सज़ा-ए-मौत
सज़ा-ए-मौत


लोकसभा चुनाव (एमपी) के लिए माफिया डॉन बिल्लू भी चुनाव के मैदान में कूद पड़ा। पैसों की कोई कमी न थी। करोड़ों लुटा दिया उसने कुर्सी हासिल करने हेतु। जनता को उसने सुनहरे भविष्य के सपनें ही नहीं बांटें, बल्कि सबूत के तौर पर नोटों की गड्डियां भी दीं। नोटों की गड्डियां इसलिए दीं, ताकि चुनाव जीतने के बाद इन गड्डियों को डबल/ट्रिपल कर सकें और अपने नम्बर दो के धंधे को और भी पल्लवित पुष्पित कर सके।
नियत तिथि पर चुनाव सम्पन्न हो गया। दो दिन बाद ही रिज़ल्ट भी आ गया। उसकी खुशी का ठिकाना न रहा, क्योंकि वो चुनाव जीत चु
का था।
उसके चनाव जीतने की खुशी में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। बड़े बड़े नेता, एमपी, एमएलए और मिनिस्टर आये। सबने माफ़िया डॉन बिल्लू को फूल मालाओं से लाद दिया।
तभी अचानक तेज़ आंधी आई। लाइट चली गई। आकाश में भयंकर गर्जना हुई। बारिश होने लगी। ओले गिरने लगे। और करोडों वोल्ट की चुंधिया देने वाले तेज प्रकाश के साथ आकाशीय बिजली ने सजे-धजे स्टेज को पलक झपकते जला कर खाक कर दिया। डॉन भी जल कर राख हो गया..!
दूसरे दिन अखबार के मुख पृष्ठ की हेडिंग थी, बाहुबली डॉन को भगवान की अदालत ने दी सज़ा-ए-मौत..!