Manoj Kumar

Romance drama thriller

3  

Manoj Kumar

Romance drama thriller

शोर्ट फिल्म स्क्रिप्ट सबा

शोर्ट फिल्म स्क्रिप्ट सबा

9 mins
151



  SCENE NO :1


  LOCATION : COLLEGE, MORNING

 

  CAST: SABA, AYUSH , PRINCIPAL


    


   (सुबह का समय होता है।

 सबा कॉलेज जा रही होती हैं।

वही आयुष को देर हो जाती हैं। तब आयुष सोचता है कुछ....)


आयुष "लगता है मुझे अब देर हो गई है।


यही बातें सोचते हुए कॉलेज में पहुँचता है। तब प्रिंसिपल कुछ पूछते हैं)


प्रिंसिपल "तुम्हें पढ़ना है या नहीं...??कितनी देर को आते हो..समय देख रहे हो.. ?अभी कितने बजे है।ये कोई टाइम होता है। आने का.. बोलो ?"

आयुष "सॉरी सर..! अब फिर दोबारा ग़लती नही होंगी!


प्रिंसिपल "ओके ठीक है बैठ जाओ.."


(आयुष जाता है सबा के बगल वाली सीट पर बैठ जाता है!

 तब सबा पूछती है..)


सबा "एक्सक्यूज़ मी.. क्या आप मुझे एक पेन दे सकते हैं?'


आयुष "हां.. क्यूँ नहीं.."


सबा "thank you so much.., आपका नाम..?'


आयुष "आयुष"

आयुष "आपका नाम..?'

सबा "सबा"


आयुष "आप बहुत अच्छी हो.. और बहुत प्यारा नाम है!"


सबा "और आपका भी.."


आप इसी कॉलेज में पढ़ते हो न.."


आयुष "हां...


सबा "तब तो रोज मुलाक़ात होंगी.."


(कुछ देर बाद कॉलेज में छुट्टी हो जाती हैं, सभी कॉलेज से निकल आते हैं। सबा अपने घर जानें के लिए टैक्सी बुलाती है।)


सबा "हैलो टैक्सी वाले.."

आयुष "रहने दीजिए..?"


हम आपको छोड़ देते हैं घर तक..


( सबा बाइक पर सवार होकर अपने घर की तरफ़ रवाना होती है। तभी सबा कहती है ...


सबा "यही छोड़ दीजिए.    मैं खुद चली जाओगी   थैंक्स .."


आयुष- थैंक्स कहने की क्या जरुरत .."

       


सबा "हां सुने.. कल कॉलेज नहीं आ पाऊंगी..  कल कुछ काम हैं।ओके चलती हूँ..  बाय!"


आयुष "बाय..


SCENE NO "2


LOCATION "COLLEGE NEXT DAY, DAY


CAST: AYUSH, SABA ,PRINCIPAL


जब अगले दिन आयुष पढ़ने जाता है, वहीं पर सबा से फिर मुलाक़ात होती हैआयुष अपने प्यार के खातिर.. हाथ में एक गुलाब का फूल लेकर जाता है

आयुष सोचता है आज मैं पूरे कॉलेज के सामने अपने प्यार का इज़हार कर दूँगा{कॉलेज में प्रवेश करता है)


आयुष "हाय! सबा .. रोज तुम जल्दी आ जाती हो कॉलेज!"


सबा "हाय.. कैसे हो.. मैं तो रोज इतनी ही टाइम आती हूँ.."


प्रिंसिपल "क्या कर रहे हो..!"


सभी स्टूडेंट्स .. ब्लैकबोर्ड पर देखो! आज हिस्ट्री पढ़ाने वाला हूँ..


तभी आयुष पूछता है प्रिंसिपल से..आयुष-  सर प्यार क्या होता है? और कैसे होता है??"


तभी सभी लड़के और लड़कियां ये बातें सुनकर हँस पड़ते हैं।


प्रिंसिपल "साइलेंट."


