Afsana Wahid writes Wahid

Tragedy

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Afsana Wahid writes Wahid

Tragedy

माई बेस्ट फ्रैंड

माई बेस्ट फ्रैंड

26 mins
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" अबे ज़लील कमीनी इंसान तुझे पता है ना अगर अम्मी या पापा में से कोई ये देख लेता कि मैं क्या कर रही हूं पापा तो फिर भी कुछ नहीं कहते मगर अम्मी कि गुस्से की गाज जो मुझ पर पढ़ती उससे तू वाकिफ है ना" इस बात से अलीशा ने तकिया खींचकर सानिया को मारते हुए कहा तो सानिया ने उसके रूम से बहुत तेज दौड़ लगाई जलील कमीनी अलीशा ने अपने मुंह में बढ़ बढ़ाया।

हुआ यूं था कि अलीशा अपने किसी फ्रेंड से अपना रूम बंद करके चैट कर रही थी सानिया बहुत देर से उसे आवाज लगा रही थी मगर वो उसकी बात को इग्नोर कर रही थी तो वो झूठ बोल कर उसके मम्मी पापा को बुला लाई ये बोलकर के "अंकल आंटी पता नहीं अलीशा को क्या हो गया है वो दरवाजा ही नहीं खोल रही "और उन्होंने हड़बड़ा का दरवाजा खुलवाया जिससे अलीशा डर गई और फोन को जल्दी ऑफ करके रख दिया "अलीशा तुम ठीक हो ना" दरवाजा खोलने पर घबराई हुई अम्मी बोली "{मुझे क्या हुआ" अम्मी अलीशा पापा के साथ सानियां को देखकर सब समझ गई कि यह इस जलील कमीनी की ही हरकत है वह डिट मुस्कुरा रही थी।

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अब तू देख सानिया कितना मजा़ आता है अलीशा कुछ सोच कर मुस्कुरा रही थी और खामोशी से आकर दादी अम्मी के पास बैठ गई अलीशा के दिमाग में खुराफात आई दादी अम्मी आज आपने अपने पान दान से पान निकालकर नहीं खाए अलीशा ने दादी को याद दिलाया अरे हां मेरी बच्ची मेरी चंदा में यही तो सोचू आज कुछ भूल रही हूं मेरी बच्ची ने याद दिला दिया बुढ़ापा है बिटिया भूल जाती हूं सब दादी अम्मी ने अपना ऐनक साफ करते हुए कहा जा मेरी चंदा उस अलमारी पर से पान दान उठा कर ले आ दादी ने अलीशा से कहा अलीशा से बहुत प्यार करती थी वो दादी यह लो आप का पान दान उसने पान दान दादी के हाथ में देते हुए कहा अरे बच्चे यह क्या हो गया यह पान दान उलट-पुलट कैसे हो गया उनका पान दान किसी ने गिरा दिया था दादी को बहुत तेज गुस्सा आ रहा था दादी अम्मा अभी कुछ देर पहले सानिया थी यहां अलीशा ने अपनी एक आंख दबाते हुए कहा फिर तो दादी को जो गुस्सा आया उन्होंने गुस्से में चिल्लाना शुरू कर दिया है अरी कमबख्त नामाकूल दिखता नहीं है तुझे अंधी है तू क्या बनेगा तेरा कमबख्त वो चिल्ला रही थी तो सानिया दूसरे कमरे से उनकी आवाज सुनकर बाहर आ गई क्या हुआ दादी अम्मी वह मुस्कुराकर दादी से पूछ रही थी हुआ तेरा सर कमबख्त तू क्यों मेरे पान दान के पीछे पड़ गई है नामाकूल तेरा दिल नहीं भरता मुझे सताते हुए क्यों मेरी जान खाती है सानिया की कुछ समझ नहीं आ रहा था अरे दादी अम्मी हुआ क्या है वह हैरत से पूछ रही थी ऐसे अनजान बन जाते हैं जानकर गलती करने वाले हमने ना देखो ऐसी लड़की जिनमें कोई लिहाजा तमीज नाम की चीज छू कर ना गुजरी हो दादी अपना पान दान सही करती जा रही थी दादी के गुस्से से जहां सानिया रोहांसू हो रही थी सानिया ने देखा अलीशा अपने मुंह पर हाथ रखकर बहुत तेज तेज हंस रही है सानिया के सब समझ आ गया मैटर क्या है दादी की बड़बड़ाहट अभी भी जारी थी सानिया ने खा जाने वाली नजरों से अलीशा को देखा जो एक उंगली ऊपर करके डांस कर रही थी दादी की पीठ थी उसकी तरफ भला बताओ अल्लाह ने आंखें तो दी है ना कमबख्त तू इस्तेमाल कर लिया कर जरा अब देख कितनी चीजें बर्बाद कर दी तूने नामाकूल पैसे की आती है यह चीज है देखो खुद का पैसा होगा जब होगा ऐसा सारे पराए घर जाकर क्या भूल खिलाएगी दादी को कौन चुप करा सकता है उधर सानिया का गुस्से से बुरा हाल था इधर अलीशा हंस-हंसकर पागल हो रही थी।

