शिमला की भूतिया टनल नंबर 33
शिमला की भूतिया टनल नंबर 33
क्या आपको मालूम है कि हमारे देश के सबसे खूबसूरत नज़ारों वाले रास्तों में से एक है कालका शिमला टॉय ट्रेन रूट और इस रेल मार्ग का सबसे खूबसूरत स्टेशन है बड़ोग। खूबसूरती तो इस स्टेशन के आस-पास इतनी है कि आप इसके नज़ारों में सम्मोहित हो जायेंगे, इस बात की गारंटी है परंतु इसी स्टेशन के लगा हुआ जो टनल है, उसमें रहता है एक अंग्रेज़ भूत! तो आइए, हम आपको इसी भूतिया टनल के बारे में विस्तार से बताते हैं।
कमाल की है ये खूबसूरत नज़ारों वाली टॉय ट्रेन यात्रा दोस्तों अगर आप कालका से शिमला तक की रेल यात्रा कर चुके होंगे तो आपने पाया होगा कि यह दुनिया एक बहुत ही खूबसूरत रास्ता है। इस खूबसूरत रेल यात्रा में एक से बढ़ कर एक खूबसूरत नज़ारे मिलते हैं। यह रास्ता लगभग 93 किलोमीटर लंबा है और इस पूरे रास्ते में 20 के लगभग स्टेशन हैं। इस पूरी यात्रा में आपको लगभग 969 छोटे बड़े ब्रिज मिलेंगे और 103 के लगभग टनल मिलेंगी, परंतु इस पूरे रास्ते में सबसे ख़ास और सबसे लंबी टनल है बड़ोग टनल।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस कालका-शिमला रेल यात्रा के नाम कुछ कमाल के रिकार्ड्स दर्ज़ हैं जिनमें से सबसे ख़ास है यूनेस्को द्वारा इसे बैस्ट माउंटेन रेलवे ट्रैक के अंतर्गत हेरिटेज साइट घोषित किया जाना और गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा इसको दिया गया 'ग्रेटैस्ट नैरो गेज इंजीनियरिंग' का ख़िताब।
तो आइये जानते हैं इस रेल मार्ग की सबसे ख़ास टनल नंबर 33 के बारे में जब अंग्रेज भारत आए तो उन्होंने भारत की सबसे खूबसूरत जगह है शिमला को अपनी समर कैपिटल बना लिया यानी गर्मियों के दिनों में शिमला भारत की राजधानी हुआ करती थी। इसीलिए अंग्रेजों ने यहां काफी बिल्डिंग और सड़कें बनवाई। उनके आने-जाने तथा सामान पहुंचाने की सहूलियत के लिए यहां एक रेल मार्ग बनाया गया। साल 1898 मैं यह रेल मार्ग बनना शुरू हुआ। इस रास्ते में काफी सुरंगों से होकर रेल पटरीयाँ निकाली गई। इन सुरंगों में सबसे कठिन और सबसे लंबी थी टनल नंबर तैंतीस।
इसका टनल को बनाने का काम पूरा करने के लिए रेलवे के एक मशहूर इंजीनियर कर्नल बड़ोग को चुना गया। रेलवे को इस टनल के निर्माण की बहुत जल्दी थी और ऐसा इसलिए था क्योंकि पूरे रेल मार्ग में रेल को इस टनल से होकर गुजरना ही पड़ता और इसके निर्माण के बिना रेल मार्ग पूरा नहीं किया जा सकता था।
शायद कर्नल बड़ोग की कैलकुलेशंस में कुछ कमी रह गई थी और दोनों तरफ की टनल का एलाइनमेंट सही नहीं हो रहा था। इसी कारण कर्नल बड़ोग बहुत चिंता में रहने लगे। जब ब्रिटेन के आला अफसरों को इसकी खबर पहुंची तो वह बड़े ही नाराज हुए और उन्होंने कर्नल बड़ोग पर एक रुपए की पेनाल्टी लगाई। आप सब को इस बात का अंदाजा तो होगा ही कि उस समय एक रुपए की कीमत कितनी अधिक होती थी।
क्रमशः rahasyamaya . com