प्रिंसिपल पढ़ाकर चले जाते हैं और आयुष , सबा भी दोनों चले आते हैं। आयुष कुछ पूछते हैं सबा से..


आयुष "तुमसे कुछ बातें करनी है. इधर आओ.."

सबा "बोलो!"


आयुष "इनकार तो नहीं करोगी! बोलो..?"


   सबा "नहीं.."


आयुष गुलाब का फूल उसके हाथ में मुस्काते हुए देता है। और सबा प्यार से ले लेती हैं।


आयुष "l love you सबा!"


"मैं ये बातें तुमसे कह नहीं पाता था। मैं अपने दिल में दबाए घूमता था।पर आज अपने दिल की बातें बता दिया..मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.."


तभी कुछ ही देर में कॉलेज की छुट्टी होती है।आयुष उनके घर तक न जाते हुए, बाहर ही छोड़कर चले आते हैं।


सबा "बाय! आयुष..अपना नंबर तो देते जाओ .."


आयुष नम्बर देता है और फिर अपने घर लौट आता है।


आयुष "अच्छा चलता हूँ सबा अपना खयाल रखना बाय.."

     Love you...


सबा "बाय!..."


SCENE NO. 3


LOCATION "OFFICE. DAY


CAST "Aayush & SABA


सबा ऑफिस में फाईल बनाती है।तभी कुछ देर बाद किसी का फोन आता है।फोन सबा उठाती है।


सबा "हैलो कौन? क्या आपकी आवाजे ख़ामोश हो गई।मेरी आवाजें सुनते हुए..!"


तभी फिर से वापस कॉल आता है।और उसे सबा फिर उठा लेती हैं।


DAILOGE: 


सबा "बोल तो दिया करो,

     तुम्हें बोलने में क्या जाता हैं"


आयुष "ओह! तो तुम गुस्सा गई। मेरी एक कॉल रिसीव करने परअच्छा चलो बताओ.. तुम कैसी हो!"


  

 सबा "अच्छी हूँ..! पर तुम क्यूँ मुझे इतना सताते हो!मैंने फोन उठाया तुमने बोले भी नहीं..."


"क्या तुम गुस्सा हो!या किसी कली ने तुम्हें अपने बाहों में समेट लिया है!!"


    

   आयुष "नहीं यार! तुम्हें पता है न मैं कितना आज कल व्यस्त रहता हूँआज मैंने मौका पाया हूँ..तो सोचा बातें कर लूँ..."


सबा "ठीक है बाबा!"


"मैं लेंच करने वाली हूँ अभी..ओके मैं फोन रखती हूँ! बाय.! "


आयुष "बाय!"


दोनों अपना अपना कॉल रख देते हैं!


सबा "बहुत शरारती लड़का है।चलों कोई बात नहीं..!!थोड़ा काम कर लेती हूँ,..,


  SCENE NO. 4


  LOCATION "SABA HOUSE, DAY


   CAST "SABA, TAANIYA


कुछ समय बाद सबा ऑफिस से अपने घर आ जाती है।बैग को बेंच पर रखती है,जूते को गुस्से से निकाल "निकालकर फैकती हैऔर मन ही मन में कहती हैं,आज मुझे बहुत काम करना पड़ा..


 ( तभी कुछ पल में तानिया का दरवाजा पर आना होता है।)


तानिया "ओह! माई गॉड "ये क्या कर रही है?आज लगता है तुम बहुत गुस्से में जान..आज तुम्हें क्या हुआ.!कोई आशिक़ तो नहीं मिल गया है तुम्हें?'


सबा "बस चुप रहो तानिया बहुत हो चुका,मैं ये न समझूंगी कि तुम मेरी सहेली हो"


तानिया "मैं तो सिर्फ़ मज़ाक कर रही थी यार!आप तो सचमुच समझ लिया..अच्छा बताओ ऑफिस का काम कैसा था?"