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सानिया और अलीशा कजि़न थी और बचपन से बेस्ट फ्रेंड थी जितना एक दूसरे की खिंचाई करतीं उससे कहीं ज्यादा एक दूसरे से मोहब्बत भी करती थी जब तक एक दूसरे को अपने दिल की बात नहीं बताती थी दोनों में से किसी का दिन गुज़रता नहीं था हमेशा एक दूसरे की आड़ बनी रहती थीं क्या बात है यार तू आज इतनी उदास और चुपचाप क्यों है सानिया अलीशा के रूम में आई तो वो बेसुध उल्टी लेटी हुई थी उसे अलीशा की फिक्र हुई बस सानिया के इतना पूछने की देर थी अलीशा लिपट लिपट कर उससे रोने लगी अरे क्या हुआ अलीशा इस तरह क्यों रो रही है वह उसको इस तरह रोता हुआ देखकर घबरा गई वह वह सानिया अलीशा करो ना और तेज हो गया अरे यार बोल तो सही क्यों मुझे परेशान कर रही है वो वो सानिया मामा मेरा रिश्ता क्या कर रही है वह भी उस बेध्धु से ज़ुऐब अशफाक जो मेरी बड़ी खाला का बेटा है ओह अलीशा तू भी ना एक नम्बर की पागल है यार मैं तो डर ही गई पागल तू है यार तुने देखा है उस जुऐब अशफाक को ऐसा लगता है देखने में जैसे बच्चों को डराने वाला खिलौना हो वो कहकर फिर से रोने लगी और उसके कहने पर सानिया की हंसी छूट गई हा हा हा सानिया के हंसने पर अलीशा को गुस्सा आ गया अरे यार अलीशा इतने हैन्डसम तो हैं ज़ुऐब भाई सानिया की नजरों में 1 मिनट को ज़ुऐब का सराफा आया सर फोड़ दूंगी कमीनी तेरा तुझे वह हलाकू ज़ुऐब स्मार्ट और हैन्डसम दिखता है ओह अपनी आंखों का इलाज करवा अलीशा को बहुत गुस्सा आ रहा था वैसे माई डियर सिस्टर तेरे जैसी कमीनी के लिए एकदम परफेक्ट हैं ज़ुऐब भाई सानिया ने उसे और तेज गुस्सा दिलाया लगता है तेरा खून मेरे हाथों लिखा है अलीशा उसको पकड़ने के लिए आगे बढ़ी उसको आगे बढ़ता देख सालियां पीछे हट गई अरे यार मैं बर्दाश्त करती हूं तुझे मेरा पीछा छूटेगा तुझसे उन ज़ुऐब भाई की तो अल्लाह ही खैर करें बस हमारे घर का लड़ाकू विमान अपने घर में ले जा रहे हैं सानिया कहां मानने वाली थी तो आज पक्का मरी अलीशा में तकिया उठाकर दरवाजे की जाती हुए सानिया पर मारा सानिया तो साइड में हो गई मगर वह तकिया दरवाजे के पास से गुजरती हुई दादी के सर पर लगा और फिर तो अलीशा को कौन बचा सकता या खुदा रहम कर मुझ पर हमले हो रहे हैं मुझ बुढ़िया पे दादी अपना सर पकड़ कर वही बैठ गई अरे दिलशाद (अलीशा के पापा) अरे गुलरेज (सानिया के पापा ) देख लो बेटा तुम्हारी बेटियां मुझे मारने की कोशिश कर रही है या अल्लाह उठा ले मुझे बदनसीब को अब यह सब देखा नहीं जाता दादी शुरू हो चुकी थी सानिया अलिशा एक दूसरे की शक्ल देख रही थी हक्का-बक्का होकर कैसे लड़कियां है कमबख्त कुछ नहीं सिखाया इनकी मां ने इन्हें बड़ों की इज्जत नहीं है इनके दिल में रत्ती भर भी भला बताओ मुझ पर हमले दादी ने अपने सर पर हाथ मारा अरे दादी हमसे गलती हो गई अलीशा बोली अल्लाह रहम कमबख्त देख तो लेती तू मैं गुजर रही थी यहां से कल को पराए घर जाना है क्या गुल खिलाएगी क्या बनेगा तेरा कामचोर दादी एक बार बोलती तो चुप होने का नाम नहीं लेती थी अरे दादी अम्मी सारी गलती मेरी थी अलीशा ने कुछ नहीं किया सानिया ने उसका फेवर किया हां पता है मुझे तुझे तो बहुत खलती हूं मैं तू तो मेरी जान की जलाया है तू चाहती है कल मरती हो तो मैं आज मर जाऊं अरे मुझ बुढ़िया ने क्या बिगाड़ा है तुम काम चोरों का क्यों मुझे ऊपर पहुंचाने में लगी हो दादी को तो बस इंतजार था सानिया के बोलने का अरे दिलशाद गुलरेज देख लो बेटा तुम्हारी बच्चों को गवारा नहीं मेरा यहां रहना दादी तेज आवाज में रोने लगी घर के बाकी लोग भी वहां जमा हो गए सानिया अलिशा की आंखों में आंसू आ गए सानिया के पापा ने अलीशा सानिया को डांटा और दादी को जमीन से उठा कर बेड पर बिठाया अलीशा ने सारा मैट अपने चाचू को बताया आंखों में आंसू थे अरे अम्मा गलती से हो गया इनसे आप ही ने माफ कर दे वह उनके पैर दबाने लगे अरे ना मेरे बच्चे तुझे ना मालूम यह तो मौका देखते हैं मुझे परेशान करने के मुझे दुनिया से रुखसत करवाने में कोई मौका नहीं छोड़ती यह कमजोर मुझे परेशान करने से क्या होगा अरे नहीं अम्मा ऐसा कुछ नहीं है आप शांत हो जाइए अलीशा के पापा ने कहा और उन दोनों को रूम से बाहर जाने का इशारा किया क्योंकि यही एक तरीका था दादी तो चुप करवाने का वह दोनों सामने से हट जाती और दादी चुप हो जाती ।  

