Manoj Kumar

Romance

3  

Manoj Kumar

Romance

कमबख्त दिल

कमबख्त दिल

8 mins
371


सुमन को स्कूल जाने के लिए देर हो रही थी। अचानक उनके पापा का फोन आया गया। सुमन ने फोन उठाया और बाते करने लगी। तभी 9 बज गए स्कूल जाने के लिए समय भी हो गया। सुमन की मम्मी बोली बेटी स्कूल जा रही हो कुछ खाते जाना। रुको मैं गरमा गर्म चाय और बिस्किट लेकर आती हूं।

खा लेना तब जाना , सुमन अपने मम्मी से बोल पड़ती है। मम्मी हमें देर हो रही है। नहीं तो सर मारेंगे स्कूल में आऊंगी तब खा लूंगी। सुमन की मम्मी बोली ठीक है,, जाओ देर हो गई होगी। सुमन के स्कूल घर से काफी दूर है। सुमन पैदल ही आकर चौराहे पर खड़ी हो जाती हैं।

वहां से एक ऑटो वाला निकलता है। सुमन बोलती है भैया जी हमें वहां तक छोड़ सकते हैं, हमें स्कूल जाना है। ऑटो वाला बोल पड़ता है, हां क्यों नहीं आओ बैठो अभी छोड़ देता हूं। मात्र 10 मिनट में,,।

सुमन खुश होकर ऑटो में बैठ जाती हैं। ऑटो वाला व्यक्ति सुमन को स्कूल के गेट तक जाकर छोड़ देता है। तभी कुछ सहेलियां से उनकी भेंट होती हैं। सभी सहेलियां पूछती हैं आज क्या हुआ कितनी देर कैसे हो गई। सुमन ने कहा देखो यार,, आज हमारे घर में देर को खाना बना तो मम्मी ने कहा चाय और बिस्किट खा लो तब जाओ तभी अचानक पापा का फोन आ गया इसलिए देर हो गई। और खाना भी नहीं खाई वहीं सिर्फ़ चाय और बिस्किट खा कर आई।

सभी सहेलियां कहती हैं, जो हो गया छोड़ो उसको चलो आज बहुत अच्छी किताब लाई हूं, चलो पढ़ा जाए,, "सुमन उनकी किताब पढ़ती है । और उनकी किताब मांग भी लेती हैं कुछ दिन के लिए सुमन किताब बैग में रखती हैं , और तभी अचानक स्कूल में छुट्टी हो जाती हैं। उनकी सहेलियां पूछती हैं इतनी जल्दी छुट्टी कैसे हो गई अभी समय भी नहीं हुआ है,,।

सुमन बताती है कि आज इसी स्कूल के मास्टर समूह में से एक का देहांत हो गया है। इसलिए छुट्टी हो गई है। सहेलियां कहती हैं ठीक है मित्र देर हो रही है मै चलती हूं , हमें दूर जाना है। सुमन की सहेलियां अपने घर के तरफ चली जाती हैं। वो तो साईकिल से आई थी वो पहले निकल जाती हैं।

सुमन आकर स्कूल के गेट के पास ही में खड़ी हो जाती हैं। तभी सुमन को ऑटो वाला दिखता है, सुमन ने उन्हें बुलाती है। जोर- जोर से आवाज लगाते हुए , कहती हैं भाई साहब हमे घर जाना है । ऑटो वाला आता है , ओर सुमन सुमन उस में बैठ जाती है। उसी ऑटो में सुंदर जवान लड़का दिखता है। सुमन मुस्काते हुए बोल पड़ती है। आप कहां से हो, ओर कहा जा रहे हो,,।

सुमन इतना सवाल करके देखने लगती हैं। तभी ऑटो में बैठा लड़का अपना परिचय बताता कि मेरा - सुशील है। मै उदय पुर का रहने वाला हूं। सुमन तारीफ करते हुए कहती हैं आप का नाम बहुत अच्छा है। सुशील धन्यवाद बोलता है। उसी से सुमन बार- बार बात करती हैं। सुमन कहती हैं शरमाते हुए, आप बहुत अच्छे हो, आप बहुत अच्छे लगते भी हो हमें, सुशील फिर से धन्यवाद बोलता है,,।

