सोच
सोच
आज जब मैं सुबह पार्क में आई उस पार्क में टहलने मुझे बहुत ही अच्छा लगा क्योंकि सुबह सुबह का टाइम और पार्क का वातावरण मेरे मन को बहुत लुभाने डॉक्टर ने कहा था अस्थमा की प्रॉब्लम थी पर मुझे मेरा काफी इलाज हो चुका था इलाज होने के बाद भी मैं मुझे कोई फायदा नहीं मिल रहा था मुझे मेरे डॉक्टर थे उन्होंने मुझे सलाह दी की दवाई के साथ-साथ मुझे योगा करना चाहिए अस्थमा के लिए योगा बेस्ट रहता है उनकी बात मानते हुए मैं उनकी एक शिष्य के पास उनके बताए हुए एड्रेस पर जो मेरे घर से कम से कम 4 किलोमीटर दूर था वहां योगा करने जाने लगी आज मेरा फर्स्ट डे था तो मैं काफी कंफ्यूज थी मुझे ऐसा लग रहा था पता नहीं यहां का वातावरण इस तरह का हो यहां के लोग कैसे हो मैं फुल तरह से हिजाब में रहने वाली लेडी थी तो मुझे यहां पर आकर कुछ अजीब सा फील हो रहा था इन लोगों के बीच में।
लेकिन जो मेरी कोच थी उन्होंने मुझे समझाया जो आप सोच रहे हैं ऐसा कुछ नहीं है हमारे लिए सब समान है हमें कुछ फरक नहीं पड़ता कौन किस तरह के कपड़े पहनता है कौन किस तरह रहता है बस हमारी नजर में जो इंपॉर्टेंट है वह यह है कि हम जिसको योगा सिखाते हैं पूर्ण रूप से खुद को स्वस्थ महसूस करें, उसके मन में यह बात ना हो कि वह पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं है उनकी बात सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा उनके साथ कॉलोनी की और लेडी जो थी उनका नेचर भी बहुत अच्छा था।
मेरी कोच कुछ योगा कराने के साथ-साथ हंसी मजाक भी करती थी उनका कहना था खुद को ऐसे महसूस करो जैसे हम बीमार नहीं है हम स्वस्थ हैं हम कुछ भी कर सकते हैं हम हंस सकते हैं। हम किसी को भी चैलेंज कर सकते हैं और हम एक स्त्री हैं तो अल्लाह ने हमें ऐसी शक्ति प्रदान की है हमने पुरुष को जन्म दिया है हमें सबको जन्म जो भी महापुरुष है उन सब को एक स्त्री ने ही जन्म दिया है तो हमारा पूर्ण रूप से स्वस्थ होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि जिंदगी में हमें बहुत कुछ आगे करना है जिंदगी एक स्त्री के लिए चैलेंज होती है उनकी बातें मुझे बहुत अच्छी लगती थी और मैं बहुत ध्यान से उनकी हर एक बात को सुनती थी, मुझे उनका हर एक बात पर समझाना बहुत अच्छा लगता था। 1 दिन से 2 दिन हुए 2 दिन से 3 दिन मुझे उस कॉलोनी में जाते हुए हो गए फिर 4 दिन वह बहुत अफसोस में और सैड थी उन्होंने मुझसे कहा कि आप यहां पर नहीं आ सकते क्योंकि लोगों को ऑब्जेक्शन है आपके हिजाब से अगर आप हिजाब उतार के आओ कॉलोनी के बाहर से ही तो आप योगा कर सकते होमैं, लेकिन हिजाब में आप कॉलोनी के अंदर प्रवेश नहीं ले सकती क्योंकि यह हमारा प्राइवेट पार्क है तो सब लोग मुझसे सवाल कर रहे हैं एक हिजाब वाली लेडी को आप एक्सरसाइज क्यों करा रही है योगा क्यों करा रहे हैं और मुझे सब का जवाब देना पड़ता है कहकर मेरी कोच रोने लगी।
पर मुझे बहुत अफसोस हुआ और मेरे दिल को बहुत दर्द हुआ क्योंकि दो-चार दिन में इतनी बहुत अच्छी-अच्छी बातें वह हमें बता चुकी थी उनके मन में कोई भेदभाव नहीं था लेकिन सिर्फ कॉलोनी के लोगों की वजह से उन्हें ऐसा करना पड़ा।
मैं बहुत दुखी हुई उस वक्त आज भी लोगों की सोच उस दौर से गुजर रही जहां लोगों को उनके कपड़ों स पहचाना जाता है और उनको जज किया जाता है कि वह कौन है आप बताइए क्या सही है यह ऐसा करना चाहिए था उन लोगों को।