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      अलीशा ने भूख हड़ताल कर रखी थी वो हर गीज़ ज़ुऐब अश्फाक से शादी नहीं करना चाहती थी उससे वह बिल्कुल पसंद नहीं था उसे 2 दिन हो गए थे कुछ नहीं खाया था आधी रात में जब सब लोग सो गए तो अलीशा किचन में दाखिल हुई भूख से बुरा हाल था उसका उसने बहुत आहिस्ता से फ्रिज से खाना निकाल कर गर्म करना शुरू किया उसकी फेवरेट डिश थी बिरयानी वह देख कर और खुश हो गई अलीशा जैसे ही खाना निकाल कर वो कुर्सी पर खाना खाने बैठी है अभी पहला निवाला ही बनाया था कि दादी को जाने कहां से खबर लग गई हो कुछ बड़बड़ करती हुई किचन में आई अलीशा अपनी प्लेट लेकर मेज़ के नीचे बैठ गई या अल्लाह दादी वह भी इस वक्त यहां अलीशा घबरा गई उसके पसीने छूट गए कोई कमबख्त नहीं ऐसा जो मेरी सुने हाय मेरी दर्द कर रही है कमर मगर किसी को इससे क्या मतलब सब आराम से सो रहे हैं अपने अपने कमरों में मुझ बुढ़िया के मरने का इंतजार है सबको बस वो बढ़ बढ़ कर रही थी थोड़ा पानी गर्म कर लूं सिकाई के लिए वह अपने आप से कह रही थी दादी ने गैस जलाने के लिए गैस पर से कढ़ाई हटाए और बिलख गई उस कढ़ाई में अभी अलीशा ने खाना गर्म किया था या अल्लाह में मर गई अब मुझे जलाकर मारने की भी कोशिश हो रही है अलीशा तो पहले ही डरी सहमी बैठी थी अब तो पक्का उसकी आ गई थी भला कौन इतनी रात में गर्म बर्तन गैस पर रखता है मैं मर गई मेरे बच्चों बहुत जलन पड़ रही है कहां है सब देख लो मुझ बुढ़िया को दादी रो रही थी अलीशा को बहुत तरस आया उन पर क्या हुआ दादी आप रो क्यों नहीं है सानिया का छोटा भाई दादी की आवाज से किचन में आया अरे मेरे बच्चे किसी मेरे दुश्मन को खबर लग गई थी मैं किचिन मैं आ रही हूं बर्तन गर्म करके रख दिया मेरे लिए मेरे बच्चे दादी अपना हाथ पकड़कर रो रही थी अरे दादी आप रोइए मत इतनी रात को कौन आया था किचन में वह बोला और दादी के हाथ पर फूक मारने लगा किचन की सिर्फ छोटी लाइट खुली थी कि किचीन के एक साइड पर अंधेरा था और दूसरी साइड पर थोड़ा उजाला रामिश सानिया का भाई थोड़ा सोच में पड़ गया किचन का जायजा लेने लगा उसे मेज़ के नीचे से कोई चीज हिलती हुई नजर आ रही थी उसने दादी के कान में कुछ कहा ठीक है दादी हम बाहर चलते हैं हां मेरा बच्चा दादी बोली फिर किचन में सन्नाटा हो गया अलीशा की अब जान मे जान आई उसने अपने हाथ में पकड़ी हुई प्लेट में से जल्दी जल्दी सारे चावल साफ़ किया और अल्लाह का शुक्र अदा किया वह जल्दी से मैज़ के नीचे से निकली मगर जैसे ही वह सीधी खड़ी हुई एक जोरदार चीज से उसकी कमर पर वार हुआ वह कुछ बोलती इससे पहले ही बेलन और चीमटे की धूंआधार बरसात अलीशा की नाजुक वजूद पर हो रही थी ऐ मरे चोर मेरे घर में चोरी करेगा अब देख लूं तेरी नसलो को याद रहेगी मेरी मार तेरे बच्चे तक गंजे पैदा होंगे दादी के हाथ में बेलन था वह अपना कुछ देर पहले वाला दर्द बिल्कुल भूल चुकी थी शर्म नहीं आती इतने बड़े होकर चोरी करते हो रामिश चिमटे को पकड़ कर अलीशा को मार रहा था नालायक चल तू भी क्या याद रखेगा किस औरत से पाला पड़ा था तेरा कमबख्त मुझ बुढ़िया का हाथ जलाने की साजिश तू देख तेरे सारे ही बच्चे काले पैदा होगें दादी किसी यंग्लेडी की तरह अलीशा पर वार कर रही थी तेरे खानदान में सारे चोर होंगे मगर उनका आज तक मुझे ऐसी औरतों से पाला नहीं पड़ा होगा अलीशा पीट-पीटकर अधमरी हो गई मेरे घर में चोरी करेगा वह भी मेरे होते हुए यह लेख बैलेन और ले दादी ने एक जोरदार बेलन और मारा अलीशा को यह इतना जोरदार था कि अलीशा बेहोश होकर जमीन पर गिर गई अरे दादी लगता है चोर मर गया रामिश ने अलीशा के गिरने पर कहा हाय मेरे बच्चे ऐसा मत बोल दादी घबरा गई दादी की और रमेश की तेज तेज आवाज सुनकर घर के सारे लोग किचीन में जमा हो गए क्या हुआ अम्मा इतनी रात में में कैसी आवाज आ रही है तुम्हारी अलीशा के पापा ने किचन की लाइट ऑन की अरे मेरे बच्चे देख हम दोनों ने मिलकर एक कमबख्त चोर को मारा है जलील हमारे किचन में घुसकर चोरी और मुझे जलाने की कोशिश लाइट ऑन करने पर जैसे ही जमीन पर जख्मी अलीशा पर सबकी नजर गई हाय मेरी बच्ची अलीशा की अम्मी लपक कर उसकी तरफ भागी उनके साथ अलीशा के पापा और चाचा भी रामीश और दादी कुछ ना समझ ने वाले अंदाज में एक दूसरे की शक्ल देखने लगे दोनों ने अपना सर झुका लिया।

