ट्रांसपैरेंट ब्यूटी
ट्रांसपैरेंट ब्यूटी
चंदन भइया मेरे पड़ोस में रहते थे 6 फीट लंबा ऊंचा कद, गौर वर्ण, गठा कसरती बदन, घुंघराले काले बाल और भूरी आंखें। एक बारगी लोग धोखा खा जाते थे कि वह इंडियन हैं या अंग्रेज है। कॉलेज में नौकरी लगते ही रिश्तों की लाइन लग गई थी लेकिन वह तो अपनी जिद पर अड़े थे कि उन्हें तो ट्रांसपैरेंट ब्यूटी वाली लड़की चाहिये।.. उनकी अम्मा को हम लोग चाची कहते थे, बेचारी रोज रोज एक नई फोटो लेकर हाजिर हो जातीं कि देखो भाभी लड़की कितनी सुंदर है लेकिन चंदन कुछ भी सुनने को ही तैयार थे.... लड़कियां देखना और फिर रिजेक्शन होता रहा।.... समय बीतता रहा और चंदन भइया जब 35 के हो गये तो सबके माथे पर चिंता की लकीरें पैदा होने लगीं थीं ....
अब अम्मा को भइया पर गुस्सा आने लगा, ‘वह चिढ़ कर बोलीं, आखिर तुझे कैसी लड़की पसंद है “
चंदन भइया अम्मा को छेड़ते हुए बोले,” मुझे तो ट्रांसपैरेट ब्यूटी चाहिये अम्मा “
अम्मा चौक कर बोलीं, “ये टिरांसपिरैंट बूटी क्या होता है?”
चंदन भइया ने हंसते हुये कहा,” कैसै समझाऊं अम्मा, जब आयेगी तो देख लेना “
“चाहे जैसी भी लड़की ले आ, बस तू ब्याह कर ले बेटा।” अम्मा ने भोले अंदाज में कहा।
फिर एक दिन अम्माजी ने मां को आकर बताया कि चंदन भइया आजकल बड़े खुश रहते हैं जब अम्माजी ने उनसे खुशी की वजह पूछी, तो उन्होंने फोन पर एक खूबसूरत लड़की की फोटो दिखा कर कहा कि अब उन्हें उनकी ट्रांसपैरेंट ब्यूटी मिल गई है। अम्मा जी मारे खुशी से फूली नहीं समा रही थीं, उन्होंने तुरंत शादी का दिन भी दिखा दिया।
गीत के साथ भइया की फेसबुक से दोस्ती हुई और फिर मुलाकातें होने लगी थी। वह 19-20 साल की अल्हड़ सी लड़की गीत तो सच में सुंदरता कि मिसाल थी, संगमरमरी श्वेत रंग, कजरारी आंखें और ठुड्डी पर काला तिल .... चंदन भइया तो गीत को देखते ही उस पर मर मिटे थे ,गीत के गाल भी भइया को देखते ही गुलाबी हो उठते और आंखों में सतरंगी सपने मचल उठे थे ... चट मंगनी पट ब्याह हो गया था।.. चंदन भइया तो उसे अपलक निहारते रहते।...शुरू के कुछ दिन लाड़ चाव और रीति रस्मों में बीत गये।...
... सुबह जब चंदन उसके लिये किचन में चाय बना कर लेकर जाते दिखे तो चाची को अटपटा लगा था कि जिस बेटे ने कभी किचेन की तरफ झांका नहीं, वह आज चाय बना कर ले जा रहा है ...
वह देर से उठती, किचन का काम उसे आता ही नहीं था, आता था तो बनना संवरना...बातों बातों में गीत ने बता दिया कि उसे तो नॉन वेज पसंद है , उसे मछली अच्छी लगती है.. चाची नाराज हो गई , तुमने तो हमारा धर्म खराब कर दिया। हमारे घर पर यह सब मांस मच्छी नहीं खाई जाती...अब तो चाची को वह एक निगाह नहीं सुहाती थी... किसी तरह से चंदन ने बात संभाली थी।
साल बीतते बीतते अब चाची को अपने आंगन में किलकारी चाहिये थी ... वह हर महीने के बाद निराश हो उठतीं और गंडा तावीज, भभूत लाकर देतीं, कभी इस डॉक्टर तो कभी उस डॉक्टर चाची की इच्छा पूरी नहीं हो रही थी। उसने कह दिया था कि चंदन की भी तो डॉक्टर से जांच कराओ, बस इसी बात पर चाची और गीत के बीच में शीत युद्ध शुरू हो गया था।
शाम को कालेज से घर आकर भइया ने गीत को समझाते हुये कहा,” शादी को 3 साल हो चुके हैं गीत अब हम लोगों को अपने बच्चे के बारे में सोचना चाहिये”
“ लेकिन मैं इसके लिये अभी तैयार नहीं हूं चंदन, बच्चा होने के बाद मैं मोटी हो जाऊंगी फिर तुम मुझे प्यार नहीं करोगे.”
“तुम ये सोच भी कैसे सकती हो ? ‘तुम मेरी ट्रांसपैरेंट ब्यूटी हो, ‘तुम्हारे चेहरे का मैं हर भाव पढ़ लेता हूँ। कभी तुम भी मेरे चेहरे का भाव पढ़ लिया करो. क्या तुम्हें मेरे चेहरे पर पिता बनने का भाव नजर नहीं आता”
“हां, नजर आता है चंदन, अब तुम्हें अपनी ट्रांसपैरेंट ब्यूटी के चेहरे पर मातृत्व का भाव नजर आयेगा।"
उसका चेहरा शर्म से लाल हो उठा था।

