तमन्ना
तमन्ना
सीमा आज बहुत खुश थी उसके पति का प्रमोशन हुआ था। वो एक प्राइवेट कंपनी में क्लर्क थे। अब प्रमोशन के बाद हेड क्लर्क हो गए थे। प्रमोशन के साथ-साथ वेतन में भी बढ़ोतरी।
सीमा मेरे पड़ोस में रहती है। उसके दो बच्चे हैं_ मोनू और पिंकी। कई बार बातों बातों में उसने बताया था उसकी दिली इच्छा है किसी बड़े रेस्टोरेंट में बच्चों और पति के साथ जाने की। आर्थिक तंगी कारण अभी तक ये हो न पाया था। इस बार उसने बताया की प्रमोशन की खुशी में उसके पति सबको बड़े रेस्टोरेंट में ले जाने वाले हैं।
आखिर वह दिन भी आ गया सीमा बड़ी खुश थी अपने पति और बच्चों के साथ बड़े रेस्टोरेंट में पहुंच कर। वेटर ने जब मेनू कार्ड थमाया तो सब्जियों और अन्य व्यंजनों की कीमत देखकर उसका दिमाग चकराने लगा। इतने महंगे, इतने में तो मोनू के जूते और पिंकी के कपड़े आ जाएंगे। नहीं _नहीं वह इतने पैसे खर्च नहीं कर सकती। वेटर ने पूछा क्या_"क्या लाऊं मैम आप के लिए"? तभी सीमा की नजर मेनू कार्ड के सबसे नीचे लिखे आलू मटर की सब्जी पड़ गई। हां यह ठीक है।ये उसके बजट में थी। उसने झट आलू मटर की सब्जी और रोटियां मंगा ली। बच्चे सब्जी देखकर कहने लगे_ ये सब्जी! ऐसी सब्जी तो हम रोज घर में खाते हैं। यहां तो कुछ अच्छी सब्जी मंगानी थी। अब सीमा उनसे क्या कहती। बच्चों को आलू मटर की सब्जी की पौष्टिकता का बखान किया। जैसे तैसे उन्हें समझाया। बच्चों ने खाना शुरू कर दिया पर उसकी नजर तो बार-बार पास वाले टेबल पर जा रही थी जहां तरह-तरह के व्यंजनों से पूरा टेबल सजा था जिसे एक दंपत्ति बड़े ही नजाकत से खा रहे थे।