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अलीशा को काफी चोट लग गई थी वो बिस्तर से उठ भी नहीं पा रही थी डॉक्टर ने उसको दवाई दे दी थी वो अपनी आंखों पर हाथ रख कर चुपचाप लेटी थी दर्द की टिस शिद्दत से हो रही थी अलीशा सानिया ने उसे आवाज लगाई उसने आंखों पर से हाथ हटाकर सानिया की तरफ देखा और रोने लगी क्या हुआ मेरी जान सानिया ने उसका बड़े ही प्यार से हाथ पकड़ लिया बहुत दर्द हो रहा है ना उसे अलीशा को देखकर बहुत अफसोस हो रहा था मगर यार तुझे ऐसा करने की क्या जरूरत थी यार मुझे फोन कर देती मैं तेरे लिए खाना ले आती तू कम से कम दादी अम्मी के हमले से तो बच जाती वो बोली यार मुझे थोड़ी मालूम था ऐसा हो जाएगा और उस रामीश के बच्चे से तो मैं पूछूंगी ठीक हो जाऊं जरा अलीशा को रामीश पर बहुत गुस्सा आ रहा था चल तू बहुत ही जल्दी ठीक हो जाएगी इंशा अल्लाह उसने अलीशा को गले लगाते हुए कहा तो अलीशा मुस्कुराने लगी।

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दादी आंगन में बैठ कर सब्जी बना रही थी पास से गुजरती हुई सानिया को मस्ती सूजी वो दादी के पास आकर बैठ गई दादी ने चौक कर तिरछी निगाह करके सानिया को देखा सानिया की अम्मी और अलीशा के अम्मी ने एक दूसरे को देखकर कंधे उच्काए क्योंकि दो दुश्मन जब आमने-सामने होते हैं तो ताज्जुब तो होता ही है दादी अम्मी एक बात बताइए आपने अपनी जवानी में डांस तो किया होगा सानिया के इस सवाल पर उसकी अम्मी ने उसे घूर कर देखा शेर के मुंह में हाथ डालने वाला काम कर रही थी वो दादी से पंगा लेकर ऐ लड़की बावली हो गई है क्या कमबख्त ऐसी बेहूदा बात कर रही है अकल से वास्ता रख थोड़ा दादी की नाक पर गुस्सा आ चुका था मैं बदतमीज लड़की नहीं थी तुम्हारी तरह अच्छा दादी आप उस दिन तो कह रही थी रामिश से मेरे डांस के इतने लोग दीवाने थे सानिया ने गाजर उठाने की कोशिश की जो दादी काट रही थी खट से दादी ने एक छूरी उल्टी करके उसके हाथ पर मारी कम्बख्त तू बिल्कुल पागल है मैंने तो ऐसा कुछ नहीं कहा दादी को तेज गुस्सा आने लगा सानिया और अलीशा की अम्मी दोनों अपना सर पीटने लगी अच्छा दादी अम्मी आपकी सेहत का राज क्या है आप इस उम्र में भी इतनी यंग ब्यूटीफुल लगती हो सानिया ने दादी को मस्का लगाया हां वह तो है हम तो ज्यादातर साग सब्जियां खाते और बहुत मेहनत करते थे दादी थोड़ा इतराने लगे अपनी तारीफ पर गुस्सा जाता हुआ नजर आ रहा था अरे आज की औरतों की तरह कामचोर नहीं थी मैं बड़ी सुघडं। सलीके वाली बच्ची थी दादी अपनी तारीफ कर रही थी आप का मतलब अम्मी और ताई अम्मी कामचोर है सानिया ने उन दोनों की तरफ देख कर कहा सानिया की अम्मी और ताई दोनों ने सानिया को घूर कर देखा अरे कमबख्त में इन दोनों की नहीं कह रही दादी सटपटा गई मेरी बहूए तो बड़ी फरमाबरदार और नेक सीरत वाली है दादी बोली अच्छा दादी आप यह घास कूड़ा खाती है तभी आप ऐसी है सानिया कहां बाज़ आने वाली थी कमबख्त सानिया कामचोर कही की मैं घास कूड़ा खाती थी अरे तुझे क्या पता कितनी ताकत होती है इन सब्जियों में दादी अमीना सब्जी काट कर अपना पान दान खोलकर पान खाया तो दादी अम्मी परसों बिरयानी में बोटी नहीं मिलने पर आपने सारे घर में तहलका क्यों मचा दिया सानिया चुप होने का नाम नहीं ले रही थी अरे अभी भी टाइम है कुछ सीख लो तुम दोनों मै तो आज मरी कल दूसरा दिन दादी ने बात काटी मेरी बात याद आएगी फिर तुम्हें दादी बोली दादी इस वक्त तो मैं हूं वह बेचारी अलीशा तो बिस्तर पर है वाह दादी क्या निशाना था आपका ऐसे मारा आपने बेचारी अलीशा को कि हमेशा याद रखेगी सानिया मुंह दबा कर हंस रही थी सानिया चलो उठो यहां से बहुत बकवास हो चुकी तुम्हारी सानिया मम्मी ने कहा क्योंकि अब अगर दादी शुरू होती तो फिर उन्हें कोई छुपा नहीं सकता था ठीक है सानिया ने सोच लिया अब तो जाने में ही मेरी भलाई है वह दादी के पास से उठी और जो अभी कुछ देर पहले दादी पान खा रही थी वह पानदान वही रखा था जिसमें से वह पान था

