Manoj Kumar

Drama Classics

4  

Manoj Kumar

Drama Classics

बेवफ़ा से रिश्ता

बेवफ़ा से रिश्ता

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जिस स्कूल के कमरा में पढ़ रहे थे, उसी कमरा के सामने एक बरगद का पेड़ लगा था। कुछ लड़कियां उस पेड़ के छांव में बैठी थी । मैंने अपनी किताब पढ़कर बैग में रख दिया। तभी कुछ घंटे बाद स्कूल के चपरासी घंटी बजाने लगे, सभी लड़के दोपहर के भोजन करने गए। हम वहां से उठे और गेट पर खड़े हो गए। कुछ समय बाद जब दोपहर के भोजन खत्म हुआ तब सभी लड़के अपने अपने कमरे में चले गए।

हम वहीं खड़े हो गए क्योंकि हमारे किताब का पैराग्राफ खत्म हो गया था।

हम खड़े होकर देख रहे थे,जो बरगद का पेड़ से लताएं

होती हैं वहीं पकड़ कर बच्चे झूल रहे थे।

ओर हम वही एक नजर से देख रहे थे; तभी जो लड़कियां के समूह में बैठी काली जुल्फों वाली थी, उस की नजर हम पर गई।

उसने हमें बुलाया और बोली आप किसको देख रहे हो ध्यान से हम तो आश्चर्यचकित हो गए।

क्या हो गया हमें , पहले तो उसने हम पर गुस्सा किया बाद में उसने बोली , छुट्टी के बाद मिल लेना मैंने कहा ठीक है।

फिर जब 2:30 बजे छुट्टी हुई तब उसने मुझे मिलने को अकेले में बोली, हम तो डर गए क्या हो रहा है हमारे साथ।हम तो काफ़ी डरे हुए थे, तभी उसने कहा आप डर क्यों रहे हो। आप से कुछ बात करना चाहती हूं, बोलूं क्या? मैंने कहा बोलो आप.........।

उसने इधर- उधर देखा और अपने बैग से निकाल कर मुस्काते हुए फूल पकड़ा दिए।

हम खुश होकर तो ले लिए उसके बाद वो लड़की घर चली गई।

अगले दिन जब स्कूल में दाखिला हुए तब खुश नजर थे, मित्रों ने पूछा आज इतना क्यों खुश नजर आते हो।

मैंने कहा कुछ नहीं यार ..........।

बार बार वहीं बात पूछने लगे मैंने आखिर बता ही दिया। तब सुनो क्या हुआ था हमारे साथ...........।

ये सब बाते बताने के बाद जिस कमरा में पढ़ रहे थे उसी कमरा में दूसरे कमरे का लड़का था।

उसने नाम पूछा क्या है भाई लड़की का नाम बताओ।

नाम तो बता दिए शालनी नाम है,पर......।

जब हम उससे पूछा तब उसने कहा वो मेरी गर्लफ्रेंड है। मैंने कुछ नहीं बोला , जब स्कूल की आखिरी घंटी बजी तब सभी लड़के चल दिए।

हम भी बैग उठाए और घर को सीधे चले आए।

जब 2दिन बाद स्कूल गए तब रास्ते में वो लड़की मिली अपने सहेली के साथ, हमें रोक कर बात करने लगी। कहा ...., कल जल्दी क्यों चले गए थे, हमे तो बुला लेते हम कुछ नहीं बोले ,, क्योंकि हमें गुस्सा आया था। तब उसने पुनः बोली क्या हुआ? नाराज़ हो क्या? हमसे गलती हुई हो तो बताइए।

हम उसे सारी बातें बताई कहा......…...।

आज से हमारी दोस्ती खत्म , तुम बेवफ़ा हो।  

बात कर ही रहे थे, तभी अचानक वो लड़का हमें देख लिया। हम तो उसको नहीं देखें लेकिन लड़की ने जरूर देख लिया , हमें बहाना से वहां से हटा दिया कहीं झगड़ा न हो जाए। उसके बाद हम चले आए प्रार्थना करने, प्रार्थना करने के बाद अपने कमरा में आए। 

गुरु जी बोले, इतना देर क्यों कर दिया? मैंने कहा गुरु जी सुबह कुछ काम था उसके बाद बाहर गए पढ़ा कर बाहर गए तभी वो लड़का फिर आया, और बोला क्या बाते चल रही थी। मैंने उसे बता दिए फिर वहीं काम करने लगे। तब! मैंने कहा देखो.......। मैंने नहीं बुलाकर बात किया था , उसने ही बुलााा था हमें।

तब उस लड़का ने कहा ठीक है जो हो गया सो हो गया अब भूल जाओ। वो हमारी गर्लफ्रेड है, हम उसे प्यार करते हैं। हम दोनों साथ ही रहते हैं। उसके बहकावा में मत आओ ठीक है।

हम वहीं गाल पर हाथ रख कर सोचने लगे क्यों बनाया मैंने बेवफ़ा से रिश्ता।।


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