सांवली लड़की
सांवली लड़की
सावला रंग अपने समाज में एक अछूत बीमारी के समान माना जाता है और अगर यह लड़कियों को हो तब तो उनकी जिंदगी आफत में पड़ जाती है पता नहीं क्यों इस समाज के लोगों की ऐसी सोच है कि वह सावले रंग वाले को बहुत नीचा समझते हैं यह नहीं सोचते कि अल्लाह ने सब इंसानों को बनाया है तो गोरा और सावला भी अल्लाह ने हीं बनाया है यह इंसान क्यों लोगों को जज करते हैं अपने गिरेबान में एक बार झांक कर नहीं देखते बस दूसरे लोगों पर उंगली उठाते हैं।
जमाना इतने आगे बढ़ गया है फिर भी हम लोग कभी भी सांवले और गोरे रंग पर ही अटके हैं अगर लड़की सांवली है तो उसके लिए रिश्ता ढूंढना बहुत मुश्किल हो जाता है उसके मां-बाप को भी बहुत तकलीफ होती है इस बात से उनकी बेटी सावली इस वजह से उसके रिश्ते नहीं आ रहा है फिर यहीं पर दहेज की भी मार पड़ती है अगर उनकी बेटी का रंग सांवला है तो दहेज ज्यादा से ज्यादा देना पड़ेगा पता नहीं आज भी लोग ऐसा क्यों सोचते हैं क्या हमने खुद अपना रंग बनाया है नहीं ना जब अल्लाह ने हमें ऐसा बनाया है इंसान क्यों जज करते है ऐसे इंसानों को शर्म महसूस नहीं होती अल्लाह ताला ऐसे इंसानों की सोच को तब्दील करें यह दुनिया सबके लिए एक समान है चाहे वह सावला हो या फिर गोरा हो सबको उतना ही जीने का हक है प्लीज अपनी सोच को बदलिए।