रही था सानिया के उठने पर दादी का पायदान नीचे गिर गया सानिया ने दांत के नीचे जुबान को दबाया देखा देखा कैसे दुश्मनी निकाली है मुझ बुढ़िया से गिरा दिया पान दान मेरा अरे साफ कह दो मेरा यहां रहना अच्छा नहीं लगता तुम सबको दादी की बड़बड़ा शुरू हो चुकी थी सानिया और अलीशा की अम्मी सर पकड़ कर बैठ गई अरे मेरी जान कि।  आफत है बताओ मेरा पानदान फेंक दिया अब क्या करूं मैं सारी चीजें बर्बाद कर दी मेरी मैं तो मर जाऊंगी इस लड़की को सुकून मिलेगा या अल्लाह तू उठा ले मैं बुड़िया को अब देखो कैसे अलग ।करूं सब चीजों को दादी अपना माथा पीटने लगी अरे कामचोर लड़की दादी रोने लगी सानिया ने वहां से निकलने में ही अपनी ख़ैरियत समझी।

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घर में सब तरफ सन्नाटा था सब तरफ अजीब तरह की खामोशी छाई हुई थी वजह क्या थी वजह यह थी के दादी अम्मा की तबीयत खराब थी वह अजीब अजीब तरह की बहकी बहकी बातें कर रही थी सब लोग दादी अम्मी के कमरे में मौजूद थे सब उनके आसपास थे बेटा गुलरेज अब मेरा बचना बहुत मुश्किल है मेरी जिंदगी खत्म हो रही है दादी की आवाज नहीं निकल रही थी उनके आंसू बह रहे थे अरे अम्मा ऐसी बातें मत कीजिए आप ठीक हो जाएंगे अलीशा के पापा उनका सर दबा रहे थे सब बहुत अफसोस से खड़े थे इससे पहले कभी भी दादी को रोते हुए नहीं देखा था अरे बेटा जी ली अब तो जिंदगी कोई शिकवा नहीं है जिंदगी से और मेरी बच्ची और बच्चे बहुत अच्छे हैं वह अलीशा और सानिया की तरफ देख कर बोली अलीशा सानिया एक दूसरे की तरफ देखा आज पहली बार दादी ने उनकी तारीफ की थी अरे अम्मा कुछ नहीं हुआ आपको आप तो बहुत बहादुर है इतनी जल्दी जिंदगी में हार कैसे मान सकती हैं सानिया के पापा ने कहा अलीशा सानिया मेरी बच्ची मेरे पास आओ मुझे तुम्हें प्यार करना है दादी ने दोनों को आवाज लगाई तो वह दोनों उनके पास चली गई दादी अम्मी ने बारी-बारी दोनों के माथे पर बोसा दिया तो दोनों रोहांसू हो गई मेरी बच्चियां मेरा तुम्हें डांटना सिर्फ मेरा प्यार था तुम दोनों मेरी बहुत अच्छी बच्ची हो मैं जब जब तुम्हें डांट ती थी तो एक खुशी होती थी मुझे कि तुम दोनों एक दूसरे के इल्जाम अपने सर पर ले लेती आज के वक्त में कहां ऐसी मोहब्बत रह गई है बेटा सब खामोश थे दादी की आवाज गूंज रही थी मुझे बड़ा फक्र महसूस होता है अपने बच्चों में प्यार देखकर जब मैं नहीं रहूंगी तो तुम सबको मेरी बातें बहुत याद आएंगी दादी ने कहा तो सानिया और अलीशा दोनों उनसे लिपट कर रोने लगी नहीं दादी अभी ऐसी बातें मत कीजिए आपको कुछ नहीं होगा आप ठीक हो जाएंगी सानिया ने कहा और अभी तो आपको इस अलीशा की शादी होते हुए भी देखना है सानिया की इस बात पर जहां अलीशा ने सानिया को घूर कर देखा तो दूसरी तरफ दादी को बहुत हंसी आई दादी को हंसता हुआ देखकर सब हंसने लगे और अलीशा का गुस्से से बुरा हाल था इस बात से उदास माहोल में खुशी छा गई दादी की शुगर काफी बड़ गई थी और बीपी लो हो गया था जिससे वह बहकी बहकी बातें कर रही थी डॉक्टर के इलाज से उनकी हालत में काफी सुधार था।

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जी नहीं जु़ऐब साहब में नहीं मिलना चाहती आपसे और मैंने आपको बोल दिया कि आपसे शादी नहीं करना तो नहीं करना बस आप मिलकर क्या समझाओगे मुझे मिस्टर ज़ुऐब अश्फाक वो फोन पर उस से मुखातिब थी खा नहीं जाऊंगा मैं आपको अलीशा मेरी लाइफ का सवाल है मिलकर एक वजह तो बता सकती हो मैडम आपको मेरी किस कमी की वजह से मुझसे शादी करने से इंकार कर रही हो अब ज़ुऐब को थोड़ा गुस्सा आ गया पहली और आखरी मर्तबा मेरी बात सुन लीजिए और इसे धमकी समझो आप या कुछ और आज शाम को मुझसे मिलने आप रेस्टोरेंट में जरूर आ जाना ज़ुऐब ने रेस्टोरेंट का एड्रेस बता कर फोन ऑफ कर दिया

