सीमा शर्मा सृजिता

Inspirational

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सीमा शर्मा सृजिता

Inspirational

दुआयें बटोरिये

दुआयें बटोरिये

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मैंने अपनी मां को कभी दादी से झगड़ते हुये नहीं देखा, अपने पापा को कभी दादी से ऊंची आवाज में बात करते हुये नहीं देखा। मैंने अपने मम्मी - पापा से सीखा बडे़ -बुजुर्गों को सम्मान देना खासकर अपने माता पिता को। मेरे दादा जी तभी गुजर गये जब मेरे पापा लगभग तीन साल के थे मैंने उनको अपने बडे़ भाइयों को पिता जैसा मान देते हुये देखा। मेरे पति के लिए उनके माता - पिता से बढ़कर दुनिया में कुछ भी नहीं, सच कहूं तो मैं भी नहीं। मेरा रिश्ता भी मेरे सास - ससुर के साथ वैसा ही रहा जैसा मेरे अपने मम्मी पापा के साथ। जितना मैंने उन्हें मान दिया बदले में मुझे भी खूब आशीर्वाद और लाड़ मिला ,सच कहूं तो उनके सर पर हाथ रखने से सबकुछ मिल गया, जो नहीं मिला वो भी मिल जायेगा, यकीन है मुझे।


मैं भी अपने बेटे को वही सिखा रही हूं जो मैंने सीखा। मैं ये भी जानती हूं वो केवल बातों से नहीं सीखेगा, जो मैं या मेरे पति अपने माता -पिता के साथ व्यवहार करेंगे वह अपने आप वही सीख लेगा। बच्चे सुनने की बजाय देखकर जल्दी सीखते हैं। मैंने इतना जाना कि संस्कार सिखाये नहीं जाते वे तो खुद ही पनपते हैं अपने आसपास के माहौल और अपने बड़ों के व्यवहार को देखकर।


आप अपने बच्चों से जैसे व्यवहार की आस लगा रहे हैं वैसा ही पहले आप उन्हें करके दिखाइये, अनुकरण की प्रवृति उनमें जन्म से होती है। अगर आप अपने मां बाप के साथ अनुचित व्यवहार कर रहे हैं तो आप अपने और अपने बच्चों के भविष्य को अंधकार में डाल रहे हैं। आप अपने माता -पिता को प्यार करिये, उन्हें मान दीजिये, उनके साथ समय बताइये, उन्हें मुस्कराने की वजह दीजिये ,आपका घर और आपके बच्चे मुस्करा उठेंगे। पिछला एक साल हमारी जिंदगी में बड़ा संघर्ष पूर्ण रहा लेकिन हम बड़ी ही आसानी से हर मुश्किल से बाहर निकल आये क्योंकि हमारे साथ हमारे माता पिता थे, जब वे साथ होते हैं तो लगता है दुनिया की सबसे बड़ी ताकत आपके साथ हैं। मेरा अपना अनुभव कहता है। मां - बाप से बड़ा हितैषी संसार में दूसरा कोई नहीं, उनसे ज्यादा प्यार आपसे कोई और नहीं कर सकता, ये बात अपने बच्चों के दिलोदिमाग में कूट -कूटकर भर दीजिये लेकिन तभी जब वास्तव में ये बात आपके दिलोदिमाग में रची बसी हो।


उनकी आंखों से टपका एक आंसू आपको तबाह कर सकता है ध्यान रखिये और उनके चेहरे पर बिखरी हंसी आपके जीवन रूपी गुलशन को महका सकती है, चुनाव आपको करना है। यकीन मानिए उनके दिल से निकली दुआ और आशीर्वाद आपके लिए किसी जादुई पिटारे की तरह काम करेंगे ,आप कठिन से कठिन परिस्थिति से हंसकर बाहर निकल आयेंगे, कहते हैं माता -पिता ईश्वर का स्वरूप होते हैं, आपका ईश्वर आपके घर में है उसे बाहर मत तलाशिये, घर मकान, धन -दौलत सब यहीं रह जाना है, दुआयें बटोरिये, अपने माता पिता की दुआयें जो वे भर भर के देंगे अपने लिए अपने बच्चों के लिए, बटोर कर देखिये अच्छा लगेगा।  


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