 सबा "अच्छा था"


( सबा जाती है रसोई घर में और चाय बनाकर लाती है।

  तानिया और सबा दोनों चाय पीते हैं।

 

   और ख़ूब सारी बातें होती हैं।


  तानिया "अच्छा ठीक है, सबा मैं चलती हूँ..तुम अपना खयाल रखना,मैं जा रही हूँ कॉलेजकभी फिर मिलूँगीबाय!....


 

   सबा "बाय..


   तानिया को घर जाने के बाद


( सबा आयुष की बार "बार तस्वीर देखती है।

  कभी खिड़की से झाँकती है,

 

  तो कभी छत के ऊपर से... सबा सोच रही होती हैं

  कहीं थोड़ी सी बातों में ज्यादा..

   गुस्सा में न हो गया हो..


    और मुझसे खफा न हो जाए..


   तभी कुछ देर बाद फिर कॉल आता है

आयुष "हैलो सबा. कल चलना है मूवी देखने


   चलोगी न ... प्रोमिस करो!

  कि कभी मायूस नहीं होंगी..


  सबा "ठीक हैं .पर मेरी एक शर्त पर मैं तुम्हारे साथ चलूँ गी..


आयुष "बोले क्या.. कौन सी शर्त है..


सबा "तुम मेरे हरपल साथ रहोगे..

     मुझसे कभी अलग न होगे..


आयुष "ओके बाबा done


 सबा "अब रखती हूँ कॉल अभी बहुत सारा काम

     करना है ऑफिस का..


आयुष "लव यू जान बाय!


सबा "बाय!


दोनों बाइक पे सवार होकर

 मूवी देखने जा रहे होते हैं।

  

  

SCENE: NO5

LOCATION: TOKICE, DAY

CAST: SABA, AYUSH, ROCKY (VILEN)


दोनों मूवी देखने जा रहे होते है।

तभी रास्ता में अचानक से बाइक खराब हो जाती हैं।

आयुष किसी मेकनिक के गेरज में ले जाते हैं।

 बनवाने..

 

 और सबा को बोलते हैं तुम यहीं पर खड़ी रहना मैं 

  एक बोतल पानी लेकर आता हूं..

  

  जब आयुष पानी लेकर वापस आता है

   तब देखता है सबा वहाँ दिखाई नहीं पड़ती हैं।

    कुछ गुंडे उठाकर ले जा रहे होते हैं।

     

  आयुष "हैलो भाई साहब यहां किसी लड़की को देखा हैं


    (सभी लोग कहते है नहीं...


      डायलॉग: 


रॉकी-  ( हँसते हुए)किसको खोज रहे हो.., छोकरे..

     यहां पे कोई नहीं हैं..

     तुम्हारी महबूबा को..

     मेरे साथियों ने कब का न उठा ले गए..


आयुष "(गुस्से से) "कुत्ते ..बता सबा कहाँ गई..

            जबतक तू नहीं बतायेगा..

            तब तक मैं तुझे मार "मारकर

             ज़ख्मी कर दूँगा...


रॉकी "बताता हूँ.. छोड़ दीजिए मुझे..

     

आयुष "हां जल्दी बता..


 रॉकी "( हाँफते हुए) "मेरे साथियों ने..

     पहाड़ी इलाकों में ले गए हैं..


आयुष "हट साला..


( आयुष बाइक को पे सवार होकर पहाड़ी इलाकों में जाते हैं, वहीं आयुष मारपीट करते हैं.

और सबा को साथियों से छुड़ाकर लेकर आते हैं)


सबा-(सिसकती हुई) I love you..l love you


आयुष "अब चले .. मूवी देखने

सबा "चलों..


(दोनों चले आते हैं मूवी देखने और ख़ूब मस्ती करते हैं)


आयुष "आज तुम कितनी अच्छी लग रही हो..

      आज मौसम भी सुहाना है..


