Manoj Kumar

Children Stories

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Manoj Kumar

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दिल देने की रुसवाई

दिल देने की रुसवाई

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विद्यालय खुलने ही वाला था, तभी अचानक मेरे दोस्त राजू वहां गेट के सामने पहुंच गए। हम वहां अशोक के पेड़ के नीचे खड़े थे।राजू के इंतजार में, राजू आकर हाथ मिलाए ओर बोले,, यहां क्यों खड़े हो अभी गेट क्यों नहीं खुला । सभी लड़के गुमसुम थे।,, "तभी सफेद कार से सफेद कुर्ता में प्रिंसिपल उपस्थित हुए। ओर पूछने लगे गेट अभी तक क्यो नहीं खुला। जितने लड़के थे वहां पर सब ने एक साथ जवाब दिए। साहब अभी चपरासी नहीं आए हैं। उन्हीं के हाथ में है चाभी , प्रिंसिपल फोन किए। चपरासी दौड़ कर आए गेट खोला गया सभी लड़के और लड़कियां प्रवेश हुए।

एकाएक करके प्रार्थना में खड़े हो गए। एक तरफ थी लड़के की लाइन एक तरफ थी लड़कियों की लाइन प्रिंसिपल साहब मंच पर गए प्रार्थना होने लगा। हम और हमारे दोस्त राजू प्रार्थना करने लगे।

कुछ ही समय बाद प्रार्थना समाप्त हो गया सभी लोग अपने कमरा में भागे, वहीं और राजू धीमी- धीमी चलने लगा कमरा के ओर। तभी अचानक संयोगवश एक लड़की राजू के शरीर से टकरा गई। लड़की ने गुस्सा से बोला,, दिखाई नहीं पड़ता मूर्ख, राजू माफ़ी मांग कर अपने कमरा में आकर बैठ गया। तब! मास्टर साहब बोलो,, कल के होमवर्क किए हो या नहीं सभी लड़कियां अपना- अपना होमवर्क दिखाने लगी थोड़ा- थोड़ा गलती सब में पाए। वहीं जब लड़के का बारी आया तो उसमे राजू का सब सही निकला, सभी तारीफ़ करने लगे। ये कैसे किया सब लोगो का गलत है इनका सही कहीं नकल तो नहीं,, राजू ने जवाब दिया नहीं हम कभी भी नकल नहीं किया। सभी लड़के और लड़कियों के कॉपी देखकर चले गए।

पूरे कमरे में हलचल मच गई, मैं भी सोचने लगा कैसे किया। तभी राजू को प्यास लगी हम और राजू चले आए पानी पीने तभी वो भी लड़की आ पहुंची जो राजू के शरीर से टकरा गई थी। वो बोलने लगी आप हमसे दोस्ती करोगे, राजू हमसे फुसफुसाते हुए बोले,, आप कर लो यार हम नहीं करेंगे। राजू से कहां आप करो दोस्ती हम नहीं करेंगे हमारे पास है।

राजू हां कर ली लड़की ने नाम पूछा राजू ने अपना नाम बताया। लड़की ने अपना नाम पूनम राय बताया । वहीं पर एक गुलाब का पेड़ लगा था। वहां से एक फूल तोड़ कर पकड़ा दिए। ओर वो लड़की जिसका नाम पूनम राय था ,I आई लव यू कह कर चली गई। हम और राजू कमरा में गए राजू के मन नहीं लगा पढ़ने लिखने में,, मास्टर साहब कोई भी सवाल ब्लैक बोर्ड पर लिख देते वो हल नहीं कर पाते। एक दूसरे के प्यार में पागल हो गए थे।

एक महीना तक यहीं चलता रहा, सभी लोगों ने और मास्टर साहब सोचने लगे क्या हो गया है। कल के समय में इतना तेज था लेकिन आज सवाल नहीं हल कर पाता।

ऐसी स्थित हो गई थी, हम तो बहुत समझाएं राजू को क्यों दोस्ती किए ये दोस्ती नहीं है। ये प्यार है जो आपको पागल कर दिया है। ये सब बाते प्रिंसिपल के पास पहुंची,प्रिंसिपल राजू और पूनम राय नाम की जो लड़की थी। उनके माता- पिता बुलाए गए। सारी बातें प्रिंसिपल ने बता दी । खूब समझाएं ये सब मत करो अभी उम्र नहीं है। कल तुम तेज थे पढ़ने में आज क्या हो गया है। राजू और वो लड़की मारे पीटे गए । काफ़ी लड़के ने मजाक भी उड़ाया, की कल तेज थे ओर आज क्या हो गया। सभी मिलकर खूब बेज्जती किये।

पूनम पांडे की माता- पिता बोले,, आज से तुम दूसरे जगह पढ़ने जाओगी यहां नहीं आओगी।10- 20 मिनट बाद इतना बातें बता कर दोनों लोगों के माता- पिता चले गए। तभी पूनम राय राजू के पास आई ओर बोली"यार,, मुझे माफ़ कर दो आज से हम दोनों नहीं मिल सकते है। आज से हमें भूल जाओ। इतने लोगों ने हमारी और आपकी बेज्जती किया है। राजू ने कहा,, तब भी क्यों हमसे दोस्ती कर के बहाने से प्यार किया ओर अच्छी तरह निभा नहीं पाई। हम तुम्हारे बिना कैसे रह सकते हैं।"बोलो पूनम,,

पूनम राय ने रोते हुए बोली ,, शायद हमारी ओर तुम्हारे जिंदगी में प्यार नहीं लिखा है। लोग कितने गंदे कीचड़ उछालते है।,, राजू आंसू पोछते हुए,, अपने घर लौट आया ओर वो लड़की भी अपने घर चली गई।,, घर आने के बाद राजू सोचने लगा दिल देने की रुसवाई कितने लोगों ने बेज्जती किया हमारा।,,



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