समझता क्या है खुद को वह सानिया से बोली फोन का स्पीकर ऑन था सानिया सब सुन चुकी थी अरे यार तेरे साथ भी ना जाने क्या मसला है तुझे क्या खामी नजर आती है ज़ुऐब भाई मैं और एक बार मिलकर बात करने में क्या प्रॉब्लम है सानिया ने उसे समझाया चल ठीक है तू बोलती है तो मिल लेती हूं उससे अलीशा बोली।

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वह दोनों जब रेस्टोरेंट में पहुंची तो ज़ुऐब पहले से ही उनका इंतजार कर रहा था ब्लैक कलर की हाफ टीशर्ट पर ब्लू जींस के साथ हल्का सा बड़ा हुआ शेव और उस पर ब्लैक चश्मा लगाए हुए वह बहुत स्मार्ट लग रहा था अस्सलाम वालेकुम उसने मुस्कुराकर उन दोनों को सलाम किया वालेकुम अस्सलाम ज़ुऐब भाई सानिया ने बहुत खुश मिजाजी से जवाब दिया जबकि अलीशा के जवाब में रूखापन था सानिया क्या खाना पसंद करोगी आप वह सानिया से मुखातिब हुआ कुछ भी ज़ुऐब भाई जो आपको पसंद हो सानिया बोल दो ओके तुम्हें तिखा बहुत पसंद है तुम्हारे लिए तीखामंगवाता हूं ज़ुऐब ने ब

वेटर को इशारा किया आप क्या खाना पसंद करेंगी मोहतरमा वह अलीशा से बोला नो थैंक्स मुझे कुछ नहीं खाना अलीशा ने बहुत रूड बीहेव किया आपको तो अपनी डोज़ में मीठा ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए ज़ुऐब ने बहुत गौर से उसे देखा पहली बार इतना गुस्से में देखा था अलीशा को वो बहुत क्यूट लग रही थी उसे क्या मतलब आपका मीठा अच्छा नहीं लगता मुझे अलीशा बोली तभी बोल रहा हूं मैडम मीठा खाया करो प्यार से बोलना सीख जाओगी क्या सानिया ठीक कहा ना मैंने उसकी बात पर सानिया को हंसी आ गई क्या बेतुकी बात है ज़ुऐब साहब सानिया के हंसने पर वो सटपटा गई कूल बेबी इतना गुस्सा नहीं करते सेहत खराब हो जाएगी आपकी खूबसूरत चेहरे पर गुस्सा बिल्कुल अच्छा नहीं लगता ज़ुऐब कहां मानने वाला था और उसकी इस हरकत से ही अलीशा को बहुत चिढ़ थी उसे सानिया अपना मुंह दबाकर के हंसने लगी।और अलीशा दातं किच किचाती रह गई तो बताइए मैडम क्यों शादी से इंकार कर रही हूं मुझसे ज़ुऐब अपने सीने पर हाथ बांधे अलीशा से पूछ रहा था एक पल को आलीशा ने उस पर नजर डाली और यही वो पल था जो उसे ज़ुऐब के बारे में दोबारा सोचने पर मजबूर कर रहा था यह तो पहले से बिल्कुल बदला हुआ लग रहा है काफी स्मार्ट हो गया है घोचु उसके अंदर से आवाज आई अब कहां खो गई बेबी ज़ुऐब ने खास कर कहा अलीशा ने झेपकर नजरें झुका ली ज़ुऐब भाई आई थींक कि अलीशा चिड़िया उड़ती हुई देख रही थी सानिया ने ज़ुएब को आंख मारी तो ज़ुएब और सानिया जोरदार आवाज के साथ हंसने लगे अलीशा को लगा उसकी चोरी पकड़ी गई हो वो अपनी उंगलियां मड़ोड़ने लगी भाई सॉरी मेरी किसी फ्रेंड की कॉल है मैं अभी उससे बात करके आती हूं अलीशा सानिया ने उन दोनों से कहा और उठ कर जाने लगी जाते हुए वो ज़ुएब को कुछ इशारा करके गई जिसे अलीशा ने नहीं देखा था जी बेबी बताइए क्यों इंकार कर रही हो शादी से सानिया के जाते है बोला वह मुझे आपसे सानिया के जाते ही वो कुछ बोल नहीं पा रही थी अलीशा के बहुत रिक्वेस्ट करने पर ही सानिया उसके साथ आने पर राजी हुई थी हां बताइए मैं आपको पसंद नहीं हूं मगर क्यों यार ज़ुएब ने अपना चश्मा उतार कर अलीशा की तरफ देखा अलीशा यार इतना भी बुरा नहीं हूं मैं यार वह काफी सीरियस लग रहा था अलीशा आई लाइक यू वेरी मच उसने अपना हाथ अलीशा के मुलायम हाथ पर रखा एक पल के लिए तो वह कुछ बोल नहीं पाई उसकी समझ में नहीं आ रहा था वह क्या बोले ।