चलों आज घूमते हैं मार्केट..


सबा "और तुम भी अच्छे लग रहे हो..

    चलो कुछ खा लेते हैं..

   जोरे से भूख लगी है..

  और तुम भी भूखे हो...


आयुष "तुम मेरा कितना खयाल करती हो..

      तू ही मेरी दुनिया हो..


    जो तुम मुझे इतना खयाल करती हो..

     पहली नज़र हो...


    वो हवा हो. जो सुबह हम टहलने जाते है


सबा "(शर्माती हुई) "अच्छा ठीक है...

     

     अब चले घर ..

 आयुष "(सोचते हुए) "हां चलें..


 सबा "रुके सेल्फी ले ले तब चलते हैं..

 आयुष "अब चले..

 सबा "हां....


(मूवी देखने के बाद दोनों घर लौटते हैं, आयुष जाता हैं

  सबा के घर छोड़ने.. छोड़ने के बाद फिर अपने घर लौट आता है)


SCENE NO :6

LOCATION: SABA HOUSE, EVENING

CAST: SABA, THAKUR SHER SINGH, (FATHER)

INDUMATI (MOTHER)


ठाकुर शेर सिंह "बेटी.., ये कौन लड़का था!

           जो तुम्हें अभी बाइक से छोड़ने आया था


 डायलॉग:

(गुस्से में)


किसने शेर के जबड़े में हाथ डालने की जुर्रत की..


सबा-( हिचकाती हुईं) "डेडी.. हम दोनों साथ में पढ़ते हैं।


मैं इसे जानती हूँ..

एक अच्छा लड़का है..

हम दोनों साथ में ही पढ़ते हैं..

इसका नाम आयुष है।


ठाकुर शेर सिंह "( थोड़ा गुस्से में) "हम उसकी हिस्ट्री नहीं पूछते हैं..


 इतने तो बताओ लड़का क्या करता है..

 कोई काम "वाम करता है या नहीं..


समझाओ न इसे ठकुराइन..

पागल होती जा रही है ये तुम्हारी लाडली..


सबा "डेडी.. मैं आयुष से बहुत प्यार करती हूं..

     वो मेरा सबकुछ है...


ठाकुर शेर सिंह "समझाओ ठकुराइन..

           ये अपनी बेजुबान गुड़िया को..


 इंदुमती "बेटी.. अपने डेडी की बात मान जाओ..

       तुम्हारे डेडी..

       बहुत जिद्दी है..


( सबा रोती हुई अपने कमरा में चली जाती हैं, और आयुष की तस्वीर देखकर ख़ूब रोती है, 

तभी आयुष का कॉल आता है, और वो रोते हुए बोलती है)


सबा-(रोते हुए) हां .. आयुष .. अब लगता हैं!

    तेरे और मेरे प्यार में एक मजबूत दीवार खड़ी हो जायेगी..


आयुष "(उदास) "ऐसा अशुभ बातें मत बोलो सबा..

      तू मेरी हो और मैं तेरा हूं..

    

     और रहूँगा उम्र भर..

     ज़रूर आऊँगा तुम्हारे घर.. और तेरे मांग में सिन्दूर 

     भरके तब लौटूँगा..

 रोना मत मैं जरूर आऊंगा..

  मैं इक पल तुझसे दूर नहीं हूँ..

I love you सबा.. I love you..


सबा "I love you आयुष.. I love you..


     


SACEN NO: 7 

LOCATION "SABA HOUSE, DAY

CAST "SABA , THAKUR SHER SINGH, BAHADUR SINGH (MEHMAAN)


कुछ समय बाद सबा के घर कुछ मेहमान आ जाते है,


ठाकुर शेर सिंह, और बहादुर सिंह से बातचीत!


    डायलॉग: 


ठाकुर शेर सिंह "आइए! बहादुर सिंह कैसे आना हुआ?


 बहादुर सिंह "ठाकुर साहब! आपके बेटी का हाथ मांगने आया हूँ..