तभी दूसरा वाला चौराहा आ जाता है। सुशील सुमन से फोन नंबर मांगता है। सुमन फोन नंबर दे देती हैं। सुशील अपने घर के तरफ चला जाता हैं। सुमन अपने घर के तरफ चली आती हैं। मम्मी पूछती हैं बेटी आप को भूख तो नहीं लगी थी। आपको बोल रही थी कुछ खाते जाना ओर हमारी बाते मान भी नहीं रही थी,,।

सुमन कहती हैं , मम्मी जो सुबह खाई थी वहीं खाया है। बस अतः आज पढ़ाई भी नहीं हुई है। आज हमारे स्कूल में बहुत जल्दी छुट्टी हो गई थी। आज सिर्फ खेला ही है पढ़ा कुछ नहीं। मम्मी कहती हैं कहती हैं क्या हुआ क्यों जल्दी छुट्टी हो गई। बोलो! सुमन कहती हैं मम्मी आज आज पूरे स्कूल में बहुत शोक था। मास्टर समूह के एक लोग का देहांत हो गया है।

तभी प्रधानाचार्य जी ने छुट्टी कर दी थोड़ी देर गम किए ओर उसके बाद खेले और चली आई। तभी सुमन के पापा आ जाते हैं। बोलते हैं क्या हुआ? मां बेटी में क्या गुमसुम बाते चल रही है। सुमन सारी बातें बताती हैं। उनके पापा का चेहरा उदास हो जाता है, ओर बोलते हैं ईश्वर आत्मा की शांति दे,,।

सुमन की मम्मी कहती हैं, जो हो गया सो हो गया। चलो चल के खाते हैं भूख लगी होगी। तभी तीनों लोग खाना खाने बैठ जाते हैं। तभी अचानक सुमन के मोबाइल पर फोन आ जाता है। सुमन दो बार फोन को कट कर देती हैं। खाना खाने के बाद सुमन फोन उठा लेती हैं। ओर बोलती है यार खाना खा रही थी। इसलिए फोन भी नहीं उठाई और कट भी कर दिए। सुमन और सुशील की बाते काफी देर तक होती हैं , तभी उसकी मम्मी पूछ पड़ती है किसका फोन था। सुमन डरते हुए बोलती है किसी के नहीं मम्मी बस सहेली थी। हमारे साथ पढ़ने वाली, सुमन 1- 2 दिन बाते छिपाती ,,।


          भाग- 2

दूसरे दिन सुबह देर से उठी है सुमन मम्मी उससे जगाती है। सुमन जल्दी- जल्दी स्कूल के लिए तैयारी करती हैं, ओर किसी को नहीं देखती घर में तो फोन भी कर देती हैं, सुशील के पास। तभी सुमन की मम्मी बुलाती है। बेटी आकर टिफिन ले जाओ और खाना भी खा लो। सुमन कहती हैं आई मम्मी सुमन न ध्यान देते हुए । मोबाइल को मेज पर रख जाती हैं, जहां पर कपड़ा पहनती थी। मम्मी खाना देकर उस कमरा में पहुंचती हैं। जहां पर कपड़ा पहनती थी। तभी अचानक पुनः फोन आया सुशील का सुमन की मम्मी ने फोन उठाया सुशील ने क्या किया फोन को सुनकर तुरंत कट कर दी।

तभी सुमन अपनी मोबाइल खोजते हुए वहां पहुंच जाती हैं। वहां तभी उनकी मम्मी मिलती हैं। बोलती है किसका फोन था आज तुम्हें बताना ही पड़ेगा। हमने जब फोन उठाया तब उसने कट कर दिया। वो कोई लड़का था,,।

सुमन फिर से बहाना मारती है । बोलती है मम्मी वो सहेली की भाई होगा शायद जल्द बाजी में फोन मिला दिया होगा। सुमन की मम्मी की बोलती है ठीक है कोई बात नही। सुमन स्कूल के लिए निकल पड़ती है। कुछ दूर चलने पर सुशील के पास फोन लगाती हैं। सुशील सारी बाते बताता है कि तुम्हारी मम्मी बोल रही थी,,।