यार बचपन में तो हम सब ऐसी हरकतें करते हैं तो उसका यह मतलब नहीं होता है कि हम अभी भी वैसे ही है तुम भी बदल गई और मैं भी बदल गया हूं तुम अगर मुझसे शादी नहीं करना चाहती तो कोई बात नहीं जबरदस्ती नहीं है तुम पर लाइफ तुम्हारी है मगर सिर्फ एक वजह जानना चाहता हूं इंकार की वह आस भरी नजरों से अलीशा को देख रहा था।

ज़ुऐब साहब मेरा हाथ अलीशा ने आहिस्ता से कहा ज़ुऐब का हाथ अभी भी उसके हाथ पर था ओह.. ओके मगर क्या हमेशा के लिए हटा लू वो ज़ुऐब की आंखों में देखने लगी जहां उसके लिए बहुत प्यार था जवाब दीजिए मैडम ज़ुऐब बोला आप जानती हैं मैं क्या कहना चाहता हूं।वो मैं जी आप वो कुछ कहती इससे पहले ही सानिया अलादीन के चिराग के जिन की तरह वह हाजिर हो चुकी थी बहुत देर लगा दी आपने सानीया उसके कुर्सी पर बैठते हुए कहा जी हां जी वह मेरी दोस्त ऐसी ही है चिपक जाती है जैसे फेविकोल सानिया बोली ज़ुऐब के साथ सानीया अलीशा दोनों हंसने लगी अच्छी लगती हो हंसते हुए ज़ुऐब आलीशा से बोला वह खामोश रही सानिया चलो लेट हो गए हैं काफी अलीशा कुर्सी से उठते हुए बोली तो भेजू अम्मी को तुम्हारी तरफ फिर से ज़ुऐब ने सानिया को भी कुर्सी से उठते हुए देखा तो कहा अलीशा नजरें झुका कर हल्के से मुस्कुराने लगी और हां में गर्दन को हिला दिया।

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आज का दिन बहुत ही अच्छा था अलीशा ने ज़ुऐब से शादी के लिए हां कर दिया था और आज इंगेजमेंट थी अलीशा और ज़ुऐब की सब बहुत खुश थे कि फाइनली अलीशा ने शादी के लिए हां बोल दिया है दादी तो ऐसे कुछ हो रही थी जैसे उनकी मन की मुराद पूरी हो गई हो सानिया और अलीशा दादी के पास बैठी थी दादी अम्मी अब तो आप खुश है ना आपकी एक दुश्मन चली जाएगी फिर से सानिया ने अलीशा की तरफ देखकर आंख मारी अरे नहीं मेरी बच्ची ये तो रीत है दुनिया की लड़कियां तो चिड़ियों की तरह होती है आज इस डाल तो कल उस डाल दादी आज अच्छे मूड में थी दादी अम्मी आपकी शादी हुई होगी तो आप भी बहुत खुश होंगी ना सानिया ने दादी को छेड़ा नहीं मेरी बच्ची मैं तो बहुत रोई थी जब मेरे वालिदैन ने बहुत जल्दी शादी कर दी थी मेरी दादी अपनी तारीफ करने लगी अच्छा दादी आपने तो मुझे ये बताया था आपकी लव मैरिज हुई थी दादू आपसे छुप-छुपकर मिलते थे सानिया के साथ अलीशा ने भी अपनी हंसी को दबाया ऐ कम्बख्त झूठी मैंने कब बोली ये बात दादी को गुस्सा आना शुरू हो गया था अरे दादी अम्मी आपने ही तो बताया था कि दादू आपके कमरे की खिड़की से आपसे मिलने आते थे आप तैयार होकर अच्छे कपड़े पहन कर और मेकअप करके उनका इंतजार करती थी और बालों को खोल लेती थी तो दादू आपके बालों की तारीफ करते थे ये रेशमी जुल्फें ये शरबती आंखें इन्हें देख कर जी रहा हूं ऐसा बोलते थे दादू सानिया ने सरासर झूठ बोला अलीशा को अपनी हंसी काबू करना मुश्किल हो रहा था दादी का पारा हाई हो चुका था ओए झूठी की शहजादी मैंने तुझे कब बोला ये सब कमबख्त क्यों इल्जाम लगा रही है मुझ पर मैं भला क्यों मिलती उनसे मैं बहुत शरीफ लड़की थी तूने अगर और कुछ बोला तो अब मार खाएगी मुझसे दादी ने अपना एनक ठिक किया क्या दादी अलीशा के सामने शर्माईए मत ये भी अपनी है किसी से कुछ नहीं कहेगी आप की कसम सानिया ने दादी के गले में बांहें डाली अरे मेरी जान की जलैया मैंने कब कहा तुझसे ये सब दादी ने उसके हाथ हटाए दादी बड़बड़ करती हुई वहां से चली गई और सानिया और अलीशा ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी ।

