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Afsana Wahid writes Wahid

Inspirational

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Afsana Wahid writes Wahid

Inspirational

डॉक्टर साहब

डॉक्टर साहब

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यह तो हम सभी जानते हैं कि डॉक्टर्स की लाइफ बहुत ही चुनौतीपूर्ण होती है डॉक्टर की लाइफ में कुछ ना कुछ ऐसा होता है या कुछ ना कुछ उनको ऐसा करना पड़ता है जो उनके लिए बेहद मुश्किल होता है

आज एक बहुत अच्छे डॉक्टर को देखा मैंने जिन्हें देखकर दिल को बहुत अच्छा लगा मैं दिमाग में आया दिल ने कहा कि ऐसे भी लोग दुनिया में मौजूद है जो दूसरे लोगों की मदद करते हैं नहीं तो आज के वक्त में ऐसे लोग बहुत कम नजर आते हैं जो अपनी जात से किसी भी दूसरे इंसान की मदद कर सके फिर भी ऐसे लोग मौजूद हैं इस दुनिया में ही

 आज डॉक्टर साहब के पास एक पेशेंट आए थे वह पेशेंट काफी परेशान लग रहे थे उनकी तबीयत भी काफी खराब थी वह काफी डॉक्टर को दिखा चुके थे फिर किसी ने उन्हें इन डॉक्टर के बारे में बताया जिनका नाम सैयद अफाक था वह बहुत ही नफीस और सुलझे हुए किस्म के डॉक्टर हैं उन्होंने उस पेशेंट को बहुत अच्छे तरीके से देखा आज का दौर ऐसा है कि करो ना की वजह से डॉक्टर पेशेंट को हाथ तक नहीं लगाना चाह रहे हैं लेकिन वह डॉक्टर ऐसे हैं जिन्हें अपनी परवाह ना होकर पेशेंट की परवाह होती है उन्होंने बहुत ठीक से उस पेशेंट को देखा और यह समझाया कि आप इतने परेशान ना हो आपको इतनी दिक्कत नहीं है जो खुद को इतना बीमार समझ रहे हैं और यह जो दवाइयां मैंने दी है इससे आपको बहुत आराम मिलेगा और घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है उन्होंने सारी दवाइयां एक पॉलिथीन में डालकर उस पेशेंट को दे दी 

 उस स्टेशन ने वह पॉलिथीन अपने हाथ में लेकर डॉक्टर से पूछा डॉक्टर साहब कितने पैसे हुए आपके डॉक्टर साहब ने कहा ₹650 उस पेशेंट ने ₹650 सुनकर एकदम सोच में पड़ गया फिर उसने डॉक्टर साहब से कहा डॉक्टर साहब मेरे पास इतने पैसे नहीं है आप मुझे सिर्फ 1 दिन की दवाई दे दीजिए वह पेशेंट बहुत परेशान लग रहा था आया भी सिर्फ अकेला था उसके साथ में दूसरा कोई शख्स भी नहीं था

। डॉक्टर साहब ने मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखा और कहा आप यह सारी दवाई ले जाइए और मुझे थोड़े पैसे दे दीजिए बाकी के पैसों से आप बाहर की दवाई लीजिए यह दवाइयां आपके लिए बहुत जरूरी है और फिर कभी अगर आपके पास पैसे हो तो आप मुझे दे देना नहीं तो ऐसी कोई बात नहीं है अल्लाह आपकी मदद करने वाला है उस पेशेंट के दिल में एकदम तसल्ली हो गई और वह दवाई लेकर क्लीनिक से बाहर चला गया 

मैं इस मंजर को अपनी आंखों से वहां बैठकर देख रही थी मुझे बहुत अच्छा लगा डॉक्टर साहब का बिहेवियर डॉक्टर साहब ने उस गरीब की इस तरह हेल्प की होते हैं कोई डॉक्टर्स भी इस तरह के जो गरीबों का दर्द और उनकी परेशानी को समझ सके सेल्यूट है ऐसे डॉक्टर्स को सलाम करती हूं मैं ऐसे डॉक्टर प्यार।


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