सुमन कहती हैं छोड़ो वो बात कहा हो आओ चलते हैं। स्कूल छोड़ दो हमें अगर बाइक से हो तो सुशील आ जाता हैं, अपनी बाइक लेकर सुमन बाइक पर बैठती है ओर स्कूल की ओर चल पड़ती है। रास्ते में सुशील बोलता है कि मै तुमसे बहुत प्यार करता हूं। तुम हमें छोड़ कर मत जाना नहीं तो हम जी नहीं पाऊंगा मै घुट- घुटकर मर जाऊंगा,,।

सुमन समझाती है कि होगा यार, हम तुम्हारे साथ रहेंगे हम भी तुम्हें बहुत प्यार करती हूं। लेकिन क्या करें यार फोन से बाते भी नहीं हो पाती हैं। बाते करते- करते स्कूल तक आ जाती हैं सुमन और सीधे अपने कमरा में चली जाती हैं। वहां उनकी सहेलियां मिलती है और पूछती है। आज तो जल्दी आई यार ! आज लगता है कोई आया था छोड़ने तुम्हें। सुमन कहती हैं। हां! यार पहली मुलाकात में दोस्ती बनाई है। वहीं आया था बाइक से छोड़ने सहेलियां ने मुस्काते हुए कहती हैं अच्छा है,,।

तभी सुमन का मन नहीं लगता है पढ़ाई में वो सुशील के प्यार में पागल हो जाती हैं। सहेलियां उनको बहुत समझाती है, पढ़ लो लेकिन सुमन का मन नहीं लगता है स्कूल में तभी स्कूल में छुट्टी हो जाती हैं। जितनी भी सहेलियां होती हैं उनके साथ सब अपने- अपने घर चली जाती है। सुमन गेट के पास खड़ी हो जाती है, उदास चेहरा लिए। अपने दोस्त के याद में सुमन बार- बार सुशील के पास फोन करती हैं। सुमन सोचती है शायद आते होंगे जेब में रखें होंगे मोबाइल को इसलिए नहीं उठाते है। 

तभी अचानक बाइक से सुशील आ जाते है। सुमन बहुत खुश हो जाती हैं। बाइक पर बैठ जाती हैं। घर के तरफ निकल पड़ती है, कुछ ही देर में घर पहुंच जाती हैं। सुमन की मम्मी लेकिन वो छत पर होती हैं, ओर देख लेती हैं ।उस लड़का को सुमन की मम्मी पूछती हैं , यही वो लड़का है। जो कल फोन कर रहा था,,।

सुमन न शरमाते हुए बोल पड़ती है,, हां! मम्मी वही लड़का है। मम्मी मैं इससे प्यार करती हूं। ओर सोच रही हूं कि शादी भी कर लूं बहुत अच्छा लड़का है। तभी सुमन की मम्मी गुस्से में आकर एक थप्पड़ मार बैठती है। सुमन रोते हुए अपने कमरा में चली जाती है। तभी संयोगवश उनके पापा भी पहुंच जाते है, और बोलते हैं। क्या हुआ अभी नहीं आई सुमन स्कूल से, सुमन की मम्मी सारी बातें बताती हैं। सुमन के पापा सुमन को मीटिंग रूम में बुलाते हैं, ओर समझाते हैं कि बेटी ये सब बाते छोड़ दो तुम्हारी शादी हम देखें है एक जगह , वहीं होगी । अच्छा लड़का है,,।

ओर अभी वो भी पढ रहा है। सुमन फिर अपने कमरा में उदास हो कर चली जाती हैं। और वहीं पर रोने लगती हैं। रोने के बाद उसके मन में कुछ सोच फैलती हैं। कि उस लड़का से बता देना चाहिए कि हमारी शादी हो गई है। अगर नहीं बताएंगे तो वो हमें बेवफ़ा समझेगा अगर बता देंगे अपनी मजबूरी तो वो हमें कुछ नहीं बोलेगा। सुमन फोन करती हैं सुशील के पास सुशील से सारी बातें बताती हैं। सुशील जैसी ये बाते सुनता है वो गुमसुम होकर फोन को कट कर देता है। यहां सुमन भी समझ जाती हैं कि उनके आंखो में आंसू आ गया होगा,,।

तभी सुमन भी रोने लगती हैं, ओर वो बाद में बहुत सोचती है कि ये कमबख्त दिल था जो अपने प्यार को नहीं पाई। और कुछ ही महीने बाद सुमन की शादी हो जाती हैं, ओर वो अपने सासुराल चली जाती हैं,,।।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance