है लेकिन मानव का डरावना भूत उसे कहीं अकेला नहीं छोड़ता।वह जोर जोर से चीखती है।खूब रूदन मचाती है लेकिन मानव उसे अकेला नहीं छोड़ता।रोशनी भागते -2 सीढियों से गिर जाती है और तभी उसकी आंख खुल जाती है।वह देखती है आरव और नितिन दोनों उसके पास ही सो रहे हैं।
रोशनी को एकदम से जगते देख और उसकी असाधारण गतिविधियां देखकर नितिन भी जग जाता है और देखता है रोशनी का पूरा वदन ठंडा हो रहा है, उसकी आंखे लाल हो रही है और वह थर -2 कांप रही है।नितिन उसे अपनी बाहों में भर लेता है और कहता है, " क्या हुआ रोशनी कोई बुरा सपना देखा क्या? "
रोशनी कुछ नहीं बोलती बस नितिन की बाहों में खुद को छुपा लेती है और मन में सोचती है -सच में बहुत ही डरावना सपना था।