"" संदेश आया था """(17)
"" संदेश आया था """(17)
"हेलो लारोकर। कांग्रेच्यूलेशन।यू आर नाऊ बिकेम ए सीनियर मैनेजर। "
"थैंक्यू सर,वेरी मच।"मैंने कहा था।
सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया, नागपुर (महाराष्ट्र)के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री जी एस चाहर ,ने मई 2011 को मुझे फोन पर ,यह संदेश दिया था।
उस समय मैं, शाखा अभ्यंकरनगर (नागपुर)में, मैनेजर हुआ करता था।
पदोन्नति के लिए मैंने अपनी क्षमता से अधिक ही,परिश्रम किया था।मेरे अलावा ,मुझे पसंद करने वाले स्टाफ भी,यह उम्मीद रखे थे।
वैसे भी, सरकारी बैंको में, प्रमोशन के,अवसर कम ही होते
प्रमोशन के उस संदेश ने मुझमें जैसे नवीन उर्जा,प्रसन्नता का संचार कर दिया था।
मुझे स्मरण होता है कि नागपुर आंचलिक कार्यालय में, उस समय के आंचलिक प्रबंधक श्री जी एस चाहर ने,मुझे पदोन्नति पत्र देते हुए कहा था "मैं आपको कई सालों से जानता हूँ। आपकी कार्यक्षमता, व्यक्तित्व सभी।जिस तरह आपने यहाँ काम करके दिखाया है, मैं इम्प्रेशाड हूँ। आप प्रमोशन लेकर जा रहे हैं। वहां इससे भी बेहतर करना और बैंक के व्यापार को ऊपर ले जाने में, अपना अधिक से अधिक कान्ट्रीब्यूट करना।तूम ऐसा कर सकते हो,मुझे पता है।बधाई। "
उस संदेश ने मेरी दिशा और दशा को बदल दिया था। हम दोनों ही, सेवानिवृत हो चुके हैं। बस यादें ही शेष है। ।