अगर रिश्ता मंजूर हो तो, मेरे घर में कर दीजिए!

 आपकी बेटी खुश रहेगी!


ठाकुर शेर सिंह "अच्छा ठीक है, बहादुर सिंह

          पुरानी हवेली पे आ जाना!

          वहीं पे शादी होंगी वो पुरखों का जमीन है


बेटी इधर आइए!

 देखो यहाँ रिश्ता लेकर आयें है।

 तेरी शादी के लिए!!


सबा कमरे के बाहर से निकलकर आती हैं।


        डायलॉग

सबा- मुझे ये रिश्ता मंजूर नहीं है।

     जो किसी कच्चे धागे में जबरन बांधा जाएं


    मैं किसी ओर की हो गई हूँ..


   

    


मैं सिर्फ़ आयुष से ही शादी करूँगी


ठाकुर शेर सिंह "बस.. चुप रहियों!

        एक भी जबान आगे बढ़ी तो गोली मार दूँगा!

         

         सबा- 

 

    हां मुझे मार दो.. मैं मरूँगी तो सिर्फ अपने प्यार के लिए!  

और जिऊँगी तो भी...


SENCE NO "8

LOCATION: SABA HOUSE, NIGHT

CAST "SABA, INDUMATI (MOTHER)


सबा न कुछ खाती है न पीती हैं

सिर्फ़ रोने के सिवा 


इंदुमती "बेटी कुछ खा लो ..

      ऐसे ही रहोगी .. तो कैसे जी पाओगी

       हम तुम्हारे डैडी को समझा दूँगी..

       तेरे पसंद से ही शादी होगी..

  अब तो खा लो..


सबा "नहीं माँ.. नहीं खाऊँगी..

    नींद लग रही है..


सोचते "सोचते सबा सो जाती हैं।


SCENE NO.9

LOCATION: SABA HOUSE DAY

CAST: AYUSH,SABA, THAKUR SHER SINGH


सबा की शादी की तैयारी हो रही होती है।

घर पर मंडप सजाया जा रहा होता है।

बस पंडित की देर रहती है।


ठाकुर शेर सिंह- (घबराते हुए) "कहाँ मर गए सब..

         बेटी की शादी कराओ जल्दी..


      पंडित मंत्र बोलते हैं।


  सिर्फ मंगलसूत्र गले में डालने में देरी होती है।तभी आयुष वहां पहुंच जाता है।


    


 ठाकुर शेर सिंह "जाने मत दो इसे..इतना मारो कि अपने गली का रास्ता भी भूल जाएँ!


आयुष "किसी की बाजुओं में इतनी ताकत नहीं हैकि मुझे रोक सकें...


अगर अपनी बेटी का हाथ, सहूलियत से देना

चाहते हैं, तो दे सकते हैं..


वरना.., तेरी औकात ! मेरे प्यार से बढ़कर नहीं हैं!


(सबा दौड़कर आती हैं और आयुष से लिपट जाती हैं।


तभी ठाकुर शेर सिंह फायरिंग करने लगते हैं।


सबा "अब क्या लोगे डैडी..सबकुछ तो मेरा छीन लिया..अब मेरा सुहाग उजाड़ना चाहते हैं क्या?


अगर गोली चलाने से आपके दिल में ठंडक मिल जाएं तो फिर चलाइए! गोली.. हां.. चलाइए...या तेरी बेटी रहेंगी या मेरा प्यार...


मेरे प्यार से बढ़कर मेरा जान नहीं हैं।प्यार अधर्म के तराजू पे तौलना चाहते हैं आपतो फिर चलाइए गोली..


इतनी बातें सुनते ही बेटी को गले लगा लिए और दोनों को ख़ुशी "ख़ुशी शादी करा दिए!


ठाकुर शेर सिंह "जो सुबह सुहानी पुरवाई चले वही है सबा"



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