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आज अलीशा के साथ सानिया भी बहुत खुश नज़र आ रही थी वो उसकी कजिन होने के साथ-साथ उसकी बेस्ट फ्रेंड थी यार अलीशा आज तू बहुत प्यारी नज़र आ रही है अलीशा जब शीशे के सामने अपने दुपट्टे का पल्लू सर पर ठीक से रखते हुए खुद को देख रही थी तब सानिया ने कहा तो वो खिलखिला कर हंसने लगी मगर यार एक रिक्वेस्ट है तुझसे तू ना मुझे कभी भूलना नहीं सानिया ने अपना मुंह लटकाते हुए कहा बला कि मासूमियत इस वक्त उसके लहजे में अलीशा को एकदम उस पर प्यार आया तो उसने सानिया के किस कर लिया मेरी जान क्या पागलों जैसी बातें कर रही है मैं ना जिस दिन तुझे भूली उस दिन मेरी जिंदगी का लास्ट डे होगा जो अलीशा ने उसे गले लगाते हुए कहा क्या यार फालतू बातें करती है तुझे तो अभी बहुत लंबी लाइफ गुजारनी है ज़ुऐब भाई के साथ आज के दिन ऐसी खराब बातें मत कर उसने भी उसे गाल पर किस किया मगर यार अलीशा तेरे जाने के बाद मैं अकेली ही दादी अम्मी की दुश्मन रह जाऊंगी कैसे जीतूंगी उनसे सानिया की आंखों में नमी आ गई थी उसने उस नमी को इग्नोर करते हुए कहा अरे यार ऐसा लग रहा है मेरी शादी अभी हो रही है तू भी ना अलीशा ने सानिया को अलग करते हुए कहा तो चौक गई सानिया की आंखों में बड़े-बड़े आंसू बह रहे थे अरे मेरी जान क्या हुआ तू रो क्यों रही है ऐसे अलीशा ने उसकी थोड़ी छूते हुए कहा तो वो तेज रोते हुए वापस उसके गले लग गई अलीशा पता नहीं आज कुछ अजीब सा लग रहा है मुझे अपने गले लगा ले अलीशा सानिया को इस तरह रोता हुआ देखकर परेशान हो गई क्या हुआ बाबू तेरी तबीयत तो ठीक है वो सानिया के लिए फिक्रमंद हुई पता नहीं अलीशा मेरी किडनी में दर्द हो रहा है सानिया बस इतना ही बोल पाई और बेदम सी अलीशा के कंधों पर टिक गई उसकी आवाज बंद हो चुकी थी अलीशा कि एक चिख निकली उसकी चिख सून कर सारे घर के लोग उसके रूम में आ गए अलीशा के पापा ने सानिया को उठाकर बेड पर लीटाया अम्मी ने अलीशा को नार्मल करने की कोशिश की वो बदहवास हो रही थी सारे मेहमान भी रूम में जमा हो गए थे सब अलीशा को समझा रहे थे सानिया को घर के जेन्स हॉस्पिटल ले गए थे।

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नहीं अम्मी ऐसा नहीं हो सकता उसे अभी साथ रहना है मेरे उसे कुछ नहीं होगा अलीशा पागलों जैसी हो गई थी जबसे उसे पता लगा था कि सानिया की दोनों किडनी फेल हो गई हैं वो ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाएगी अम्मी वो तो बिल्कुल ठीक थी ना कैसे यकीन करूं मैं इस बात का मुझे सब्र नहीं आ रहा इस बात पर वो अम्मी के गले लग कर फुल फूट कर रो रही थी अम्मी मुझे मिलना है अभी उससे प्लीज अम्मी ले चलिए मुझे उसके पास आप देखना मुझसे बात करके वो ठीक हो जाएगी वो शायद नाराज हो गई है मुझसे आप चलिए मुझे लेकर अलीशा होश में आओ मैं ले चल रही हूं तुमहे हॉस्पिटल में मगर अम्मी भी बहुत रो रही थी मगर क्या अम्मी वो हिचकियों के दरमियान बोली मगर अलीशा सानिया की ऐसी हालत नहीं है कि वो तुमसे बात कर सके अम्मी कहकर तेज रोने लगे वो अम्मी के साथ हॉस्पिटल नहीं आई रास्ते भर उसके आंसू नहीं रुके थे बार-बार उसे सानिया की बात याद आ रही थी जब वो हॉस्पिटल पहुंची तो वहां का मंजर देखकर अलीशा और उसकी अम्मी का दिल बैठने लगाने सानिया का इंतकाल हो चुका था चाची और चाचा रो रहे थे सब कुछ खत्म हो चुका था सानिया चली गई थी अपनी यादों को छोड़कर दादी की हालत बिगड़ गई वो बेहोश हो गई थी और अलीशा को तो लग रहा था उसकी दुनिया ही उदास हो गई है वो श्खसीयत जो उस से दूर चली गई थी जो हर सुख दुख में उसका साथ देती कितनी बार अलीशा की गलती अपने सर पर ले कर पिटाई खाई थी सानिया ने हमेशा उसके साथ चलना एक हस्ती खिलती हुई लड़की की ईतनी अचानक से मौत की आगोश में वो खो गई सानिया के कहे हुए लास्ट वर्ड अलीशा के कानों में गूंज रहे थे पता नहीं यार ऐसा लग रहा है मैं हमेशा के लिए अलग हो जाऊंगी तुझसे या अल्लाह मुझे सब्र दे अलीशा की अम्मी अलीशा को समझा रही थी मगर उसकी कमी कैसे और कौन पूरी करेगा जिंदगी का कोई भरोसा नहीं होता दोस्तों ये कब मत दे कोई नहीं जानता।

मगर इस कहानी का लास्ट लिखे हुए मेरी आंखों में आंसू आ गए हैं क्योंकि मेरी बेस्ट फ्रेंड भी ऐसे ही जुदा हो गई मुझसे उसका भी इंतकाल हो गया 6 महीने पहले।

जाने वो कौन सा देश जहां तुम चले गए इस दिल को लगा कर ठीक जाने वो कौन सा देश जहां तुम चले गए एक आह भरी होगी तुम ने जो हमने ना सुनी होगी जाते जाते तुमने आवाज तो दी होगी हर वक्त यही है गम उस वक्त कहां थे हम जहां तुम चले गए।


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