Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Abhishek Gaurkhede

Abstract

4.6  

Abhishek Gaurkhede

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टॉय

टॉय

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भूमि ने रोते रोते अपने रूम का दरवाजा खोला और बेड पर जाकर बैठ गयी। रोते रोते उसकी नज़र स्टडि टेबल पर रखे हुए गुड्डे पर गयी,वो गुड्डे के पास जाकर उसको बताती है की आज उसके बॉस ने सबके सामने फिर से उसका मजाक बना दिया। फिर धीरे धीरे उसको सारी बात बताती है और नॉर्मल होने लगती है और फिर आसू पोच कर, बोलती है इस पूरी दुनिया मे तुम ही एक हो जो बिना कोई कम्प्लेंट किए मेरी बात सुनते हो, एक तुम ही हो मेरे सच्चे दोस्त और स्माइल करने लगती है|

२ दिन बाद। भूमि बहुत खुशी खुशी अपने फ्लैट पर आती है और गुड्डे के पास जाती है। वो उसको बताती है की आज उसके ऑफिस मे एक न्यू जॉइनिंग हुई है और वो लड़का उसके ही टीम मे ही है उसका नाम रोहन है और बताती है की वो उसको अच्छा लगता है और ऐसा बोलते बोलते वो गुड्डे को लेकर बेड पर जा कर सो जाती है।

तबियत ठीक न लगने कि वज से आज भूमी ने ऑफिस से छुट्टी ली है। भूमी लैपटाप मे कुछ काम कर रही है, की तभी रोहन का कॉल आता है, वो भूमी की तबियत पूछता है। दोनों बहुत देर तक बात करते है और आज भूमि गुड्डे से बिना बातें किए सो जाती है। ऐसे ही लगभग हफ्ता दो हफ्ता बीत जाता है,

और भूमी का अब गुड्डे से बात करना ही बंध हो गया था। अब उसका सारा समय रोहन से बात करने मे निकल जाता था और वो गुड्डे पर अब बिलकुल ध्यान नही देती है।

भूमि ऑफिस का काम कर रही है की तभी उसको उसके फ्रेंड का कॉल आता है और वो उसको बोलती है की तू आ रही है न मेरे भाई के बर्थड़े पर, भूमी उसे कहती है हां आ रही, वो फोन रखती है, और तैयार होने मे लग जाती है . की तभी उसको रोहन का कॉल आता है और वो उसको बताती है की वो शलिनी के भाई के बर्थड़े पर जा रही है और भूमि रोहन को भी चलने बोलती है और रोहन रैडि हो जाता है। रोहन भूमि के

घर आता है और दोनों फिर वाह से बर्थड़े पार्टी के लिए निकल जाते है।

कूछ दिन बाद भूमि रोते रोते अपने फ्लैट पर आती है और स्टडि टेबल पर गुड्डे के ना होने से, उसे अलमारी मे धुंडती है मगर वो वाह भी नही दिखता वो आ कर रोते रोते बेड पर बैठ जाती है की तभी उसको याद आता है की शलिनी के छोटे भाई का बर्थड़े था और गिफ्ट न लेने के कारण गिफ्ट मे गुड्डे को ही दे दी थी। फिर उसको सारी कहानी याद आती है की कैसे रोहन ने उससे दोस्ती की सिर्फ शलिनी के करीब आने के लिए और जब शलिनी और रोहन दोस्त बन गये,तो वो उसको भूल गया और उसके पास एक ही उसका दोस्त था, वो भी उसे दूर हो गया और अब वो पुरी तरह अकेले हो गयी, ये सोचते सोचते वो रोने लगी।


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